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बॉलीवुड : बचपन में हुई मां-बाप-भाई की हत्या, घर छोड़कर भागी, फिर भारत की पहली महिला कॉमेडियन बनी ‘टुन टुन’


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बॉलीवुड : बचपन में हुई मां-बाप-भाई की हत्या, घर छोड़कर भागी, फिर भारत की पहली महिला कॉमेडियन बनी ‘टुन टुन’

बचपन में हुई मां-बाप-भाई की हत्या, घर छोड़कर भागी, फिर भारत की पहली महिला कॉमेडियन बनी ‘टुन टुन’

बॉलीवुड : भारत की पहली महिला कॉमेडियन टुन टुन को कहा जाता है. टुन टुन एक अभिनेत्री और गायिका भी थीं. हिंदी सिनेमा में ढेरों फिल्मों में काम किया. बॉलीवुड में पांच दशक लंबा करियर रहा और हर किसी के दिल पर राज किया. टुन टुन का असली नाम उमा देवी खत्री था. उन्हें यह नाम दिवंगत अभिनेता दिलीप कुमार ने दिया था.
उमा देवी खत्री यानी कि टुन टुन का जन्म 11 जुलाई 1923 को उत्तर प्रदेश के अमरोहा में हुआ था. टुन टुन बॉलीवुड का कभी न भूलने वाला नाम है. क्योंकि जो लोगों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरता है उसे भला कोई कैसे भूल सकता है. टुन टुन ने अपनी कॉमेडी से लोगों को खूब हंसाने काम काम किया लेकिन असल जिंदगी में उन्होंने खूब दुःख दर्द झेले है.

टुन टुन जब बहुत छोटी थी तब ही वे अपने माता-पिता को खो चुकी थी. छोटी सी टुन टुन के माता-पिता की जमीनी विवाद में हत्या कर दी गई थी. छोटी सी टुन टुन अनाथ हो चुकी थी. इतना ही नहीं इसी विवाद में उनके भाई को भी मार दिया गया था. अपना पूरा परिवार खोकर बुरी तरह से टूट चुकी टुन टुन ने हिम्मत नहीं हारी और आगे चलकर वे हिंदी सिनेमा एवं भारत की पहली कॉमेडियन कहलाईं.
बताया जाता है कि बचपन से टुन टुन गाने की शौकीन थी. उस दौर में वे रेडियो पर गाने सुनकर अभ्यास करती थी. टुन टुन जब 23 साल की थी तो वे घर छोड़कर मुंबई आ गई थी. क्योंकि वे मुंबई में नाम कमाना चाहती थीं. मुंबई आकर उनका पहुंचना सीधा संगीतकार नौशाद अली के बंगले पर हुआ.
नौशाद से टुन टुन काम की जिद करने लगी. टुन टुन ने तो नौशाद को धमकी तक दे दी कि अगर उन्हें काम नहीं मिला तो वे उनके बंगले से समुद्र में कूदकर जान दे देंगी. नौशाद ने टुन टुन की धमकी के बाद उनका ऑडीशन ले लिया. फिर उन्हें काम भी मिल गया. पहली बार टुन टुन ने वामिक अजरा फिल्म में गाया.
आपको बता दें कि टुन टुन के लोकप्रिय गानों में ‘अफसाना लिख रही हूं’, ‘ये कौन चला मेरी आंखों में समा कर’ और ‘आज मची है धूम झूम खुशी से झूम’ जैसे गाने शामिल है. आगे जाकर वे अभिनेत्री और कॉमेडियन बन गई. गाने कम मिलने लगे तो अभिनय की और टुन टुन बढ़ी. उनका सपना था कि वे बड़े पर्दे पर दिलीप कुमार के साथ भी काम करें. उनका यह सपना साल 1950 में पूरा भी हो गया. जब दोनों फिल्म ‘बाबुल’ में साथ में नजर आए.
हिंदी सिनेमा में टुन टुन अपनी पहचान एक बेहतरीन कॉमेडियन के रूप में बनाने में सफल रही. टुन टुन ने गुजरे जमाने में अपनी कॉमेडी से हर किसी को अपना दीवाना बनाया. करीब 5 दशक के करियर में टुन टुन 200 फिल्मों में नजर आई. इस बेहतरीन कलाकार ने 24 नवंबर, 2003 को दुनिया को अलविदा कह दिया था. उन्होंने मुंबई में 80 साला की उम्र में अंतिम सांस ली.

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