भरतपुर : फिर दहला भरतपुर…खूनी जंग में बदला मामूली विवाद, तीन सगे भाइयों की हत्या
-पढिय़े छोटे से विवाद ने किस तरह लिया इतना बड़ा रूप, कुम्हेर के गांव सिकरोरा में रात डेढ़ बजे वारदात -पुलिस हर दिन आम्र्स एक्ट में कर रही कार्रवाई, फिर भी आए दिन अवैध हथियारों से फायरिंग -जान के दुश्मन बन गए दो दोस्त
भरतपुर : कुम्हेर थाने के गांव सिकरोरा में शनिवार देर रात करीब डेढ़ बजे छिटपुट विवाद ने इतना बड़ा रूप ले लिया कि एक पक्ष ने अंधाधुंध फायरिंग कर तीन सगे भाइयों की हत्या कर दी। दो महिलाओं सहित तीन लोग घायल हो गए। घटना की जानकारी मिलते ही थाना अधिकारी हिमांशु सिंह मौके पर पहुंचे और घायलों को इलाज के लिए लाया गया। घटना के बाद सुबह सात बजे परिजनों ने कुम्हेर के सरकारी अस्पताल के सामने अवरोध लगाकर भरतपुर-अलवर मार्ग जाम कर दिया। कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने आश्वासन देकर जाम खुलवाया।
जानकारी के अनुसार लाखन और टेंनपाल दोनों गहरे साथी थे। अधिकांश समय दोनों ही साथ रहते थे, लेकिन 24 नवम्बर को किसी बात पर हाथापाई हो गई थी। कुछ लोगों ने बैठकर सुलह भी करवा दी थी, लेकिन लाखन ने अपने साथियों और परिजनों के साथ मिलकर टेंनपाल के घर पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। इसके कारण टेंनपाल के पिता गजेंद्र सिंह की मौत हो गई। वहीं टेंनपाल उसकी मां माया और उसकी पत्नी रवीना गंभीर रूप से घायल हो गए। गोलियों की आवाज सुनकर मृतक गजेन्द्र के बड़े भाई समंदर और ईश्वर आए तो बदमाशों ने उन्हें भी रास्ते मे ही अपनी गोलियों का निशाना बनाते हुए हत्या कर दी। मृतक गजेंद्र था आरएसी में कांस्टेबल था। सिकरोरा निवासी गजेंद्र सिंह आरएसी में कांस्टेबल पद पर अलवर जिले में जेल पर तैनात था। समंदर, ईश्वर, गजेंद्र पुत्र छित्तर सिंह जाट तीनों सगे भाइयों के शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिए। जहां पैतृक गांव में उनका गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। माया पत्नी गजेंद्र, रविता पत्नी टेंनपाल, टेंनपाल पुत्र गजेंद्र गम्भीर रूप से घायल हो गए है। इन्हें इलाज के लिए जयपुर रैफर किया गया है। घटना के बाद पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह ने घटना स्थल का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस दौरान आरपीएस सतीश वर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार मीणा के अलावा आधा दर्जन थानों के थाना अधिकारी एवं भारी संख्या में पुलिस जाप्ता तैनात किया गया।
बड़ा सवाल…सो रही पुलिस, बढ़ रहा अपराध
हकीकत यह है कि जिले में अवैध हथियार रखने का क्रेज कम होने के बजाय बढ़ता जा रहा है। ऐसे में आए दिन आम्र्स एक्ट को लेकर होने वाली पुलिस की कार्रवाई भी महज एक खानापूर्ति से कम नहीं है। अब तक अवैध हथियार निर्माण व तस्करी के मामले में मेवात का ही नाम आता रहा है, लेकिन अब जिले के अन्य स्थान भी इससे दूर नहीं है।