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गोल्याणा में कलशयात्रा के साथ नौ दिवसीय श्रीराम कथा का शुभारंभ : बिना भक्ति के भगवान की प्राप्ति संभव नहीं


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गोल्याणा में कलशयात्रा के साथ नौ दिवसीय श्रीराम कथा का शुभारंभ : बिना भक्ति के भगवान की प्राप्ति संभव नहीं

कथा के पहले ही दिन गौ चिकित्सालय के लिऐ मिला भूमि का दान

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : सुभाष चन्द्र चौबदार

नवलगढ़ : भृगुऋषि गोशाला समिति गोल्याणा लोहार्गलधाम की ओर से गांव गोल्याणा भृगुऋषि गोशाला में शुक्रवार से गौ हितार्थ श्रीराम कथा का शुभारंभ हुआ। कथा के शुभारंभ पर गाजे बाजे के साथ कलशयात्रा निकाली गई। कलशयात्रा चिराना के गणेश मंदिर से शुरू हुई। कलशयात्रा में सैकड़ों महिलाएं सिर पर कलश लिए चल रही थी। वहीं भक्त डीजे की धुन पर नाचते गाते चल रहे थे। कलशयात्रा का मार्ग पर भक्तों की ओर से पुष्पवर्षा के साथ जगह-जगह स्वागत किया गया। कलशयात्रा चन्द्रमादास महाराज पालवास, महंत योगीदास महाराज, रामनारायण दास महाराज, अमरदास महाराज, महंत मनोहर दास महाराज, बलराम दास महाराज, गोविन्द दास महाराज, शंकरदास महाराज के सानिध्य में गोल्याणा के विभिन्न मार्गों से होते हुए गुजरी।

इस मौके पर हेमंतदास महाराज ने रामकथा का महात्म्य बताते हुए कहा कि भगवान की विशेषत्तम कृपा को हर कोई सहन नहीं कर सकता है। उच्च कोटी का भक्त ही सहन कर पाता है। जो विशेषत्तम कृपा को सहन कर लेता है वही भक्त भगवान का दर्शन व भगवान की कृपा नित्य प्राप्त करता है। भगवान की प्राप्ति के लिए भक्ति के मार्ग से गुजरना ही पड़ता है। बिना भक्ति के भगवान की प्राप्ति संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि अपने माता-पिता, गुरू, संतों, गाय, वृद्ध का हमें सम्मान करना चाहिए। इस मौके पर चन्द्रमादास महाराज ने गाय का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि गाय में ३६ कोटि देवता निवास करते हैं। जिस घर में गाय का वास होता है वहां सुख शांति रहती है। कथा में मुख्य यजमान चौथमल जांगिड़ रहे। कथा के दौरान रविन्द्र सिंह, शिवराज सिंह, मनजीत, कृष्ण सिंह, हरिन्द्र सिंह, रणवीर सिंह, आकाश आदि भक्तों ने श्रद्धालुओं की सेवा की।

साधु संतों का किया सम्मान

कार्यक्रम में आए हुए साधु संतों का महंत योगीदास महाराज ने सम्मान किया गया। इस मौके पर महंत योगीदास महाराज ने चन्द्रमादास महाराज पालवास, रामनारायण दास महाराज, अमरदास महाराज, महंत मनोहर दास महाराज, बलराम दास महाराज, गोविन्द दास महाराज, शंकर दास महाराज का सम्मान किया गया। उन्होंने कहा कि कथा का समय प्रतिदिन दोपहर सवा दो से शाम पांच बजे तक है। उन्होंने कहा कि गोहितार्थ की जा रही इस रामकथा को सुनने के लिए अधिक से अधिक संख्या में भक्तों से पहुंचने की अपील की है।

संत समागम 29 को

महंत योगीदास महाराज ने बताया कि नौ दिवसीय कथा का समापन 29जून को होगा। 29 जून को सुबह सवा दस बजे गोशाला में संत समागम का आयोजन भी किया जाएगा। इस मौके पर कार्यक्रम में आने वाले साधु संतों का सम्मान भी किया जाएगा।

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