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जैविक खेती के तहत मूंग फसल पर सम्पन्न हुआ एक दिवसीय प्रशिक्षण एवं प्रक्षेत्र दिवस कार्यक्रम : किसान हुए सम्मानित


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जैविक खेती के तहत मूंग फसल पर सम्पन्न हुआ एक दिवसीय प्रशिक्षण एवं प्रक्षेत्र दिवस कार्यक्रम : किसान हुए सम्मानित

जैविक खेती के तहत मूंग फसल पर सम्पन्न हुआ एक दिवसीय प्रशिक्षण एवं प्रक्षेत्र दिवस कार्यक्रम : किसान हुए सम्मानित

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : चंद्रकांत बंका

झुंझुनूं : रामकृष्ण जयदयाल डालमिया सेवा संस्थान एंव राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक एंव ग्राम वाटरशेड समिति, मालुपुरा के संयुक्त तत्वाधान में संचालित नाॅन वाटरशैड परियोजना, समन्वित कृषि प्रणाली अन्तर्गत चिड़ावा के मालुपुरा ग्राम में एक दिवसीय प्रक्षेत्र दिवस एवं प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। आयोजन प्रगतिशील किसान जयपाल पुत्र धुडाराम के खेत पर फसल – मूंग कि किस्म आई.पी.एम. 2-3 (आधार बीज) पर आयोजित किया गया जिसमे कुल 72 किसानों ने भाग लिया।

जैविक खेती को बढावा देने एंव किसानों को ज्यादा से ज्यादा जैविक खेती अंतर्गत लाभान्वित करने, वैज्ञानिक तकनिकियों का अनुसरण एवं उन्नतशील बीज की अवस्यकता एवं महत्वता समझाने के उदेश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि कृषि वैज्ञानिक एवं पूर्व निदेशक, प्रसार बीकानेर विश्वविद्यालय डाॅ. हनुमान प्रसाद विशिष्ट अतिथि राधेश्याम पारिक, सहायक निदेशक, कृषि विस्तार चिड़ावा, संस्थान के परियोजना प्रबंधक भूपेन्द्र पालीवाल, कृषि एंव वानिकी समन्वयक शुबेन्द्र भटट्, जल संसाधन व ग्रामीण विकास समन्वयक संजय शर्मा, ग्राम विकास समिति के कोषाध्यक्ष शेरसिंह एवं सचिव महताब भगत उपस्थित रहे । कार्यक्रम के दौरान कंट्रोल एवं डेमो फसल उत्पादित खेतो में अंतर बताकर किसानों को उन्नतशील बीज, समय से संसाधन प्रयोग एवं वैज्ञानिक तकनीकियों के महत्व से अवगत कराया गया।

डाॅ हनुमान प्रसाद ने किसानों को कम लागत, पानी एवं उर्वरक के प्रयोग से अधिक उत्पादन, परम्परागत खेती के बदले नवीनतम तकनीकियों के प्रयोग, पशुपालन एवं बागवानी फसलों के उत्पादन से आय संवर्धन हेतु विचार करने एवं कृषि सम्बधित सरकारी योजनाएं के बारे में विस्तृत रूप से बताया, साथ ही उन्होंने पानी का सही तरीके से संतुलित अनुपात में उपभोग करने के तरीकों से अवगत कराते हुए भावी पीढ़ी के लिए जल संरक्षण संबंधी विषयों पर प्रकाश डालकर किसानों को वर्ष भर हरे चारे के महत्व एवं उपलब्धता के बारे में भी समझाया। सहायक निदेशक द्वारा खेती में होने वाले पलायन एवं ग्रामीण परिवेश में स्वयं के उपभोग हेतु आधारभूत उत्पादन में आने वाली कमी का वर्णन करते हुए उपस्थित किसानों को सरल शब्दों में उन्नतशील खेती की विधियों के बारे में बताया गया ।

संस्थान के परियोजना प्रबंधक भूपेन्द्र पालीवाल ने समन्वित कृषि प्रणाली अंतर्गत संस्थान द्वारा नाबार्ड के माध्यम से किए जा रहे कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

कृषि एंव वानिकी समन्वयक शुबेन्द्र भटट् ने किसान द्वारा लगाये गये आधार बीज (फाउण्डेशन सीड) की गुणवत्ता पर प्रकाश डालते हुए किसानों को बुवाई से पूर्व एंव कटाई से पश्चात तक की फसल प्रबंधन एंव उत्पादन की नई तकनीकियो पर जोर देते हुए किसानों को फसल उत्पादन में समय की महत्वता के बारे में विस्तार से बताया। भटट् द्वारा राष्ट्रीय जैविक एंव प्राकृतिक खेती केंद्र अंतर्गत संचालित परियोजना के बारे में भी किसानों को विस्तार से बताया गया।

कार्यक्रम संचालन का कार्य संस्थान के क्षेत्रिय अधिकारी अजय बलवदा द्वारा किया गया। उन्होने संस्थान की गतिविधीयों पर प्रकाश डालते हुए आगामी गतिविधीयों के बारे में जानकारी प्रदान की।

अतिथिओ द्वारा जानकारी प्रदान कारने के उपरांत प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमे विजेता किसानों को सम्मानित भी किया गया। अंत में संजय शर्मा द्वारा सभी किसानों एवं अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

इस अवसर पर धुडाराम, बनवारी लाल, होशियार सिंह, नूनिया, श्रीचन्द सोमरा, दयाराम मास्टर, ओमप्रकाश शर्मा, राजेश, दीपचन्द, मन्दरूप, रोहताश, होश्यिार जांगिड, माईपाल, सुनिता, धर्मादेवी, सजना, सिलोचना, शर्मिला, विद्याधर, हनुमान, रघुवीर, हवासिंह सहित आदि उपस्थित थे।

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