सीकर : मजदूर यूनियन (सीटू) सीकर की ओर से अनेक मांगों को लेकर ढाका भवन से श्रम विभाग ऑफिस तक आक्रोश रैली निकाली गई। इसके बाद यूनियन के सदस्यों व मजदूरों ने श्रम ऑफिस के बाहर केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और विरोध-प्रदर्शन किया।
सीटू के महामंत्री बृजसुंदर जांगिड़ ने कहा कि केंद्र की मोदी व राज्य सरकार ने श्रमिकों की नीतियों पर भारी हमला बोला है। व्यवसाय को आसान बनाने और मुक्त बाजार की आर्थिक नीतियों से उत्पन्न बेरोजगारी व महंगाई में गरीब मजदूरों के जीवन-यापन पर विनाशकारी असर डाला है।
जांगिड़ ने कहा कि उद्योगपति और विदेशी कंपनियों के पक्ष में बनाए गए चार लेबर कार्ड्स का पूरे देश के मजदूर विरोध कर रहें हआई हैं। श्रम कानून के नाम पर जंगल राज कायम है। श्रम कानून के उल्लंघन पर मालिकों को दंड के प्रावधान को हटाया जा रहा है और नौकरी की सुरक्षा को खत्म कर दिया गया है।
इन मांगों को लेकर किया प्रदर्शन
- चार श्रम संहिताओं को खत्म किया जाए।
- राष्ट्रीय मौद्रिक पाइपलाइन को खत्म किया जाए और निजीकरण बंद किया जाए।
- सभी मजदूरों को मजदूरी 26 हजार रुपए प्रति माह की जाए।
- ठेका बदले जाने पर कार्य ठेका में मजदूरों की सेवाओं को जारी रखा जाए। इसके साथ ही ठेका श्रमिकों की नौकरी सुरक्षित की जाए व स्थाई कर्मचारियों के समान कार्य करने वाले ठेका श्रमिकों के समान वेतन और हित लाभ दिए जाएं।
- नई पेंशन हटाई जाए और पुरानी पेंशन लागू की जाए।
- आंगनबाड़ी व आशा वर्कर सहित अन्य मजदूरों का न्यूनतम वेतन 9 हजार रुपए प्रति माह किया जाए और उन्हें राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए।