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अमेजॉन पर लगाया 52 हजार 500 रुपए जुर्माना:कम्पनी ने नहीं दी डिलीवरी, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग का फैसला


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झुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

अमेजॉन पर लगाया 52 हजार 500 रुपए जुर्माना:कम्पनी ने नहीं दी डिलीवरी, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग का फैसला

अमेजॉन पर लगाया 52 हजार 500 रुपए जुर्माना:कम्पनी ने नहीं दी डिलीवरी, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग का फैसला

झुंझुनूं : झुंझुनूं जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष मनोज मील व सदस्या नीतू सैनी की बेंच ने अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में अमेजॉन को उत्पाद की डिलीवरी नहीं देने की स्थिति में 45 हजार रुपए मानसिक संताप एवं 7,500 रुपए परिवाद व्यय पेटे कुल 52 हजार 5‌ सौ रुपए परिवादी को देने के आदेश दिए हैं। ‌

मामला झुंझुनूं जिले के चिड़ावा तहसील के पिच्यानवां गांव का है जहां के संदीप जांगिड़ ने 19 अगस्त 2023 को 1,499 रुपए का वॉटर प्यूरीफायर अमेजॉन डॉट इन पर ऑनलाइन पेमेंट कर ऑर्डर किया था।

26 अगस्त तक भी डिलीवरी नहीं मिलने पर कस्टमर केयर से बात की तो बताया गया कि ऑर्डर लॉस्ट हो गया है। आप अपनी रकम रिफंड ले सकते हैं , लेकिन उपभोक्ता ने कहा कि उसे रकम रिफंड नहीं लेनी, बल्कि उत्पाद की सख्त आवश्यकता है।

कंपनी की जिम्मेदारी उत्पाद की डिलीवरी देना है, वह इससे इनकार नहीं कर सकती। इस पर अमेजॉन के प्रतिनिधि ने जवाब दिया कि उनके पास काफी संख्या में ऑर्डर होते हैं, तो कुछ आर्डर लॉस्ट हो जाते हैं, ऐसे में वह कुछ नहीं कर सकते। इस पर उपभोक्ता ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में परिवाद लगाया।

अमेजॉन का तर्क किया खारिज

सुनवाई के दौरान अमेजॉन के अधिवक्ता ने अपने बचाव में तर्क दिया कि एक तटस्थ मध्यस्थता ई-कॉमर्स प्लेटफार्म होने के नाते थर्ड पार्टी द्वारा ई-कॉमर्स मार्केट प्लेस पर बेचे गए उत्पादों से उत्पन्न किसी विवाद के लिए अमेजॉन कंपनी जिम्मेदार नहीं है। जिसे खारिज करते हुए जिला आयोग ने कहा कि अमेजॉन द्वारा परिवादी के नाम से स्पष्ट रूप से रसीद जारी की गई है।

थर्ड पार्टी और उपभोक्ता के बीच किसी तरह का कोई संव्यवहार या पत्राचार भी नहीं हुआ है। इसलिए अमेजॉन को सेवा प्रदाता माना जाना उचित है। आयोग ने कहा कि अमेजॉन ने ऐसी कोई दस्तावेज पेश नहीं किया, जिससे यह साबित हो कि उपभोक्ता को राशि रिफंड की गई हो अथवा उत्पाद डिलीवर किया गया हो। आयोग ने यह भी कहा कि यदि अमेजॉन का उपभोक्ता से सेवा प्रदाता का संबंध नहीं होता तो अमेजॉन अपने जवाब में परिवादी को राशि वापस लौटने की बात क्यों कहता?

आयोग की टिप्पणी

आयोग ने आदेश में टिप्पणी की है कि अमेजॉन द्वारा डार्क पैटर्न के अनुचित व्यवहार को अपनाया गया है, जो कि ऑनलाइन मार्केटिंग व डिजिटल इंडिया प्लेटफार्म से संबंधित भारत सरकार की फ्लैगशिप योजना की पवित्रता को खंडित करने का प्रयास है।

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