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‘राहुल गांधी के पदचिन्हों पर चल रहे गहलोत,किस समय क्या कहेंगे खुद उन्हें भी जानकारी नहीं’: BJP


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‘राहुल गांधी के पदचिन्हों पर चल रहे गहलोत,किस समय क्या कहेंगे खुद उन्हें भी जानकारी नहीं’: BJP

पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बयानों को लेकर बीजेपी ने जमकर निशाना साधा.पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि देश के सबसे बड़े "नॉन परफॉर्मिंग असेट" और लाइबिलिटी कांग्रेस के युवराज ही है. जिस पर 4 जून को चुनाव परिणाम के बाद मुहर भी लग जायेगी.

जयपुर : पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस और पार्टी छोड़कर गए नेताओं के साथ सीएम भजनलाल शर्मा पर टिप्पणी के जवाब में भाजपा नेताओं ने पलटवार किया. पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि गहलोत का ”कहीं पर निगाहें, कहीं पर निशाना” है. वहीं प्रदेश महामंत्री और विधायक जितेंद्र गोठवाल ने कहा कि वह राहुल गांधी के पदचिह्नों पर चल रहे हैं, उन्हें खुद पता नहीं कि वो क्या बोल रहे हैं.

पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने बयान के बाद पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, जिन नेताओं के खिलाफ लगातार अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं वो कभी कांग्रेस पार्टी में सबसे ज्यादा उनके ही करीबी हुआ करते थे. उनकी पॉलिटिकल परफॉर्मेंस भी इन्हें खूब भाती थी.

राठौड़ ने कहा कि गहलोत कांग्रेस की देश विरोधी विचारधारा को त्यागकर देशहित में भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं के लिए अपनी डिक्शनरी में से नकारा, निकम्मा, गद्दार, पीठ में छुरा घोंपने वाला जैसे शब्दों का उपयोग कर रहे हैं. पूर्व उप-मुख्यमंत्री और पूर्व पीसीसी चीफ को भी गहलोत ने इन्हीं शब्दों से अलंकृत किया था. जिसका ही नतीजा रहा कि कांग्रेस सरकार 5 साल सत्ता में रहने के दौरान सिर्फ किस्सा कुर्सी के खेल में लगी रही. राठौड़ ने कहा कि देश के सबसे बड़े “नॉन परफॉर्मिंग असेट” और लाइबिलिटी कांग्रेस के युवराज ही है. जिस पर 4 जून को चुनाव परिणाम के बाद मुहर भी लग जायेगी.

इसके बाद  भाजपा प्रदेश महामंत्री जितेंद्र गोठवाल ने भी अशोक गहलोत पर पलटवार करते हुए कहा,” मुझे लगता है कि गहलोत कांग्रेस नेता राहुल गांधी पदचिह्नों पर चलने के लिए अग्रसर है. किस समय क्या कहेंगे इसकी जानकारी उनको भी स्वयं को भी नहीं है. जो काम गहलोत पांच साल में भी नहीं कर पाए उसे भजनलाल सरकार ने चार महीनों में कर दिया. चाहे एसआइटी का गठन, ईआरसीपी, साढ़े चार सौ में सिलेंडर, किसान सम्मान निधि में दो हजार रुपए बढ़ोतरी का निर्णय हो. गहलोत अपने साथियों के साथ सरकार के अंदर कैसे शब्दों का प्रयोग करते थे, लेकिन हम उसी पार्टी के नेता हैं जो कहने से पहले सोचते हैं.”

गहलोत के सीएम भजनलाल काे अनुभवहीन हाेने के बयान प गोठवाल ने कहा कि उन्हें बीस साल का पार्टी चलाने का अनुभव है,उनके सलाहकार बीजेपी के बड़े बड़े नेता हैं. गहलोत ने तो अपने लोगों को सुविधा देने के लिए सलाहकार का एक पद भी गठित कर दिया था.

पर्ची के मामले में गोठवाल ने कहा कि यह कांग्रेस की परम्परा रही है. अशोक गहलोत को हटाने के लिए अलाकमान के भेजे गए पर्यवेक्षक के खिलाफ शांतिधारीवाल ने बगावत कर दी थी. अपने घर पर विधायकों को बुला लिया था. केंद्र के आदेश को न मानने की कांग्रेस की परम्परा है. भाजपा में मिलकर सरकार चलाने में विश्वास रखती है. हम सब मिलकर पांच साल सरकार चलाएंगे.

लोकसभा चुनाव के बाद सीएम बदलने के गहलोत के बयान पर गोठवाल ने कहा कि यह उनका कयास है कि हम 25 की 25 सीटें जीत रहे हैं. अशोक गहलोत खुद की सरकार को बेस्ट बताते हैं, तो वो भ्रष्टाचार में बेस्ट थे. आपसी आलोचना में बेस्ट थे . उनकी सरकार अपने नेताओं के लिए भला बुरा बोलने में बेस्ट थी.

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