पायलट बोले-400 सीट के नारे में अहंकार झलक रहा था:ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में दिया भाषण, कहा-भाजपा ने राम मंदिर पर वोट मांगे, अयोध्या में ही हारी
पायलट बोले-400 सीट के नारे में अहंकार झलक रहा था:ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में दिया भाषण, कहा-भाजपा ने राम मंदिर पर वोट मांगे, अयोध्या में ही हारी
जयपुर : कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने शुक्रवार को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में मोदी सरकार और भाजपा की जमकर आलोचना की। पायलट ने कहा कि जनता बीजेपी सरकार की नीतियों से परेशान थी और लोगों ने उसके खिलाफ वोट दिया। अग्निवीर स्कीम से युवाओं में आक्रोश था। इंडिया अलायंस ने उन मुद्दों पर चुनाव लड़ा जो देश के मुद्दे थे। हमने गरीबों और अमीरों के बीच बढ़ती खाई, आर्थिक मुद्दों पर चुनाव लड़ा।
पायलट यूनाइटेड किंगडम (यूके) में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के ब्लावात्निक स्कूल ऑफ गवर्नमेंट में बोल रहे थे। उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स और टीचर्स के साथ लोकसभा चुनावों पर चर्चा की। उन्हें भाषण देने के लिए इनवाइट किया गया था।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पायलट के भाषण की 5 बड़ी बातें…
1. 400 सीट के नारे से घमंड झलक रहा था
बीजेपी के 400 सीट के नारे पर पायलट ने कहा- उन्होंने जिस तरह के अहंकार में आकर 400 सीटें जीतने का नारा दिया, उसमें उनका घमंड झलक रहा था। पिछले 10 साल में सरकार ने एक तरफा फैसले करने की कोशिश की है। बिना तैयारी के नोटबंदी की गई, जिसके खराब रिजल्ट आए। लोगों को दिक्कत हुई। इस तरह की चीजों में बदलाव आना चाहिए।
2. यूपीए में घोटाले हुए तो सजा क्यों नहीं दिलवाई?
पायलट ने कहा- यूपीए सरकार पर भाजपा ने स्पेक्ट्रम सहित कई तरह के घोटाले के आरोप लगाए। 10 साल से भाजपा सत्ता में है, उन लोगों को सजा क्यों नहीं दिलवाई? अगर उस समय घोटाले हुए थे तो आपके पास पूरे 10 साल थे कार्रवाई क्यों नहीं की। जिन लोगों पर आरोप लगाए थे, उनके खिलाफ अब तक क्या किया? काला धन भारत लाने की घोषणा की गई थी उसका क्या हुआ? डॉक्टर मनमोहन सिंह सबसे ईमानदार प्रधानमंत्री थे, उन पर केवल गलत आरोप लगाए गए।
3. भाजपा सरकार में कई आरोप लगे, कोई कार्रवाई नहीं हुई
बीजेपी सरकार के मंत्रियों और उनके नेताओं पर कितने तरह के आरोप लगाए, लेकिन किसी ने भी इस्तीफा नहीं दिया। किसी ने कोई जिम्मेदारी नहीं ली और किसी भी गलत नेता के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। खिलाड़ियों ने एक नेता के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत की, उस पर क्या कार्रवाई की। एक मंत्री पुत्र ने किसानों को गाड़ी से रौंद दिया, उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। यूपीए राज में ऐसे आरोप लगने पर नेताओं के इस्तीफे हो जाते थे।
4. जहां राम मंदिर बना, वहीं भाजपा चुनाव हारी
उन्होंने कहा- भारत की जनता वोट करने के मामले में बहुत समझदार है। बीजेपी ने राम मंदिर के नाम पर वोट लेने का प्रयास किया था। बीजेपी का उम्मीदवार अयोध्या में चुनाव हार गया, जहां राम मंदिर बना। आप समझ सकते हैं देश की जनता, देश का वोटर कितना समझदार है। राहुल गांधी की छवि खराब करने के लिए बीजेपी और उसके समर्थक मीडिया ने भारी संसाधन झोंके। सोशल मीडिया से लेकर हर जगह राहुल गांधी की छवि खराब करने का भरपूर प्रयास हुआ।
5. कांग्रेस में खुलापन, हम आलोचना कर सकते हैं
पायलट ने कहा- कांग्रेस पार्टी में अपनी बात रखने का पूरा मौका दिया जाता है। हमारे यहां खुलापन है। अगर कोई किसी से सहमत नहीं है तो भी अपनी बात रखने का पूरा मौका दिया जाता है। हमारे यहां भाजपा की तरह नहीं है। हमारे यहां इतनी आजादी जरूर मिलती है कि हम अपनी बात रख सकते हैं, किसी की आलोचना कर सकते हैं।
https://x.com/SachinPilot/status/1801830183458247056
- राहुल गांधी की छवि खराब की गई
पायलट ने कहा कि राहुल गांधी की छवि खराब करने के लिए बीजेपी और उसके समर्थक मीडिया ने भारी संसाधन झोंके। सोशल मीडिया से लेकर हर जगह राहुल गांधी की छवि खराब करने का भरपूर प्रयास हुआ।
- राम मंदिर के शहर अयोध्या में बीजेपी चुनाव हार गई
सचिन पायलट ने कहा- भारत की जनता वोट करने के मामले में बहुत समझदार है। बीजेपी ने राम मंदिर के नाम पर वोट लेने का प्रयास किया था। बीजेपी का उम्मीदवार अयोध्या में चुनाव हार गया, जहां राम मंदिर बना। आप समझ सकते हैं देश की जनता, देश का वोटर कितना समझदार है।
- कई मंत्रियों-नेताओं पर आरोप लगे, किसी ने इस्तीफा नहीं दिया
पायलट ने कहा- बीजेपी सरकार के मंत्रियों और उनके नेताओं पर कितने तरह के आरोप लगाए, लेकिन किसी ने भी इस्तीफा नहीं दिया। किसी ने कोई जिम्मेदारी नहीं ली और किसी भी गलत नेता के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। खिलाड़ियों ने एक नेता के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत की, उस पर क्या कार्रवाई की। एक मंत्री पुत्र ने किसानों को गाड़ी से रौंद दिया, उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। यूपीए राज में ऐसे आरोप लगने पर नेताओं के इस्तीफे हो जाते थे।
- यूपीए सरकार में घोटाले हुए थे तो अब तक क्या कार्रवाई की?
सचिन पायलट ने कहा- यूपीए सरकार पर भाजपा ने कई घोटाले के आरोप लगाए थे। स्पेक्ट्रम सहित कई तरह के घोटाले के आरोप लगाए। 10 साल से भाजपा सत्ता में है, उन लोगों को सजा क्यों नहीं दिलवाई? अगर उस समय घोटाले हुए थे तो आपके पास पूरे 10 साल थे कार्रवाई क्यों नहीं की। जिन लोगों पर आरोप लगाए थे, उनके खिलाफ अब तक क्या किया? काला धन भारत लाने की घोषणा की गई थी उसका क्या हुआ? डॉक्टर मनमोहन सिंह सबसे ईमानदार प्रधानमंत्री थे, उन पर केवल गलत आरोप लगाए गए।
- कांग्रेस में खुलापन है, हम आलोचना कर सकते हैं
पायलट ने कहा- कांग्रेस पार्टी में अपनी बात रखने का पूरा मौका दिया जाता है। हमारे यहां खुलापन है। अगर कोई किसी से सहमत नहीं है तो भी अपनी बात रखने का पूरा मौका दिया जाता है। हमारे यहां भाजपा की तरह नहीं है। हमारे यहां इतनी आजादी जरूर मिलती है कि हम अपनी बात रख सकते हैं। हमने बैठक में यह तय किया था कि 50% हमारे पद 50 साल से नीचे के लोगों को देंगे। आप प्रियंका गांधी को देखिए वह बहुत मेहनत कर रही हैं।
- खड़गे के रूप में हमारे पास चुने हुए अध्यक्ष
पायलट ने कहा- कांग्रेस में मल्लिकार्जुन खड़गे के रूप में हमारे पास में आज एक चुने हुए अध्यक्ष हैं। राहुल गांधी ने पिछले लोकसभा चुनाव में नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपना पद छोड़ दिया था और उसके बाद वह पद नहीं लिया। गांधी परिवार लंबे समय से कोई सरकारी पद पर नहीं है।
- लोगों से जुड़ने राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा निकाली
पायलट ने कहा- राहुल गांधी ने दो बार पूरे देश की यात्रा निकाली और पैदल चले। इस देश में जिस तरह का माहौल बन गया था, उसे लेकर राहुल गांधी 4000 किलोमीटर पैदल चले। उनकी भारत जोड़ो यात्रा का एकमात्र उद्देश्य लोगों के साथ कनेक्ट करना था। कन्या कुमारी से कश्मीर और उसके बाद दूसरी यात्रा मणिपुर से गुजरात के बीच निकाली। इस यात्रा के दौरान बड़ी तादाद में लोग उनके साथ जुड़े।
- बेरोजगारी का डेटा छिपा रही केंद्र सरकार
पायलट ने कहा- भारत में बेरोजगारी बड़ी समस्या है। योजनाओं के लिए अनेक तरह के डेटा चाहिए, लेकिन पिछले 10 साल से हमने देखा है कि योजनाओं को बनाने में जिन डेटा का इस्तेमाल होना चाहिए वो मिल नहीं रहा। सरकार बेरोजगारी से लेकर अनेक तरह के डेटा को सार्वजनिक करने से बच रही है, जबकि सही तस्वीर सामने लाई जाए। डेटा सार्वजनिक नहीं किया गया। केंद्र सरकार ने कई बार डेटा छुपाने का काम किया है।
- केंद्र सरकार ने बिना तैयारी के नोटबंदी की
पायलट ने कहा- पिछले 10 साल में सरकार ने एक तरफा फैसले करने की कोशिश की है। बिना तैयारी के नोटबंदी की गई, जिसके खराब रिजल्ट आए। लोगों को दिक्कत हुई। इस तरह की चीजों में बदलाव आना चाहिए। इस चुनाव से यह तय हो गया कि देश की जनता किसी को बख्शती नहीं है।
- बीजेपी ने संविधान में बदलाव करने की कोशिश की
पायलट ने कहा- बीजेपी संविधान में संशोधन और बदलाव करने का प्रयास कर रही है, लेकिन बीजेपी की टॉप लीडर्स ने इन बातों को नकारा। बहुत सारे बदलाव की बातें चल रही थी लेकिन इस पर भारी विवाद हुआ। लोग आते जाते रहेंगे, लेकिन लोकतंत्र हमेशा रहना चाहिए, वह मजबूत होना चाहिए। आपने संसद में देखा होगा एक ही दिन में 147 विपक्ष के सांसदों को बाहर निकाल दिया गया। आप लोकसभा स्पीकर की रूलिंग पर उनके आदेश पर कोई सवाल नहीं उठा सकते, लेकिन यह हुआ। अब ऐसा नहीं है मजबूत विपक्ष सामने है यह भी नहीं होना चाहिए कि विपक्ष के नाते हम हर चीज का विरोध करें, लेकिन विरोध के लिए स्पेस होना चाहिए।
- 10 साल में सरकार ने एकतरफा फैसले किए
पायलट ने कहा- हमने जनता के बीच में इस बात को रखा कि सबके लिए एक लेवल प्लेइंग फील्ड होना चाहिए। लोगों ने इन बातों को महसूस किया, हमने लोगों के सामने इन बातों को रखा है। बहुत से देशों में लोग वोट देते हैं लेकिन वहां लोकतंत्र पारदर्शी नहीं होता। ट्रांसपेरैंसी नहीं होती तो लोकतंत्र का मतलब नहीं होता। संस्थाओं को लोकतांत्रिक तरीके से होना चाहिए।
असली लोकतंत्र वो होता है जिसमें लोगों को सवाल उठाने का अधिकार हो। संसद में डिबेट और डिस्कशन हो। लोकतांत्रिक संस्थाएं सरकारों के वॉच डॉग की तरह काम करें और उनकी काम पर निगरानी करें ऐसी संस्थाओं को फलने फूलने का मौका दिया जाना चाहिए और यही मजबूत और सशक्त लोकतंत्र की पहचान होती है। लोकतंत्र में इस तरह की संस्थाएं मजबूत बनाती है अगर इन संस्थाओं की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह लगता है तो यह लोकतंत्र के लिए खतरा होता है। कांग्रेस पार्टी इस बात को उठाती रही।
- विपक्ष को डराने-धमकाने में किया जांच एजेंसियों का इस्तेमाल
पायलट ने कहा- पिछले 10 साल में केंद्र सरकार ने जांच एजेंसी का इस्तेमाल विपक्ष को डराने-धमकाने में किया है। विपक्ष के नेताओं का चरित्र हनन करने में इनका इस्तेमाल किया गया। बहुत सी रेड डाली गई, बहुत नेताओं पर केस किए गए। केंद्रीय एजेंसियों का जमकर मिस यूज हुआ और हम इन सब बातों को जनता के बीच में लेकर गए। भारत का इको सिस्टम बहुत ही अनोखा किस्म का है। भविष्य में पता नहीं क्या होगा, लेकिन लोग बहुत समझते हैं और उन्होंने इसके खिलाफ वोट किया है।
- कांग्रेस पार्टी को अनुमान से डबल सीटें आईं
सचिन पायलट ने कहा- भारत की जनता ने बहुत ही मैच्योर तरीके से वोट किया है। एग्जिट पोल को आप देखिए हर राजनीतिक विश्लेषक बीजेपी को बहुत ज्यादा सीट दे रहा था, लेकिन नतीजा क्या आया। कांग्रेस पार्टी को राजनीतिक पंडितों के अनुमान से डबल सीटें आईं।
- इंडिया अलायंस ने देश के मुद्दों पर चुनाव लड़ा
पायलट ने कहा- इंडिया अलायंस ने उन मुद्दों पर चुनाव लड़ा जो देश के मुद्दे थे। हमने गरीबी अमीरी की बढ़ती खाई, आर्थिक मुद्दों और आम आदमी के मुद्दों पर चुनाव लड़ा। ऐसे माहौल में लोकसभा चुनाव हुए जब चुने हुए दो मुख्यमंत्री जेल में बैठे हुए थे। चुनाव के बीच में कांग्रेस के बैंक खाता सीज कर दिए गए। बाद में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद राहत मिली। सरकार को चुनाव में फायदा होता है और उन्होंने जिस तरह के अहंकार में आकर 400 सीटें जीतने का नारा दिया, उसमें उनका घमंड झलक रहा था। इंडिया अलायंस में कांग्रेस एक अहम घटक है। सभी पार्टियों को साथ लेना होता है एक बहुत मुश्किल होता है, कांग्रेस ने बड़ा दिल दिखाया है।
- लोकसभा चुनाव में लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ वोट दिया
सचिन पायलट ने कहा कि जनता बीजेपी सरकार की नीतियों से परेशान थी और लोगों ने खिलाफ वोट दिया। अग्निवीर स्कीम से युवाओं में आक्रोश था। यह चुनाव सरकार के खिलाफ था और इसी वजह से बहुमत नहीं मिला। भविष्य में क्या होगा मुझे नहीं पता, बीजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। अभी जो बीजेपी के कई सहयोगी हैं, वह उनके पहले विरोधी थे। नीतीश कुमार को आप लीजिए वह किस तरह की भाषा का इस्तेमाल करते थे।
- लोकसभा चुनावों के ग्लोबल असर पर होगी चर्चा
प्रोफेसर आंनदी मणि और माया ट्यूडर इस चर्चा में पायलट के साथ रहेंगे, इन दोनों प्रोफेसर्स ने ही इस चर्चा को रखा है। लोकसभा चुनावों पर होने वाली इस चर्चा में चुनाव प्रचार, चुनाव अभियान, विपक्ष की रणनीति से लेकर चुनाव आयोग का रोल और इन चुनावों के ग्लोबल असर पर भी चर्चा होगी।
- ब्लावात्निक सेंटर नेताओं को चर्चा के लिए बुलाता है
- सरकार के कामकाज और नीतियों पर बहस होती है
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का ब्लावात्निक सेंटर ऑफ गवर्नमेंट प्रतिष्ठित संस्थान है। पब्लिक पॉलिसी, सरकारी सिस्टम, लोकतांत्रिक सरकारों के कामकाज, टेंडर सिस्टम से लेकर सरकारी नीतियों पर यहां खूब बहस होती है। साल भर यहां इस तरह के इवेंट चलते रहते हैं, जिनमें अलग अलग विषयों के एक्सपर्ट, नेताओं को बुलाकर उनके भाषण करवाए जाते हैं।