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गौरीर की बेटी राजस्थान की पूर्व उपमुख्यमंत्री कमला बेनीवाल के निधन से क्षेत्र में शोक की लहर


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गौरीर की बेटी राजस्थान की पूर्व उपमुख्यमंत्री कमला बेनीवाल के निधन से क्षेत्र में शोक की लहर

गौरीर की बेटी राजस्थान की पूर्व उपमुख्यमंत्री कमला बेनीवाल के निधन से क्षेत्र में शोक की लहर

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : अनिल शर्मा

शिमला : राजस्थान की पूर्व उपमुख्यमंत्री कमला बेनीवाल का निधन हो गया है. उन्होंने 97 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. कमला बेनीवाल काफी समय से बीमार थीं. उनका इलाज जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में चल रहा था. इस दौरान उनकी मौत हो गई. कमला बेनीवाल चर्चीत नेता थी. वह गुजरात की राज्यपाल और 7 बार विधायक रह चुकी है. गुजरात में राज्यपाल रहते हुए उस वक्त मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी से उनकी कई मामलों में अनबन हुई थी जिसकी काफी चर्चा हुई थी. कमला बनीवाल गहलोत सरकार में भी मंत्री पद संभाल चुकी थीं. कमला बेनीवाल का जन्म 12 जनवरी 1927 को नीमकाथाना जिले के गोरीर गांव में प्रसिद्ध स्वतन्त्रता सेनानी चो नेतराम सिंह के घर हुआ था. उनके पिता चो नेतराम सिंह स्वतन्त्रता सेनानी थे वो अनेक बार जेल भी गए थे। वह कांग्रेस की वरिष्ठ राजनेता थीं. वह गुजरात समेत त्रिपुरा, मिजोरम की राज्यपाल रह चुकी हैं. राजस्थान में कांग्रेस की सरकार में वह कई अहम पदों को संभाल चुकी थीं.उनकी स्कूली शिक्षा झंझनं में ही हई थी। उच्च शिक्षा वनस्थली विद्यापीठ में पूरी हुई। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गईं।

1954 में, 27 साल की उम्र में, उन्होंने विधान सभा चुनाव जीता और राजस्थान राज्य सरकार में पहली महिला मंत्री बनीं। बेनीवाल 1954 से राजस्थान में लगातार कांग्रेस सरकारों में मंत्री रही। और उनके पास गृह, चिकित्सा और स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि सहित विभिन्न महत्वपूर्ण विभाग थे। वह अशोक गहलोत सरकार में राजस्व मंत्री थीं.

1980 से 1990 तक एक दशक तक वह राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री रहीं। इस दौरान उनके पास कृषि, पशुपालन, सिंचाई, श्रम और रोजगार, शिक्षा, कला और संस्कृति, पर्यटन और एकीकृत ग्रामीण विकास जैसे विविध विभाग थे।

1993 में वह मंत्री नहीं रहीं लेकिन फिर भी बैराठ (अब विराटनगर), जयपुर से विधान सभा के लिए चुनी गईं। 1998 में वह फिर से कैबिनेट मंत्री बनीं और 2003 से राजस्थान की उप मुख्यमंत्री रहीं।

अपने लंबे करियर में वह राज्य कांग्रेस पार्टी के कामकाज से निकटता से जुड़ी रही हैं और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सदस्य रही। पार्टी के पदों में उन्होंने 1977 के चुनावों के दौरान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संयुक्त सचिव, राजस्थान कांग्रेस कार्यकारी समिति के सदस्य, राजस्थान महिला कांग्रेस के अध्यक्ष, राजस्थान प्रदेश चुनाव समिति के सदस्य और फिर चुनाव अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।

बेनीवाल लंबे समय तक राजस्थान राज्य सरकार में मंत्री रहे और विभिन्न कैबिनेट पदों पर रहे। एक मंत्री के रूप में उन्होंने लगभग 50 वर्षों तक राजस्थान सरकार की सेवा की।

उन्हें अक्टूबर 2009 में त्रिपुरा का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। वह पूर्वोत्तर भारत के किसी भी राज्य की पहली महिला राज्यपाल थीं। एक महीने बाद, उन्हें 27 नवंबर 2009 को गुजरात का राज्यपाल नियुक्त किया गया जहां उन्होंने चार साल से अधिक समय तक सेवा की। 6 जुलाई 2014 को उनका तबादला मिज़ोरम के राज्यपाल पद पर कर दिया गया।

11 साल की आयु में उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया था। अपने पैतृक गांव गौरीर में उन्होंने अनेक विकास कार्य करवाए। वो समय समय पर गौरीर आती रहती थी।

  • 7 बार विधायक रहीं। राजस्थान में यशोदा के बाद विधायक बनने वाली दूसरी महिला नेता थीं।
  • 1954 में राजस्थान की पहली महिला मंत्री बनीं।
  • अशोक गहलोत के पहले मुख्यमंत्री कार्यकाल में उन्हें मंत्री और फिर डिप्टी सीएम बनाया गया था।
  • दिसंबर 2003 में वे विधानसभा चुनाव हार गई थीं। इसके बाद उन्होंने फिर कभी चुनाव नहीं लड़ा।
  • अक्टूबर 2009 में त्रिपुरा की राज्यपाल बनीं।
  • नवंबर 2009 में उन्हें गुजरात का राज्यपाल बनाया। वे जुलाई 2014 तक गुजरात की राज्यपाल रहीं।
  • 9 जुलाई 2014 को मिजोरम की राज्यपाल नियुक्त हुईं।
  • अगस्त 2014 में मोदी सरकार ने पद से हटाया।
  • अब उनके बेटे आलोक बेनीवाल उनकी राजनीतिक विरासत संभाल रहे हैं।

गुजरात में राज्यपाल रहते हुए नरेंद्र मोदी से हुई थी अनबन

कमला बेनीवाल 27 नवम्बर 2009 को गुजरात की राज्यपाल नियुक्त हुईं थी. इससे पहले केंद्र सरकार ने उन्हें त्रिपुरा का राज्यपाल नियुक्त किया था. जब वह गुजरात की राज्यपाल बनी उस समय गुजरात में नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री थे. उनसे कई मसलों पर उनकी अनबन हुई थी. जिसमें लोकायुक्त की नियुक्ति का मसला काफी चर्चाओं में रहा था.

कमला बेनीवाल के निधन से गौरीर सहित क्षेत्र में शोक की लहर छा गई। उनके निधन पर पूर्व मुख्यमंत्री सलाहकार डॉ जितेंद्र सिंह, कांग्रेस राहुल गांधी विचार मंच के राष्ट्रीय सचिव पूर्णमल सुरोलिया, मुंशी गुर्जर, पूर्व जिला पार्षद राव ईश्वर सिंह, उम्मेद मान, राजेंद्र शिमला, विपिन यादव, प्रिंसिपल सी पी शर्मा सहित अनेक लोगो ने शोक जताया है।

पिता की मूर्ति अनावरण समारोह में शामिल हुए थे मुख्यमंत्री समेत अनेक मंत्री, पिता पर लिखित पुस्तक का मुख्यमंत्री के हाथों करवाया था विमोचन
कमला बेनीवाल के पिता पर महान साहित्यकार टी सी प्रकाश द्वारा रचित स्वतंत्रता सेनानी चौधरी नेतराम सिंह पर लिखित पुस्तक का मूर्ति अनावरण समारोह के दौरान 5 जुलाई 2000 को तत्कालीन उपमुख्यमंत्री कमला बेनीवाल ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, शीशराम ओला, नवलकिशोर शर्मा, डॉ जितेंद्र सिंह सहित अनेक मंत्रियों की मौजूदगी में विमोचन करवाया था।

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