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हेलिकॉप्टर के सवाल पर किरोड़ीलाल बोले- मैं सड़कछाप आदमी:घूमता रहता हूं; मेरी नाराजगी खुद से, भवानी जागेगी तब मान जाऊंगा


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हेलिकॉप्टर के सवाल पर किरोड़ीलाल बोले- मैं सड़कछाप आदमी:घूमता रहता हूं; मेरी नाराजगी खुद से, भवानी जागेगी तब मान जाऊंगा

हेलिकॉप्टर के सवाल पर किरोड़ीलाल बोले- मैं सड़कछाप आदमी:घूमता रहता हूं; मेरी नाराजगी खुद से, भवानी जागेगी तब मान जाऊंगा

जयपुर : किरोड़ीलाल मीणा ने हेलिकॉप्टर नहीं मिलने के कारण नाराजगी की चर्चाओं का खंडन किया है। किरोड़ी ने हेलिकॉप्टर के सवाल पर कहा- हेलिकॉप्टर को लेकर बेवजह विवाद पैदा किया जा रहा है। इस मुद्दे पर मेरी कोई नाराजगी नहीं है। मैं तो सड़कछाप आदमी हूं। सड़क पर घूमता रहता हूं।

कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए किरोड़ीलाल मीणा ने कहा है कि आपदा मंत्री बाढ़ में घूम रहा है। मैं भरतपुर, बयाना हिंडौन, करौली घूम कर आया हूं। भगवान न करे कि कहीं फिर से बाढ़ आए। जहां-जहां आपदा आएगी, मैं वहां जाऊंगा।

मेरी नाराजगी खुद से, भवानी जागेगी तब मान जाऊंगा
किरोड़ी लाल मीणा ने कहा- मुझे मनाने की जरूरत नहीं है। मैं पार्टी, मुख्यमंत्री या फिर किसी और व्यक्ति से नाराज नहीं हूं। मेरी नाराजगी खुद से है। मैं 45 साल से जनता के बीच में रहकर संघर्ष कर रहा हूं, लेकिन जनता के संघर्ष को वोटों में बदल पार्टी में नहीं डलवा पाया। किरोड़ी खुद से कब मानेंगे? इस सवाल पर किरोड़ी बोले वैसे भी मानने का तो समय आता है। जब भवानी जागेगी, तब मान जाऊंगा। वरना तो चल ही रहा है।

सदस्यता अभियान के लिए वैशाली नगर स्थित खंडेलवाल कॉलेज पहुंचे किरोड़ीलाल मीणा।
सदस्यता अभियान के लिए वैशाली नगर स्थित खंडेलवाल कॉलेज पहुंचे किरोड़ीलाल मीणा।

आरक्षण पर बोले- मैं डॉक्टर, भाई अफसर बन गया, अब पड़ोसी को मौका मिलना चाहिए
किरोड़ीलाल मीणा ने कहा- क्रीमीलेयर को लेकर देश में जिस तरह से व्यवहार चल रहा है। इसमें मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ हूं। मेरे गांव में एक व्यक्ति 30 साल से पहाड़ खोदकर, मजदूरी करके पेट पाल रहा है। उसका बेटा भी वही काम कर रहा है। वह मेरा पड़ोसी है, जबकि मैं डॉक्टर बन गया। कैबिनेट मंत्री बन गया, मेरा भाई अफसर बन गया। मेरा पड़ोसी अब तक कुछ नहीं बन पाया। इसलिए अब उसे भी मौका मिलना चाहिए।

लेटरल एंट्री पर बोले मेघवाल

मेघवाल ने कहा- लेटरल एंट्री (बिना एग्जाम के सीधी भर्ती ) नेहरू जी के कालखंड से शुरू हुई थी। इसे इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और मनमोहन सिंह ने भी जारी रखा था। लेकिन नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी हम पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। मैं पूछना चाहता हूं मनमोहन सिंह जी ने कांग्रेस राज्य में सीधे वित्त सचिव बनाया था। क्या वह लेटरल एंट्री नहीं थी। मॉन्टेक सिंह अहलूवालिया को योजना आयोग का उपाध्यक्ष बनाया। क्या वह लेटरल एंट्री नहीं थे। क्या सैम पित्रोदा लेटरल एंट्री नहीं थे।

मेघवाल ने कहा- कांग्रेस ने जिसको चाहा उसे कुछ भी बना दिया। लेकिन मोदी जी के आने के बाद इस सिस्टम को सुधारा जा रहा है। यूपीएससी द्वारा इसकी भर्ती की जाती है। राहुल गांधी यह भूल गए हैं, काठ की हांडी एक बार चढ़ती है। बार-बार नहीं चढ़ती है।

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