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एक मिनट में 2 बार ढही सुरंग:पहले मजदूर का पैर दबा, फिर मौत बनकर गिरी मिट्‌टी; कंपनी का झूठ-वहां नहीं हो रहा था काम


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एक मिनट में 2 बार ढही सुरंग:पहले मजदूर का पैर दबा, फिर मौत बनकर गिरी मिट्‌टी; कंपनी का झूठ-वहां नहीं हो रहा था काम

एक मिनट में 2 बार ढही सुरंग:पहले मजदूर का पैर दबा, फिर मौत बनकर गिरी मिट्‌टी; कंपनी का झूठ-वहां नहीं हो रहा था काम

कोटा : कोटा में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर निर्माणाधीन सुरंग का हिस्सा शनिवार रात 12 बजे ढह गया। मलबे में दबने से एक मजदूर की मौत हो गई। तीन गंभीर घायल हो गए। हादसा रामगंजमंडी के मोड़क इलाके में बन रही टनल में हुआ।

हादसे की पड़ताल में सामने आया कि निर्माण में लगी फर्म हादसे के बाद लापरवाही छुपाने की कोशिश कर रही है।

  • तर्क दिया जा रहा है कि हादसे के दौरान वहां काम नहीं हो रहा था, जबकि ठेकेदार ने दावा किया है कि वहां सरिया और कंक्रीट का काम हो रहा था।
  • इसके अलावा मिट्‌टी एक बार नहीं, दो बार ढही थी। पहली बार मिट्‌टी ढही, तब मजदूर का सिर्फ पैर दबा। वो संभल पाता, इससे पहले डेढ़ टन मिट्‌टी फिर ढह गई।

पढ़िए पूरी रिपोर्ट…

सुरंग में मिट्‌टी हटाकर मलबे में दबे हुए मजदूर को बाहर निकालते हुए।
सुरंग में मिट्‌टी हटाकर मलबे में दबे हुए मजदूर को बाहर निकालते हुए।

कंपनी कर्मचारियों ने घटनास्थल पर जाने से रोका

टनल के आउटर एरिया का निर्माण कार्य मोड़क चेचट की तरफ चल रहा है। हमारी मीडिया टीम टनल के अंदर जाने लगी तो कंपनी कर्मचारियों ने परमिशन न होने की बात कहकर रोक दिया। मीडिया कर्मी ने परमिशन दिलाने के लिए कहा, लेकिन कर्मचारियों ने इनकार कर दिया।

इसी दौरान कर्मचारी ने अपने किसी अधिकारी को कॉल किया और मीडिया के आने की जानकारी दी। फोन पर बात होने के बाद उसने बताया कि कंपनी एचआर ने किसी को भी अंदर या घटनास्थल तक जाने से मना किया है। इसके बाद हमारी मीडिया टीम कैंप ऑफिस पहुंची तो वहां भी कोई अधिकारी या कर्मचारी नहीं मिला।

हमारे मीडिया कर्मी  ने साइट पर मजदूरों से बात की। उनका कहना था कि हादसे के बारे में सुना है, लेकिन उस समय वे वहां मौजूद नहीं थे। सेफ्टी के बारे में पूछने पर मजदूरों ने तर्क दिया कि बिना सेफ्टी उपकरण आउटर में काम करने के लिए नहीं जाने दिया जाता है।

घटनास्थल का फोटो, जहां मिट्टी ढही। इतनी मिट्‌टी ढही कि नीचे मशीन भी दब गई।
घटनास्थल का फोटो, जहां मिट्टी ढही। इतनी मिट्‌टी ढही कि नीचे मशीन भी दब गई।

मजदूरों पर गिरी डेढ़ टन मिट्‌टी

मजदूरों से बात करने के बाद हमारी मीडिया टीम दोनों टनल के बीच बने हुए रास्ते से घटनास्थल तक पहुंची। टनल आउटर एंट्री से करीब नौ सौ मीटर दूरी पर यह हादसा हुआ था। जिस जगह हादसा हुआ, वह जगह करीब 50 फीट ऊंची है।

हमारी मीडिया टीम ने घटनास्थल के फोटो लेने की कोशिश की, लेकिन कर्मचारियों ने मना कर दिया। इसी दौरान पुलिस प्रशासन की टीम भी जांच के लिए पहुंच गई। बातचीत में सामने आया कि 50 फीट की ऊंचाई से टनल आउटर की दीवार से मिट्टी का कटाव हुआ। करीब डेढ़ टन मिट्टी मजदूरों पर गिरी थी।

मिट्टी के साथ मलबा भी था। जेसीबी टेली हैंडलर मशीन को संचालित कर रहा कर्मचारी और 4 अन्य चपेट में आ गए। इनमें से एक मजदूर सामान्य स्थिति में था, जिसे अस्पताल ले जाने की जरूरत नही पड़ी। रविवार दोपहर एसपी ग्रामीण कोटा, एएसपी, डिप्टी समेत अधिकारियों ने मौके का निरीक्षण किया। कंपनी के कर्मचारियों से घटना की जानकारी ली।

टनल के इसी आउटर में हुआ था हादसा।
टनल के इसी आउटर में हुआ था हादसा।

कंपनी कर्मचारी बोले- काम नहीं चल रहा था, ठेकेदार बोला- काम हो रहा था

टनल का निर्माण कार्य कर रही कंपनी दिलीप बिल्डकॉन के कर्मचारी मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस अधिकारियों के आने के बाद कर्मचारी भी मौके पर पहुंचे। रिपोर्टर ने कर्मचारी सुमित उर्फ अभिषेक प्रताप सिंह से बात की तो उनका कहना था- जिस समय घटना हुई, साइट पर कोई काम नहीं हो रहा था। कर्मचारी शिफ्ट खत्म कर टनल की तरफ से आउटर से बाहर निकल रहे थे।

जेसीबी टेली हैंडलर मशीन पर दो कर्मचारी थे, जिसमें चलाने वाला भी था। वहीं तीन पैदल आ रहे थे। इस दौरान अचानक मिट्‌टी ढह गई। कर्मचारी शमशेर सिंह रावत (33) पुत्र लछम सिंह निवासी कोथी, देहरादून (उत्तराखंड) मिट्‌टी के नीचे दब गया। सुमित ने दावा किया कि शमशेर को 20 मिनट में रेस्क्यू कर लिया गया था, लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई थी।

रिपोर्टर ने हादसे में घायल मजदूरों के बारे में पूछा तो तर्क दिया कि वे बिल्कुल ठीक हैं और साइट से कुछ ही दूरी पर कैंप ऑफिस में है। इस पर जब हमारी टीम वहां पहुंची तो वहां कोई नहीं मिला। मजदूरों के बारे में जानकारी जुटाई गई तो सामने आया कि कंपनी कर्मचारियों ने उन्हें अपनी निगरानी में रखा है।

वहां पर मौजूद ठेकेदार संजय कुमार ने माना है कि साइट पर काम चल रहा था। उसी दौरान हादसा हुआ। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) अधिकारियों ने भी इस बात की पुष्टि की है। NHAI अधिकारियों ने इस मामले को लेकर जो बयान जारी किया है, उसके अनुसार मौके पर काम के दौरान ही हादसा हुआ था।

हालांकि NHAI का मानना है कि काम के दौरान सुरक्षा के उपकरण मजदूरों के पास थे। हादसा कैसे हुआ इसकी जांच के लिए कमेटी घटनास्थल पर जाएगी।

कंपनी से जुड़े अधिकारी एसपी को घटना और रेस्क्यू के बारे में जानकारी देते हुए।
कंपनी से जुड़े अधिकारी एसपी को घटना और रेस्क्यू के बारे में जानकारी देते हुए।

दूसरी बार ढही मिट्‌टी ने ली शमशेर की जान

कुछ मजदूरों ने नाम न छापने की शर्त पर बात की। उन्होंने बताया कि शनिवार रात एक मिनट में दो बार मिट्‌टी ढही थी। पहले मिट्‌टी का कुछ हिस्सा ढहा। इस दौरान मशीन पर मौजूद ऑपरेटर और एक मजदूर कूद गया था। वहीं कुछ अन्य मजदूर हल्की चपेट में आए थे।

शमशेर सिंह का पैर दब गया था। जैसे ही उसे निकालने की कोशिश की। फिर से मिट्‌टी ढह गई और शमशेर दब गया। जैसे-तैसे दूसरे मजदूरों ने ही उसे बाहर निकाला। इसके बाद मोड़क पुलिस को जानकारी दी गई।

तीन महीने पहले ही आया था मजदूर

ठेकेदार संजय कुमार ने बताया कि हादसे का शिकार हुए शमशेर को काम पर आए तीन महीने ही हुए थे।

शमशेर मूल रूप से उत्तराखंड का रहने वाला है। संजय भी वहीं का रहने वाला है।

इधर, मामले में मोड़क थानाधिकारी योगेश शर्मा ने बताया कि मृतक के घरवालों को जानकारी दे दी गई थी। ठेकेदार से भी बात हुई है। घरवालों के आने के बाद ही जो रिपोर्ट मिलेगी, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।

एएसपी रामकल्याण मीना ने बताया- हादसे के कारणों की जांच की जा रही है। तकनीकी रूप से जो कारण सामने आएंगे, उसके अनुसार एक्शन लिया जाएगा। हालांकि उनका कहना था कि मामले में शुरुआती तौर पर लापरवाही जैसी बात सामने नहीं आई है।

भास्कर टीम पहुंची तो मौके पर कई मजदूर थे, लेकिन कोई भी ऑन कैमरा बात करने को राजी नहीं हुआ।
हमारी मीडिया टीम पहुंची तो मौके पर कई मजदूर थे, लेकिन कोई भी ऑन कैमरा बात करने को राजी नहीं हुआ।

जिस दीवार से मिट्‌टी ढही, दो साल पहले खोदी गई थी

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर मुकुंदरा टाइगर रिजर्व (दरा) के पास आठ लेन वाली ग्रीन ओवरपास टनल बनाई जा रही है। कोटा के मुकुंदरा टाइगर रिजर्व की पहाड़ियों के नीचे 4.9 किमी लंबी सुरंग का निर्माण किया जा रहा है।

NHAI प्रोजेक्ट डायरेक्टर संदीप अग्रवाल ने बताया कि जिस टनल आउटर की दीवार से मिट्टी ढही है, वह दो साल पहले खोदी गई थी। सुरक्षा की दृष्टि से शॉटक्रीट और रॉक बाेल्ट से प्रोटेक्टेड थी। उन्होंने बताया कि अप्रूव्ड डिजाइन के अनुसार ही आउटर का निर्माण हो रहा है। दीवार की सेफ्टी के भी इंतजाम थे।

NHAI अधिकारियों के अनुसार- हादसे के वक्त वहां पर रीइन्फोर्समेंट बाइंडिंग का काम चल रहा था। NHAI ने शुरुआती तौर पर यह भी माना है कि काम के वक्त कर्मचारी सेफ्टी उपकरणों से लैस भी थे।

हालांकि हादसे को लेकर पुलिस का एक तर्क यह भी है कि खुदाई के दौरान जमीन से जो पानी निकल रहा है, उसे ऊपर पंप से छोड़ दिया जाता है। संभवत: इसी वजह से मिट्‌टी में कटाव हुआ और मिट्‌टी ढही। इस तर्क को लेकर NHAI के प्रोजेक्ट डायरेक्टर संदीप का कहना है- जांच के बाद ही क्लियर हो सकेगा कि मिट्टी ढहने के कारण क्या रहे।

क्योंकि दो साल से दीवार क्षतिग्रस्त नहीं हुई और इसमें कभी कोई हादसा नहीं हुआ। मिट्टी कटाव को रोकने के लिए भी इसमें शॉटक्रीट और रॉक बाेल्ट का उपयोग किया गया था। ऐसे में जांच के बाद स्थिति साफ होगी।

कोटा के रामगंजमंडी में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर बन रही इस टनल में हादसा हुआ।
कोटा के रामगंजमंडी में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर बन रही इस टनल में हादसा हुआ।

50 लाख का जुर्माना, नोटिस जारी

NHAI ने मामले में संज्ञान लेते हुए फर्म दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड पर 50 लाख का जुर्माना लगाया है। साथ ही कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। नोटिस टीम लीडर ऑफ अथॉरिटी इंजीनियर मैसर्स आईसीटी, मैसर्स हैक्सा, मैसर्स नोकांग इन्फ्रा को जारी किया गया है। इसमें कारण अपने स्तर पर लापरवाही बरतना बताया गया है। वहीं जो कमेटी बनी है, उसमें तीन सदस्य शामिल किए गए हैं। जो जांच कर रिपोर्ट देंगे।

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