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सिंघानिया विश्वविद्यालय में मनाया गया “सविंधान दिवस”


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सिंघानिया विश्वविद्यालय में मनाया गया “सविंधान दिवस”

सिंघानिया विश्वविद्यालय में मनाया गया “सविंधान दिवस”

पचेरी कलां : सिंघानिया विश्वविद्यालय, पचेरी कलां में सविंधान दिवस पुरे उत्साह और गर्व के साथ मनाया गया। इस विशेष अवसर पर कार्यक्रम की शुरुआत उपकुलपति डॉ पवन त्रिपाठी के स्वागत भाषण से हुई । उन्होंने कहा समाजिक परिवेश में आपसी सौहार्दपूर्ण वातावरण और इसमें सामंजस्य बनाये रखने के लिए सविंधान का महत्वपूर्ण योगदान हैं और विविध्ता में एकता की पुस्तक का नाम ही सविंधान हैं। डीन ऑफ़ रिसर्च डॉ सुमेर सिंह ने कवि अमलेंदु शुक्ला की ओर से लिखी गई कुछ लाइनें ‘मैं भारत का संविधान हूं, तुमको राह दिखाता हूँ’ सुनाकर संविधान के महत्व को दर्शाया और “हम सब भारत के लोग” वाक्य को सविंधान की खूबसूरती बताया। आधिकारिता मंत्रालय ने 19 नवंबर 2015 को एक अधिसूचना में 26 नवंबर को हर साल ‘संविधान दिवस’के तौर पर मनाने की बात कही थी।

असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ रुक्मणि राधास्वामी ने अपने स्लाइड प्रेजेंटेशन के माध्यम से सविंधान निर्माण में महिलाओं की भूमिका और उनके मौलिक अधिकारों के बारे में बताया। नर्मदा देवी सिंघानिया इंटरनेशनल स्कूल के प्रधानाचार्य डॉ विजय ने भी मंच पर “तुम्हारे हर समस्याओं का समाधान हूं मैं, कभी वक्त मिले तो जरूर पढ़ना, भारत का संविधान हूं मैं!” पंक्तियों के माध्यम से सविंधान क़े आदर्शो और प्रतिष्ठा को जीवंत किया । स्कूल के बच्चो ने भी “सविंधान में वर्णित अधिकारों” के ऊपर एक सुंदर नाटक का प्रस्तुतिकरण किया। डॉ प्रभात त्रिपाठी ने सविंधान में उल्लेखित मौलिक कर्तव्यों के ऊपर प्रकाश डाला।

विश्वविद्यालय की विद्यार्थी निकिता शर्मा ने भी सविंधान क़े महत्व क़े ऊपर स्पीच दी। डॉ शर्मिला यादव ने मंच का संचालन किया। लोक जनसम्पर्क अधिकारी डॉ. मोनिका सैनी ने कार्यक्रम का संयोजन किया।

सिंघानिया विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार मोहमद इमरान हाशमी जो की खुद क़ानून क़े एक प्रखर ज्ञाता हैं, ने सभी को धन्यवाद किया और सविंधान की बारीकियों को बड़े ही सहज ढंग से समझाया। उन्होंने कहा एक अच्छा नागरिक होने क़े लिए सविंधान को पढ़ना उतना ही जरूरी है, जितना की गीता और कुरान की पवित्र किताबे पढ़ना। ये एक आदर्श समाज क़े लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं।

कार्यक्रम के अंत में सभी ने मिस राखी राह क़े साथ संविधान की उद्देशिका को दोहराया और कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान की धुन से किया गया। इस अवसर संस्था का शिक्षण स्टाफ डीन अकादमिक डॉ अलोक कुमार, डीन मेडिकल डॉ नीरज मालवीय, डॉ धर्मपाल सिंह, डॉ सरिता तिवारी, डॉ प्रीती सेंगर, मीनू नैन, ज्योति रानी, सुहानी तनेजा, आशुतोष आर्य, कपिल कुमार, योगेश कुमार, स्कूल स्टाफ सीमा रानी, प्रवीण कुमार, कुलदीप शर्मा, प्रशासनिक अधिकारी विजेंदर शर्मा, नॉन टीचिंग स्टाफ गोकुल दास, सुशील कुमार, रोहित कुमार, अश्विनी कुमार, संदीप चौधरी, हरविंदर सिंह, प्रेम कुमार, संदीप शर्मा और सिंघानिया विश्वविद्यालय और स्कूल क़े विद्यार्थी भी मौजूद रहे।

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