बूंदी : मानवीय संवेदना तार-तार, दुष्कर्म पीड़िता ने नवजात को कंटीली झाड़ियों में फेंका, वेंटिलेटर पर मासूम
15 साल की किशोरी ने बताया कि रिश्ते में लगने वाले भाई ने उसके साथ दुष्कर्म किया। नाबालिग पीड़िता ने बताया कि मुझे समय रहते गर्भवती होने का पता नहीं लगा। आज बच्ची का जन्म हुआ तो मैं घबरा गई और मासूम को फेंक दिया।
बूंदी : बूंदी में मानवीय संवेदना को झकझोरने वाला मामला सामने आया है। सदर थाना क्षेत्र में एक दुष्कर्म पीड़िता ने झाड़ियों में नवजात को फेंक दिया। इतनी सर्दी में मासूम के शरीर पर एक कपड़ा तक नहीं था। वहीं कांटों के कारण नवजात का शरीर लहूलुहान हो गया।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार स्थानीय लोगों ने बच्ची के झाड़ी में होने की सूचना पुलिस को दी। सूचना पर पुलिस और बाल कल्याण समिति के पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और नवजात को झाड़ियों से निकाला। बच्ची ठंड से कंपकंपा रही थी। पुलिस ने बच्ची को सरकारी अस्पताल पहुंचाया, जहां छह डॉक्टरों की टीम ने नवजात को वेंटिलेटर पर लेकर इलाज शुरू किया। इसके बाद कोटा रेफर कर दिया।
पुलिस ने बच्ची को फेंकने वाले का चार घंटे में पता लगा लिया। सदर थाना क्षेत्र की 15 साल की एक किशोरी ने नवजात को जन्म दिया था। किसी को पता न चले इसलिए उसने मासूम को झाड़ियों में फेंक दिया। किशोरी ने बताया कि उसके रिश्ते में लगने वाले भाई ने ही उसका दुष्कर्म किया था। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस जांच में पता चला कि नाबालिग का प्रसव स्कूल में ही करवाया गया। स्कूल के बाथरूम में प्रसव के सबूत मिले। छत पर कपड़ों, बाल्टी पर खून के धब्बे मिले। पुलिस ने जब किशोरी से तसल्ली से पूछताछ की तो उसने पूरा सच बताकर स्वयं का प्रसव होना स्वीकार कर लिया। नाबालिग ने पुलिस को बताया कि मुझे समय रहते गर्भवती होने का पता नहीं लगा और आज सुबह टॉयलेट करने गई तो बच्ची का जन्म हो गया।
डॉक्टरों ने बताया कि प्रथमदृष्टया प्रसव सुबह चार से पांच बजे के बीच हुआ है। अगर 30 मिनट और देरी हो जाती तो नवजात की जान को खतरा था। नवजात और किशोरी का इलाज जारी है। पुलिस मामले की कार्रवाई में जुट गई है।