सरकारी स्कूल में भील प्रदेश की प्रार्थना, VIDEO:प्रिंसिपल और 2 टीचर एपीओ; मंत्री खराड़ी बोले- नियम के अनुसार हो प्रार्थना
सरकारी स्कूल में भील प्रदेश की प्रार्थना, VIDEO:प्रिंसिपल और 2 टीचर एपीओ; मंत्री खराड़ी बोले- नियम के अनुसार हो प्रार्थना

डूंगरपुर : डूंगरपुर के गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल डोलवर उपली में भील प्रदेश की प्रार्थना करवाने का मामला सामने आया है। भील प्रदेश की सामूहिक प्रार्थना का वीडियो सामने आने के बाद जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री (टीएडी) बाबूलाल खराड़ी ने जांच के आदेश दिए थे। कमेटी की जांच में वीडियो की पुष्टि होने के बाद शिक्षा विभाग ने प्रिंसिपल सहित 3 टीचर को एपीओ कर दिया है।

जांच कमेटी ने की वीडियो की पुष्टि
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी (सीडीईओ) रणछोड़ लाल डामोर ने बताया- सरकारी स्कूलों में बच्चों की शिक्षा को लेकर सरकार की ओर से स्पष्ट गाइडलाइन है। इसमें सरस्वती वंदना और देशभक्ति से जुड़ी प्रार्थना का नियम है। इसी से जुड़ी प्रार्थना स्कूलों में करवा सकते हैं।
दोवड़ा ब्लॉक के गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल डोलवर उपली में 9 जुलाई को सामूहिक प्रार्थना सभा के दौरान भील प्रदेश की प्रार्थना करवाई गई थी। 14 जुलाई को इसका एक वीडियो सामने आया था। इस पर मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने इसे गलत बताते हुए जांच के आदेश दिए थे।
कलेक्टर के आदेश के बाद उन्होंने एक कमेटी का गठन करते हुए पूरे मामले की जांच करवाई। वीडियो की जांच में स्कूल में भील प्रदेश की प्रार्थना ‘अपने हार तुलसी की माला, बोली है रसखान की, ये धरती भील परदेस की, ये धरती भील परदेस की…’ करवाने की पुष्टि हुई। स्कूल के प्रिंसिपल हरिप्रकाश परमार, पीटीआई जगदीश रोत और सीनियर टीचर जीवराज डामोर को एपीओ कर दिया गया है।
सीडीईओ ने बताया कि एपीओ के दौरान प्रिंसिपल हरिप्रकाश को संयुक्त निदेशक कार्यालय उदयपुर भेजा गया है। वहीं, दोनों टीचर जीवराज और जगदीश को माध्यमिक शिक्षा ऑफिस में ड्यूटी के निर्देश दिए हैं।
भील प्रदेश की मांग कोई भी कर सकता है ये उसका अधिकार है, लेकिन सरकारी स्कूलों में प्रार्थना और शिक्षा को लेकर एक नियम है। उसी के अनुसार प्रार्थना करवानी है। भील प्रदेश की प्रार्थना करवाना गलत है। ~ बाबूलाल खराड़ी टीएडी मंत्री
भील प्रदेश बनाने की उठ रही मांग
राजस्थान के दक्षिणांचल समेत मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के आदिवासी बहुल क्षेत्रों को मिलाकर भील प्रदेश बनाने की मांग की जा रही है। इसमें राजस्थान के डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, सलूंबर के साथ ही उदयपुर, सिरोही जिलों के कुछ हिस्से शामिल हैं। भील प्रदेश बनाने की ये मांग पिछले 5 से 6 साल से की जा रही है। बीटीपी और बीएपी इस मांग को लेकर ही आदिवासी क्षेत्र में राजनीति कर रही हैं।