[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

कलेक्टर की गोद ली हुई बेटी की बिगड़ी तबीयत:डीबी अस्पताल में कराया भर्ती, तबीयत में सुधार होने पर आईसीयू वार्ड में किया शिफ्ट


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
चूरूटॉप न्यूज़देशराजस्थान

कलेक्टर की गोद ली हुई बेटी की बिगड़ी तबीयत:डीबी अस्पताल में कराया भर्ती, तबीयत में सुधार होने पर आईसीयू वार्ड में किया शिफ्ट

कलेक्टर की गोद ली हुई बेटी की बिगड़ी तबीयत:डीबी अस्पताल में कराया भर्ती, तबीयत में सुधार होने पर आईसीयू वार्ड में किया शिफ्ट

चूरू : अपनी बेटी योजना के अंतर्गत साल 2016 में तत्कालीन जिला कलेक्टर ललित गुप्ता की ओर से गोद ली हुई लक्ष्मी की गुरुवार शाम तबीयत बिगड़ गई। जिसको निजी वाहन से डीबी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड पहुंचाया गया, जहां मौजूद डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ ने उसका इलाज किया। सूचना मिलने पर मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. गजेन्द्र सक्सेना और अस्पताल अधीक्षक डॉ. हनुमान जयपाल अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने डॉक्टर से लक्ष्मी के इलाज के बारे में जानकारी ली।

गोद ली हुई बेटी की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिलने पर जिला कलेक्टर पुष्पा सत्यानी भी अस्पताल पहुंची। जिसने लक्ष्मी से मिलकर उसका हाल जाना। उसके तबीयत और इलाज के बारे में डॉक्टरों से जानकारी ली। जिला कलेक्टर सत्यानी ने लक्ष्मी के पास बैठकर उसके स्वास्थ्य संबंधी भी जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. गजेन्द्र सक्सेना और अस्पताल अधीक्षक डॉ. हनुमान जयपाल से लक्ष्मी के इलाज के बारे में जानकारी ली। सूचना पर एसडीएम बिजेन्द्र सिंह, डीएसपी सुनील झाझड़िया, कोतवाली थाना से एएसआई सुरेश कुमार भी अस्पताल पहुंचे। प्राथमिक इलाज के बाद लक्ष्मी की तबीयत में सुधार होने के बाद उसको ऑब्जर्वेशन के तौर पर आईसीयू वार्ड में शिफ्ट किया गया।

बाल अधिकारिता विभाग के उप निदेशक नरेश बारोठिया ने बताया कि साल 2016 में अपनी बेटी योजना के अंतर्गत तत्कालीन जिला कलेक्टर ललित गुप्ता ने लक्ष्मी को गोद लिया था। उस समय लक्ष्मी 10 साल की थी। फिलहाल वह 18 वर्ष की है। जिसका कॉलेज में एडमिशन है। सूचना मिलने पर अस्पताल में सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक नगेन्द सिंह राठौड़ और परीविक्षा अधिकारी सुशीला देवी भी अस्पताल पहुंचीं।

Related Articles