उत्तर प्रदेश : आयुषी की हत्या के बाद उसके पिता नितेश यादव को तनिक भी अफसोस नहीं था। वह शराब पीकर एमसीडी के चुनाव प्रचार में घूमाता रहा। 20 नवंबर को मथुरा पुलिस जब आयुषी के दिल्ली के बदरपुर स्थित घर पहुंची तो हत्यारोपी पिता नितेश यादव घर पर नहीं मिला था। इसी दिन स्वॉट टीम ने उसे एक राजनीतिक दल के चुनाव कार्यालय से उठाया था। नशे में धुत हत्यारोपी को पकड़कर स्वॉट टीम शव की पहचान के लिए मथुरा लेकर चली तो रास्ते में पूछताछ के दौरान ही उसने बीयर पीने की शर्त रख दी। पुलिस ने उसकी इच्छा पूरी की, फिर भी वह पुलिस को गुमराह करता रहा। आखिरकार देर रात तकरीबन 11.30 पुलिस ने सख्ती बरती तो वह टूट गया। उसने आयुषी की हत्या करना स्वीकार कर लिया। नितेश के नशे में धुत होने के कारण ही पुलिस ने उसे अलग गाड़ी में बैठाया और मां, भाई को दूसरी गाड़ी से पहचान के लिए पोस्टमार्टम गृह तक पहुंची थी। इस बीच मांट टोल चौकी पर नितेश को बैठाया गया।
राया क्षेत्र में 18 नवंबर को यमुना एक्सप्रेसवे के सर्विस रोड पर कृषि अनुसंधान केंद्र के पास झाड़ियों में खून से लथपथ ट्रॉली बैग में मिला था। इसमें बीसीए की छात्रा आयुषी (22) की लाश थी। मथुरा पुलिस की 14 टीमें इस मामले की जांच में जुटी। तब जाकर 48 घंटे में मृतका की पहचान हो पाई।
कार्यवाहक एसएसपी मार्तंड प्रकाश सिंह ने 21 नवंबर को आयुषी हत्याकांड का खुलासा किया। हत्यारोपी पिता नितेश यादव और मां ब्रजबाला को गिरफ्तार कर मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया। इसके बाद आरोपियों को जेल भेज दिया गया। बताया जाता है कि हत्यारोपी दंपती रातभर नहीं सोए।
थाना राया प्रभारी निरीक्षक ओमहरि वाजपेयी और राया कट चौकी प्रभारी हरेंद्र कुमार के अलावा फॉरेंसिक टीम को दिल्ली आयुषी के मकान पर भेजा गया। वहां पर आयुषी के कमरे फॉरेंसिक टीम ने खून के सैंपल के अलावा महत्वपूर्ण तथ्य एकत्रित किए। पुलिस टीम ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले।
पूछताछ में नितेश यादव ने बताया कि आयुषी ने करीब एक साल पहले उन्हें बिना बताए छत्रपाल गुर्जर नाम के युवक से आर्य समाज मंदिर में प्रेम विवाह किया था। वह उससे बार-बार छिपकर मिलती थी। मना करने पर भी वह नहीं मानी। इसके कारण उनकी बदनामी हो रही थी। इसी के चलते उसने बेटी की हत्या कर दी।