5 करोड़ की सरकारी जमीन के लिए खूनी खेल:अजमेर के रूपनगढ़ में भूमाफिया की गोली से जिसकी मौत हुई, वो एक मजदूर है
5 करोड़ की सरकारी जमीन के लिए खूनी खेल:अजमेर के रूपनगढ़ में भूमाफिया की गोली से जिसकी मौत हुई, वो एक मजदूर है

अजमेर : अजमेर के रूपनगढ़ में 22 सितंबर (रविवार) को हुए खूनी खेल के पीछे 5 करोड़ की सरकारी जमीन है। जमीन विवाद में मामला इतना गरमा गया कि गोलियां चलने लगीं। भूमाफिया की गोली से एक मजदूर की मौत भी हो गई है। एक अन्य घायल है। बदमाशों ने लोगों को गाड़ियों से कुलचने का भी प्रयास किया।
जमीन पर पहले से कुछ लोगों ने अपना कब्जा बताते हुए 12 दुकानें बनाने के लिए पंचायत समिति से परमिशन ले ली थी। पैसे भी जमा हो गए थे। जैसे ही निर्माण शुरू हुआ, रविवार सुबह करीब 10.30 बजे हथियारों से लैस होकर आए बदमाशों ने हमला बोल दिया। पुलिस पड़ताल में किशनगढ़ के पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया के बेटे भंवर सिनोदिया हत्याकांड में शामिल रहे बलवाराम चौधरी के भांजे का नाम सामने आया है।

पुलिस थाने से महज 250 मीटर पर अंधाधुंध फायरिंग
पड़ताल में सामने आया कि जिस जगह पर खूनी संघर्ष हुआ, वहां से रूपनगढ़ पुलिस स्टेशन महज 250 मीटर की दूरी पर है। बावजूद इसके दोनों पक्षों में तकरीबन 20 मिनट तक संघर्ष होता रहा। फायरिंग की गई, गाड़ियों और जेसीबी में तोड़फोड़ की गई।
सरपंच ने बताई जमीन पर विवाद की पूरी कहानी
इस मामले में रूपनगढ़ सरपंच इकबाल छींपा से बात की। पहले तो वो कुछ भी बताने को तैयार नहीं हुए। हमारे मनाने पर उन्होंने बताया कि जिस जगह को लेकर ये कांड हुआ है, वो तकरीबन 200 वर्गगज की जगह पंचायत की जगह थी। यहां पहले से ही हीरालाल पुत्र भंवरलाल जाट, कैलाश बेनीवाल पुत्र चौथूराम बेनीवाल, श्रवण पुत्र उगमाराम, रेहाना बेगम अब्दुल फिरोज, नंदलाल पुत्र श्रवण लाल और बहादुर खां पुत्र कायम खां सहित कुछ लोग कब्जा करके बैठे थे।

साल 2021 के आसपास इन सभी ने ग्राम पंचायत में अपने पट्टे के लिए आवेदन किया था। इस पर ग्राम पंचायत बोर्ड के सदस्य मौके पर गए और उनके आवेदन की जांच की गई। इस जांच में इन सभी के कब्जे प्रमाणित माने गए थे। इसके बाद इनसे नियमानुसार सरकार की डीएलसी राशि जमा करवा कर इन्हें पट्टे देने की अनुशंसा कर दी गई थी।
इसके बाद ग्राम पंचायत ने कोरम बैठक में बोर्ड का प्रस्ताव लेकर इन सभी को पट्टे देने का निर्णय किया। ये भी प्रस्ताव लिया गया कि अगर पंचायत नियमानुसार इन्हें पट्टे नहीं दे सकती है तो इनकी फाइल को जिला परिषद और पंचायत समिति को फॉरवर्ड कर दें।

किसी पक्ष ने पहले नहीं जताई थी आपत्ति
सरपंच इकबाल छींपा के मुताबिक, इसके बाद हमने कब्जा शुदा प्रार्थियों से जमीन की डीएलसी राशि की एक चौथाई रकम जमा करवा ली थी। साल 2021 से इन्हीं का यहां कब्जा चला आ रहा है। इसके बाद इन्होंने अपनी सम्पूर्ण डीएलसी राशि पंचायत में जमा करवा दी थी। पंचायत इस जमीन पर इन्हीं का कब्जा और हक मानती है।
वहीं आज तक हमारे पास इस जमीन को लेकर किसी भी अन्य पक्ष से न तो कोई आपत्ति आई और न ही कोई दावा आया है। ऑन रोड होने के कारण इस जमीन की कीमत 5 करोड़ से भी ज्यादा आंकी जा रही है।

इसके बाद हमने पंचायत की तरफ से माने गए सभी कब्जा धारकों से मिलने का प्रयास किया तो मौके पर कोई भी नहीं मिला। रूपनगढ़ पुलिस स्टेशन के बाहर जीवन खां नाम के शख्स ने बताया कि वो कब्जेदारों में से एक बहादुर खां के भाई हैं।
ऑफ कैमरा बताया कि इस जमीन के लिए अलग-अलग लोगों ने 12 दुकानों के लिए कब्जाधारियों ने करीब पौने दो लाख से लेकर दो लाख रुपए जमा करवाए थे। साथ ही डीएलसी रकम भी जमा करवा दी थी। इसके बाद सरपंच ने कहा था कि अब आप लोग यहां दुकानें बना सकते हो।

आरोप- बलवा राम चौधरी ग्रुप ने दी थी जान से मारने की धमकी
जैन छात्रावास के आगे पड़ी जमीन पर 5 कब्जा धारकों ने निर्माण शुरू करवाया था। बाकी लोगों ने श्राद पक्ष के चलते काम स्टार्ट नहीं करवाया था। जीवन खां का आरोप है कि एक दिन पहले ही बलवा राम चौधरी (बीआरसी) ग्रुप के दिनेश ने मौके पर आकर धमकी दी थी कि यहां कब्जे करने का प्रयास मत करना नहीं तो जान से हाथ धो सकते हो। इसके बाद आज ये हो गया।
जीवन खां ने बताया कि फायरिंग में मरने वाला रामसर (रूपनगढ़) निवासी शकील लंगा (25) निर्माण काम करने वाला मजदूर था। वहीं दूसरा घायल नारायण (32) पुत्र नानूराम कुमावत ठेकेदार था। उनका किसी की लड़ाई से कोई लेना- देना नहीं था।

FIR में आरोप- जेल में बंद बलवाराम ने भांजे के मोबाइल से बात कर धमकाया था
22 सितंबर की रात 11 बजे जीवन खां ने बीआरसी ग्रुप के प्रदीप, नाहरू, दिनेश चौधरी, पुखराज, नरेश और हनुमान सहित कई अन्य के खिलाफ मामले की एफआईआर दर्ज करवा दी। इस एफआईआर में जीवन खां ने बताया है कि उसके भाई बहादुर खां की 12 दुकानों की जमीन में से दो दुकानों की जमीन थी।
एक दिन पहले वो और उसका भाई बहादुर खां अपने रिश्तेदार फिरोज व अन्य लोगों के साथ मौके पर साफ-सफाई करने पहुंचे थे। वहां पर बलवाराम के भांजे दिनेश ने आकर धमकाया था। इसके बाद दिनेश ने फिरोज को खुद के मोबाइल से बलवाराम से बात करवाई थी। इसके बाद फिरोज ने हमें बताया कि बलवाराम काम करने से मना कर रहा है। कह रहा है कि अगर काम करना है तो पहले उससे बात कर लेना। इसके बाद वो सब काम बंद कर चले गए थे। सुबह वहां काम करने पहुंचे थे। नींव खुदाई करने के दौरान सबसे पहले नाहरू बोलेरो लेकर आया था। उसने हमें काम करने से मना किया और नहीं मानने पर धमकाता हुआ वहां से चैलेंज देकर निकल गया। इसके बाद ही सभी आरोपी एक राय होकर वहां पहुंचे और हमला कर दिया। मौके पर इन आरोपियों की तरफ से की गई फायरिंग में वहां काम कर रहे मजदूर शकील लंगा की गोली लगने से मौत हो गई। वही ठेकेदार नारायण पुत्र नानूराम कुमावत घायल हो गया।
उधर, डीएसपी ग्रामीण सत्यनारायण के मुताबिक, किशनगढ़ के पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया के बेटे भंवर सिनोदिया हत्याकांड के आरोपी बलवा राम चौधरी के भांजे दिनेश चौधरी की गाड़ी मौके पर मिली है। हमें शक है कि फायरिंग दिनेश चौधरी और उसके साथियों ने की है। इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में लिया है, जो अलवर का रहने वाला है।