आम बजट आम जन के लिये कोई खास नहीं
आम बजट आम जन के लिये कोई खास नहीं

स्वतंत्र पत्रकार-डा. भरत मिश्र प्राची

केन्द्र सरकार का वर्ष 24 -25 आम बजट आ गया जो आम जन के लिये कोई खास नहीं। इस बजट में विशेष रूप से वर्तमान में केन्द्र सरकार को समर्थन देने वाले दो राज्य बिहार एवं आंध्र प्रदेश को विशेष राहत दिये जाने की बात साफ साफ उजागर हो रही है। बजट में रेल की कहीं चर्चा नहीं है जब कि रेल बजट भी पिछले कुछ वर्षो से अलग के बजाय आम बजट के साथ ही आ रहा है। देश के वरिष्ठ नागरिक कोरोना काल के दौरान रेल में समाप्त की गई आरक्षण राहत की वापसी की मांग कोरोना काल के बाद से ही सरकार से लगातार करते आ रहे है। इस बजट में भी उन्हें निराश होना पड़ा। देश के किसान अपनी फसलों की सुरक्षा एवं कीमत बढ़ाये जाने हेतु लगातार मांग कर रहे है पर बजट में इस दिशा में कोई खास कदम नजर नहीं आ रहा है।
देश के युवा वर्ग लगातार रोजगार की मांग कर रहे है पर बजट में रोजगार की जगह 20 लाख युवाओं को प्रशिक्षण दिये जाने की बात की गई पर रोजगार सृजित करने के संसाधन पर कोई ठोस विचार नहीं। बजट में युवाओं को उच्च शिक्षा के लिये 10 लाख की राशि लोन 3 प्रतिशत ब्याज दर पर पर प्रति वर्ष 1लाख की राशि लोन दिये जाने की बात की गई है, अच्छी पहल है। बजट में आम जन को कर मे राहत दिये जाने की पूर्व में 5 लाख तक की कंडिशनल सीमा को समाप्त कर पूर्व की तरह 3 लाख राशि आयकर मुक्त रखी गई है जिसे आम जन इस बजट में 3 के बजाय 5 लाख तक की आयको कर मुक्त किये जाने की उम्मीद लगाये बैठा था। पर वित्त मंत्री ने बड़ी चतुराई से पूर्व में दी जा रही 5 लाख जिसमें आय बढते ही 3 लाख तक की आय ही कर मुक्त थी, समाप्त कर दी। बजट में वेतन भोगियों को कुछ राहत अवश्य मिली है जहां 50 हजार की मानक छूट गणना राशि 75 हजार कर दी गई। थोड़ा सा हेर फेर कर आयकर स्लैब को ज्यों का त्यों ही रखा गया है।
आम बजट में देश का आम जन इस बार सरकार से बहुत उम्मीद लगाये बैठा था। पर यह बजट भी इस सरकार का पूर्व बजट की तरह ही आम जन को निराश कर गया। बजट पर पक्ष विपक्ष की प्रत्रक्रयाएं अपने अपने तरीके से आनी शुरू हो गई। बजट आते ही भारतीय बाजार लुढ़क गया, आखिर क्यों ? विचारणीय पहलू है। बजट पर चर्चा संसद में होगी। चर्चा उपरान्त कोई खास परिवर्तन हो ऐसा कुछ नहीं लगता। पर अंततः बजट ने आम जन को निराश ही किया।
स्वतंत्र पत्रकार-डा. भरत मिश्र प्राची