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झुंझुनूं विधानसभा उपचुनाव में भाजपा में होगा खेला


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झुंझुनूं विधानसभा उपचुनाव में भाजपा में होगा खेला

झुंझुनूं विधानसभा उपचुनाव में भाजपा में होगा खेला

राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला पिलानी, वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक चिंतक

छः विधानसभा उपचुनावो को लेकर भाजपा एक्सन मोड मे आ गई है। इसी कवायद को लेकर उपचुनावों वाली विधानसभा क्षेत्रों में नव नियुक्त‌ भाजपा प्रदेशाध्यक्ष व राजस्थान प्रभारी दौरा कर कार्यकर्ताओं का मन टटोलने के साथ ही फीडबैक ले रहे हैं । इन उपचुनावो को लेकर देखा जाए तो झुन्झुनू की सबसे हाट सीट है। झुंझुनूं कांग्रेस का अजेय गढ़ रहा है । बिजेंद्र ओला के सांसद बनने के बाद झुंझुनूं में उपचुनाव होने है। कांग्रेस की तरफ से ओला परिवार को ही टिकट मिलना तय है क्योंकि बिजेंद्र ओला इसी शर्त पर शायद दिल्ली गये थे।

भाजपा की बात करें तो पिछले दो चुनावों के अधिकृति भाजपा उम्मीदवार व बागी रहे उम्मीदवार अपनी दावेदारी जता रहे हैं । इसको लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के झुंझुनूं दौरे में यह बात स्पष्ट देखने को मिली और दो जगह प्रदेश अध्यक्ष का सम्मान किया। यह सम्मान नहीं बल्कि अपने समर्थकों के साथ उनका शक्ति प्रदर्शन था जैसा कि हर बार कोई प्रदेश स्तर का नेता झुंझुनूं आता है तो यही नाटक देखने को मिलता है। इसको लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने नाराजगी जताई कि ढाणियों में बंटी भाजपा उप चुनाव नहीं जीत सकतीं। मदन राठौड़ ने कहा कि नेताओं को अपनी निजी महत्वाकांक्षा का परित्याग करना होगा व संगठन को प्राथमिकता देनी होगी। लेकिन मदन राठौड़ को शायद भान नहीं कि यदि जिले में संगठन ही होता तो विधानसभा चुनावों व लोकसभा चुनावों में भाजपा की भद्द नहीं पिटती । लोकसभा के उम्मीदवार शुभकरण चौधरी के बयान को शायद मदन राठौड़ ने गंभीरता से नहीं लिया जिसमें उन्होंने अपनी हार का मुख्य कारण भाजपा में मची गुटबाजी को बताया था। वैसे यदि पिछले विधानसभा के नतीजों पर नजर डालें तो झुंझुनूं में भाजपा को कांग्रेस नहीं बल्कि भाजपा ही हराती आई है। इसका मूल कारण भाजपा की टिकट वितरण निती है उसके कारण भाजपा का परम्परागत वोट कांग्रेस की तरफ खिसक जाता है बाकी कसर भाजपा का ही बागी उम्मीदवार पूरी कर देता है।

लोकसभा चुनावों में विजेन्द्र ओला की जीत के बाद यहां भाजपा के नेताओं को जीत सुनिश्चित दिख रही है और यही कारण है कि एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति बन रही है । लेकिन परिस्थितियां जिस तरह से बन रही है उससे लगता है कि इन उपचुनावो में भी भाजपा के साथ खेला होने वाला है ।

राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला पिलानी, वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक चिंतक

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