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झुंझुनूं तहसीलदार की तबीयत बिगड़ी:अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा, कर्मचारी बैठे धरने पर, तहसीलदार को जांच के नाम पर जिला प्रशासन कर रहा है परेशान


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झुंझुनूं तहसीलदार की तबीयत बिगड़ी:अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा, कर्मचारी बैठे धरने पर, तहसीलदार को जांच के नाम पर जिला प्रशासन कर रहा है परेशान

झुंझुनूं तहसीलदार की तबीयत बिगड़ी:अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा, कर्मचारी बैठे धरने पर, तहसीलदार को जांच के नाम पर जिला प्रशासन कर रहा है परेशान

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद आरिफ चंदेल

झुंझुनूं : झुंझुनूं तहसीलदार सुरेन्द्र चौधरी की गुरूवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद उन्हें जिला अस्पताल BDK में भर्ती करवाना पड़ा। इधर तहसीलदार की तबीयत खराब होने के बाद तहसील कार्यालय के सभी कर्मचारी ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गए। उन्होंने आरोप लगाया कि तहसीलदार को जांच के नाम पर बार बार प्रताड़ित किया जा रहा है। पटवार संघ के जिलाध्यक्ष होशियार सिंह खीचड़ ने बताया कि वह सुबह तहसील कार्यालय आए तो भीड़ लगी हुई थी।

झुंझुनूं तहसीलदार की तबीयत बिगड़ी
झुंझुनूं तहसीलदार की तबीयत बिगड़ी

तहसीलदार रो रहे थे, उनको जांच के नाम पर बार बार टॉर्चर किया जा रहा है। बनवारी लाल ढेवा का नाम व्यक्ति बार बार शिकायत कर टॉर्चर कर रहा है। जबकि एक बार जांच में कलेक्टर ने उसकी शिकायत को निराधार साबित किया था। उसके बाद जब भी सरकार का कोई उच्च अधिकारी झुंझुनूं आता है, दोबारा शिकायत कर देता है। फिर दूसरे अधिकारी से जांच शुरू हो जाती है। जो दोषी है, प्रशासन उस पर कार्रवाई करें, लेकिन बार बार परेशान करने से क्या मतलब है। खीचड़ ने बताया कि करीब दो महीने पहले भी बनवारीलाल ने तहसील के कर्मचारी के साथ मारपीट की थी, लेकिन उस मामले में अब तक कार्रवाई नहीं की गई। उल्टा कर्मचारियाें को परेशान किया जा रहा है। वहीं इस मामलें में बनवारी लाल ढेवा से बात की तो उन्होंने बताया कि झुंझुनूं तहसीलदार ने शहर में कई जमीनों को लेकर बड़ा घपला किया है। गुढ़ा रोड़ पर मंदिर माफी की जमीन की रजिस्ट्री करवाकर 100 करोड़ रूपए का घपला किया है। नहीं कपड़ा बाजार में ट्रस्ट की जमीन को गुदड़ी बाजार में दिखाकर रजिस्ट्री कर दी है। तहसीलदार ने करोड़ो रूपए का घपला किया है। मैंने पहले कलेक्टर से जांच करवाई थी। मैं जांच से संतुष्ट नहीं था। झुंझुनूं के प्रभारी सचिव डॉ समित शर्मा को शिकायत की थी। जिसके बाद जांच चिड़ावा एसडीएम को दी गई थी। चिडावा एसडीएम ने जांच के लिए फोन किया तो इनकी तबीयत बिगड़ी है। अगर ये सही है तो इनकी तबीयत क्यों खराब हुई। इस मामले में तहसीलदार से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कुछ भी बताने की स्थिति में नहींं होने की बात कहकर मना कर दिया।

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