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गोली लगने से घायल हुए जवान ने दम तोड़ा:ब्रेन की हड्डी को तोड़ सिर के आर-पार हुई थी बुलेट; 4 दिन चले इलाज के बाद आखिरी सांस ली


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गोली लगने से घायल हुए जवान ने दम तोड़ा:ब्रेन की हड्डी को तोड़ सिर के आर-पार हुई थी बुलेट; 4 दिन चले इलाज के बाद आखिरी सांस ली

गोली लगने से घायल हुए जवान ने दम तोड़ा:ब्रेन की हड्डी को तोड़ सिर के आर-पार हुई थी बुलेट; 4 दिन चले इलाज के बाद आखिरी सांस ली

जोधपुर : जैसलमेर में गोली लगने से घायल हुए इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (ERT) कमांडो दिनेश विश्नोई ने रविवार सुबह 11 बजे जोधपुर के MDM अस्पताल में अंतिम सांस ली। पिछले 4 दिन से दिनेश कुमार का इलाज चल रहा था। गोली उनके सिर से आर-पार हो गई थी। गोली दिनेश के आक्सीपिटल रिजन में फंसी थी।

देर शाम शव का पोस्टमॉर्टम किया गया। इसके बाद राजकीय सम्मान के साथ अब जवान के शव को उनके पैतृक गांव सांचौर ले जाया जाएगा। इससे पहले उनके ERT के साथियों और अन्य अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। जवान की देह को तिरंगे में लपेट कर उनके गांव चितलवाना गांव के लिए रवाना किया गया।

पोस्टमॉर्टम के बाद जवान के शव को उनके गांव सांचौर ले जाया जाएगा। जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
पोस्टमॉर्टम के बाद जवान के शव को उनके गांव सांचौर ले जाया जाएगा। जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

बता दें कि 12 जून को उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ के 2 दिवसीय जैसलमेर दौरे को लेकर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने के लिए ERT के 10 जवानों की टीम एक गाड़ी में जोधपुर से जैसलमेर आ रही थी। जैसलमेर से करीब 10 किलोमीटर पहले जवान दिनेश कुमार पुत्र माला राम निवासी इसरोल गांव, चितलवाना (सांचौर) के सिर से गोली आर-पार हो गई।

कमांडो की मौत की सूचना पर पुलिस अधिकारी मौके पर है।
कमांडो की मौत की सूचना पर पुलिस अधिकारी मौके पर है।

दिमाग की नसें हो गई थी डेमेज

न्यूरो सर्जन विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ. सुनील गर्ग ने बताया- गोली दिनेश के सिर को पार कर निकल गई। जिससे उसके दिमाग की काफी नसें डेमेज हो गई थी। 4 दिन पहले दिनेश को जब जोधपुर लाया गया था। उस समय भी दिनेश की स्थिति ब्रेनडेड जैसी थी। गोली दिमाग को पार कर गर्दन के पीछे आक्सीपिटल रिजन में फंस गई थी। गोली ने ब्रेन की हड्‌डी को तोड़ दिया था। साथ ही ब्रेन की सारी नसें डेमेज हो गई, इससे बीपी काफी कम हो गया था। उनको वेंटिलेटर पर रखा हुआ था। पिछले चार दिन से हॉस्पिटल की पूरी टीम ने जवान को बचाने के सभी प्रयास किए। आज सुबह उन्होंने आखिरी सांस ली।

ग्रीन कॉरिडोर बनाकर दिनेश को इलाज के लिए जोधपुर लाया गया था।
ग्रीन कॉरिडोर बनाकर दिनेश को इलाज के लिए जोधपुर लाया गया था।

3 घंटे में जैसलमेर से जोधपुर लाए, ग्रीन कॉरिडोर बनाया था

घायल कमांडो दिनेश कुमार को 12 जून को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर करीब 3 घंटे में जैसलमेर से जोधपुर लाया गया था। एंबुलेंस दोपहर करीब 3.36 बजे जैसलमेर के जवाहिर हॉस्पिटल से रवाना हुई थी और शाम 6.33 बजे जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल पहुंची।

यहां डॉक्टर्स ने पहले से ही तैयारियां कर रखी थी। अस्पताल पहुंचते ही जवान का सिटी स्कैन किया गया। इसके बाद आईसीयू रेड जोन में शिफ्ट कर दिया गया था। दिनेश तब से ही वेंटिलेटर पर थे।

यह था मामला

दिनेश के एक साथी के अनुसार- बस में दिनेश आगे की सीट पर बैठे थे। जैसलमेर से 10 किलोमीटर पहले उन्होंने बताया कि उनके सिर में दर्द हो रहा है, इसलिए पीछे की सीट पर सोने जा रहे हैं। सबसे पीछे की सीट पर बैठे साथी जवान से सीट बदल ली। वह साथी उठकर आगे आ गया और दिनेश पीछे की सीट पर लेट गए।

थोड़ी ही देर में गोली की आवाज गूंजी तो सब चौंक गए। दिनेश की कनपटी से खून निकल रहा था और गोली उनके सिर के आर-पार हो गई थी।

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