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नीमकाथाना में मनाया शरद पूर्णिमा महोत्सव:रात 12 बजे भगवान को लगाया खीर का भोग, मंदिरों में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़


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नीमकाथाना में मनाया शरद पूर्णिमा महोत्सव:रात 12 बजे भगवान को लगाया खीर का भोग, मंदिरों में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

नीमकाथाना में मनाया शरद पूर्णिमा महोत्सव:रात 12 बजे भगवान को लगाया खीर का भोग, मंदिरों में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

नीमकाथाना : नीमकाथाना में शरद पूर्णिमा महोत्सव श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। मंदिरों में बुधवार रात को भजन संध्या हुई। मंदिरों को आकर्षक रूप से सजाया गया। रात 12 बजे विभिन्न मंदिरों में भगवान को खीर का भोग लगाकर प्रसाद वितरण किया गया। इस दौरान लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।

शरद पूर्णिमा की रात को घरों और मंदिरों में खीर बनाकर भोग लगाया गया। शहर सहित ग्रामीण इलाकों के मंदिरों में उत्सव मनाया गया। शहर के नृसिंह मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों और गणेश्वर धाम सहित अनेक मंदिरों में शरद पूर्णिमा महोत्सव मनाया गया। मंदिर के महंत बजरंग दास ने बताया कि शरद पूर्णिमा का हिंदू धर्म शास्त्र में विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यता के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा की किरणों से अमृत की वर्षा होती है। उसी के फलस्वरूप खीर का प्रसाद बनाकर चन्द्रमा के किरणों के नीचे रखा जाता है। उसके बाद भगवान का भोग लगाकर वितरण किया जाता है। शरद पूर्णिमा का धार्मिक एवं वैज्ञानिक महत्व भी है।

इस पर्व पर चन्द्रमा से निकलने वाली शीतल और अमृत किरणों से संचित खीर खाने से दमा रोग में फायदा होता है और वर्ष भर स्वस्थ रहते हैं। मध्य रात्रि के बाद श्रद्धालुओं के बीच खीर का प्रसाद वितरित किया। रात में चंद्रमा निकलने के बाद खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखी एवं भगवान को भोग लगाकर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया।

आज दाऊ धाम में होगा महोत्सव

आज दाऊ धाम में 200 क्विंटल से ज्यादा दूध की खीर बनेगी। रात 12 बजे ठाकुर जी को भोग लगेगा। जिले में का एक मात्र दाऊ धाम है जिसमें टैंकरों से शरद पूर्णिमा महोत्सव पर खीर के लिए टैंकर से दूध लाया जाता है।

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