जयपुर : राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की 27-28 सितंबर को होने वाली सीईटी में कई अभ्यर्थियों को 200 से 550 किमी दूर जाना होगा। इसको लेकर अभ्यर्थियों में नाराजगी है। प्रदेश के 50 में से 25 जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। सबसे अधिक उन जिलों के अभ्यर्थियों को परेशानी होगी, जिनमें सेंटर नहीं है।
हालांकि बोर्ड का कहना है कि 99% अभ्यर्थियों को गृह जिले या नजदीकी जिले में केंद्र दिया है। महिलाओं और दिव्यांग को गृह जिले से बाहर नहीं भेजा है। नेशनल फ्रीडम यूनियन के अध्यक्ष हनुमान किसान का कहना है कि अभ्यर्थियों को 500 किमी दूर तक परीक्षा केंद्र देना गलत है। बता दें कि इसमें 13.04 लाख अभ्यर्थी शामिल होंगे। परीक्षा 4 चरणों में हो रही है।
केस 1 ईश्वरलाल बांसवाड़ा के रहने वाले हैं, लेकिन परीक्षा के लिए जयपुर आना होगा। यह करीब 550 किमी दूर है। ईश्वर ने बताया कि उसे बांसवाड़ा के पास ही डूंगरपुर या उदयपुर में केंद्र दे दिया जाता तो अच्छा रहता। डूंगरपुर मेरे 30 किमी और उदयपुर करीब 100 किमी दूर ही पड़ता।
केस 2 मनफूल जोधपुर जिले के रहने वाले हैं, लेकिन परीक्षा के लिए बीकानेर जाना होगा। मनफूल ने कहा की बोर्ड ने 250 किमी दूर परीक्षा केंद्र दिया है, जबकि गृह जिले या नजदीकी जिले में परीक्षा केंद्र दिया जा सकता था। यहां तो मेरा संभाग ही बदल दिया।
केस 3 नरेश जालौर जिले के रहने वाले हैं। सीईटी का परीक्षा केंद्र बूंदी दिया है। नरेश ने बताया कि 350 किमी दूर परीक्षा केंद्र देने से परेशानी खड़ी हो गई है। एक घंटे पहले प्रवेश बंद कर दिया जाता है। बोर्ड को परीक्षा केंद्र आवंटित करते समय ध्यान देना चाहिए था। सुरेश कुमार सांचौर के रहने वाले हैं। परीक्षा केंद्र अजमेर दिया है। सुरेश ने बताया कि बोर्ड ने 450 किमी दूर परीक्षा केंद्र देकर हमारे साथ अन्याय किया है। हम अपनी पीड़ा किसे सुनाए।
पहले 10 जिलों में परीक्षा हुई थी, इस बार 25 जिलों में केन्द्र
“बोर्ड ने सिर्फ 20 दिन में 13 लाख अभ्यर्थियों की परीक्षा की तैयारी पूरी कर ली। 99% अभ्यर्थियों को गृह जिले या नजदीकी जिले में केंद्र दिया है। कुछ को गृह या नजदीकी जिले में केंद्र नहीं मिला, क्योंकि क्षमता पूरी हो चुकी थी। पिछली बार 10 जिले में सीईटीहुई थी। इस बार 25 जिलों में परीक्षा करा रहे हैं, ताकि परेशानी न हो।” -आलोक राज, अध्यक्ष, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड