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‘हमारी सरकार को काम करने का समय कम मिला’:कहा- अब भी इतना टाइम नहीं मिला और फिर से उपचुनाव हो जाएंगे


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‘हमारी सरकार को काम करने का समय कम मिला’:कहा- अब भी इतना टाइम नहीं मिला और फिर से उपचुनाव हो जाएंगे

'हमारी सरकार को काम करने का समय कम मिला':कहा- अब भी इतना टाइम नहीं मिला और फिर से उपचुनाव हो जाएंगे

जयपुर : राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने कहा- विधानसभा चुनाव के बाद हमारी सरकार को कम समय मिला था। केवल डेढ़ से 2 महीने ही सरकार काम कर पाई थी। उसके बाद आचार संहिता लग गई। अब भी इतना समय नहीं मिला और फिर से उपचुनाव हो जाएंगे।

उन्होंने कहा- मुझे उम्मीद ही नहीं बल्कि, पूरा विश्वास है कि राजस्थान की जनता अब भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर विश्वास जताएगी। फिलहाल राजस्थान में भी बीजेपी और केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है। ऐसे में डबल इंजन की सरकार राजस्थान का विकास करेगी। दीया कुमारी ने यह बात शनिवार को भाजपा के विस्तारकों की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कही।

जयपुर में शनिवार को राजस्थान के सभी विधानसभा के विस्तारकों के साथ बैठक की गई।
जयपुर में शनिवार को राजस्थान के सभी विधानसभा के विस्तारकों के साथ बैठक की गई।

विस्तारक बोले-जातिगत विवाद और गुटबाजी के कारण हारे
भारतीय जनता पार्टी मुख्यालय में शनिवार को प्रदेश के 25 लोकसभा और 200 विधानसभा सीटों के विस्तारकों की बैठक थी। इसमें विस्तारकों से लोकसभा चुनाव में मिली हार को लेकर फीडबैक लिया गया।

बैठक में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने विस्तारकों से राजस्थान में लोकसभा चुनाव में मिली हार को लेकर भी फीडबैक लिया। इस दौरान कुछ विस्तारकों ने जातिगत विवाद और गुटबाजी को हार का कारण बताया। इस दौरान भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष, प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, राजस्थान बीजेपी की सहप्रभारी विजया राहटकर, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी समेत पार्टी के आला नेता मौजूद रहे।

विस्तारकों के साथ बैठक में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी भी मौजूद रहे।
विस्तारकों के साथ बैठक में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी भी मौजूद रहे।

बता दें कि राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की 200 विधानसभा सीट पर 200 विस्तारकों को नियुक्त किया था। इन्हें विधानसभा क्षेत्र में प्रवासी के तौर पर रहकर पार्टी के लिए काम करने की जिम्मेदारी दी गई थी। पहले पार्टी ने इन विस्तारकों से फीडबैक के आधार पर विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों की घोषणा की थी। इसी तरह लोकसभा चुनाव में भी विस्तारकों की मदद ली गई थी। वहीं अब विस्तारकों को कार्य मुक्त कर दिया गया है।

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