राबड़ी का सेवन करके ग्राम सांखू मे राबड़ी दिवस मनाया गया
राबड़ी का सेवन करके ग्राम सांखू मे राबड़ी दिवस मनाया गया

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : चंद्रकांत बंका
झुंझुनूं : जून को राबड़ी दिवस है। राबड़ी की महत्ता को बताने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है। गांवो में जहां आज भी घरों में मोटे अनाज की राबड़ी बनती है जो खाने में पौष्टिक होती है। जबकि शहरों में इसका प्रचलन कम हो गया है। हालांकि अभी इसका प्रचलन गांवो में भी कम हो रहा है। ऐसे में जिस तरह हमारे पुरखे राबड़ी बनाते थे उसी तरह मोटा अनाज बाजरा, मक्का,गेहूं, जो का दलिया और छाछ को मिलाकर राबड़ी बनाई जाती है । वर्तमान में युवा पीढ़ी पुराने खान-पान से अनभिज्ञ होती जा रही है। राबड़ी का स्थान नाश्ते के रूप में पिज़्ज़ा, बर्ग ,चाऊमीन आदि ने ले लिया। जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है । ऐसे में आमजन और युवाओं को राबड़ी के प्रति जागरुक करने के लिए आज शहरों में घर-घर मे राबड़ी बनाई जाए। मोटे अनाज की जीवन में भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। बाजरा जैसा मोटा अनाज पोषक तत्वों से भी भरपूर है। राबड़ी जैसे गुणकारी व पीढ़ियों से परखे भोजन को छोड़कर हमने स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के लिए घातक खानपान को अपना लिया है। राबड़ी का नियमित सेवन करने से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक सहित अनेक बीमारियों से छुटकारा मिलता है । मोटे अनाज से अनेक रोग काम होते हैं। अतः हमें नियमित रूप से राबड़ी का सेवन करना चाहिए। वृक्ष मित्र श्रवण कुमार जाखड़ सांखू, योगेश कुमार जाखड़ ने राबड़ी का सेवन करके राबड़ी दिवस में हिस्सा लिया।