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ऑर्गन ट्रांसप्लांट कर पैसा कमाने में जुटी थी टीम:लाइसेंस रिन्यू नहीं होने पर मणिपाल हॉस्पिटल को छोड़ा, फोर्टिस में बढ़ गई ऑर्गन ट्रांसप्लांट की संख्या


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ऑर्गन ट्रांसप्लांट कर पैसा कमाने में जुटी थी टीम:लाइसेंस रिन्यू नहीं होने पर मणिपाल हॉस्पिटल को छोड़ा, फोर्टिस में बढ़ गई ऑर्गन ट्रांसप्लांट की संख्या

ऑर्गन ट्रांसप्लांट कर पैसा कमाने में जुटी थी टीम:लाइसेंस रिन्यू नहीं होने पर मणिपाल हॉस्पिटल को छोड़ा, फोर्टिस में बढ़ गई ऑर्गन ट्रांसप्लांट की संख्या

जयपुर : SMS हॉस्पिटल से जारी फर्जी NOC पर ऑर्गन ट्रांसप्लांट मामले में एसीबी जांच में कई अहम खुलासे हुए है। फोर्टिस हॉस्पिटल में एक पूरी टीम ऑर्गन ट्रांसप्लांट कर पैसा कमाने में जुटी थी। मणिपाल हॉस्पिटल का लाइसेंस रिन्यू नहीं होने पर पूरी टीम ने जॉब छोड़ फोर्टिस ज्वाइंन किया। टीम वर्क के चलते ही फोर्टिस हॉस्पिटल में ऑर्गन ट्रांसप्लांट की संख्या बढ़ गई।

एसीबी ने बताया कि ऑर्गन ट्रांसप्लांट के मामले में गिरफ्तार गिरिराज शर्मा की रिमांड अवधि पूरी हो गई थी। शुकवार दोपहर गिरिराज शर्मा को कोर्ट में पेश किया गया था। जहां से उसे 15 अप्रैल तक वापस रिमांड पर सौंपा गया है। एसीबी की जांच में सामने आया है कि फोर्टिस अस्पताल का सर्जन डॉ. जितेन्द्र गोस्वामी और डॉ. ज्योति बंसल पहले मणिपाल हॉस्पिटल में ऑर्गन ट्रांसप्लांट करते थे। साल-2023 में मणिपाल हॉस्पिटल का लाइसेंस रिन्यू नही हुआ।

लाइसेंस रिन्यू नहीं होने के चलते पूरी टीम ने जॉब छोड़ दी। पूरी टीम जॉब छोड़कर फोर्टिस हॉस्पिटल पहुंच गई। उस समय गिरिराज शर्मा मणिपाल हॉस्पिटल में ऑर्गन को-ऑर्डिनेटर था। गिरिराज तब से ही SMS हॉस्पिटल के AAO गौरव सिंह के कॉन्टैक्ट में था। गिरिराज भी नौकरी छोड़कर डॉ. जितेन्द्र गोस्वामी के साथ फोर्टिस हॉस्पिटल आ गया था। यहां पहले से काम कर रहे विनोद के साथ मिलकर दोनों ऑर्गन को-ऑर्डिनेटर के पद पर कार्यरत थे।

मोबाइल से चेट की डिलीट
एसीबी सूत्रों के अनुसार ये टीम और आने के बाद फोर्टिस अस्पताल में ऑर्गन ट्रांसप्लांट की संख्या बढ़ गई। डॉ. जितेन्द्र गोस्वामी और डॉ. ज्योति बंसल की भूमिका एसीबी के राडार पर आ गई। ACB टीम अभी तक मामले में अब तक डॉ. जितेन्द्र गोस्वामी, डॉ. राजेश गरसा, डॉ. ज्योति बंसल, डॉ. संदीप गुप्ता, उनके असिस्टेंड भानुप्रताप, ऑर्गन को-ऑर्डिनेटर गिरिराज शर्मा, विनोद, ईएचसीसी हॉस्पिटल के डॉ. ए.के गुप्ता व डॉ. रवि गुप्ता, ऑर्गन को-ऑर्डिनेटर अनिल जोशी व SMS हॉस्पिटल के AAO गौरव सिंह के कुल 10 मोबाइल जब्त कर चुकी है। जांच में सामने आया कुछ डॉक्टरों ने खुद के मोबाइल से की गई चैट को डिलीट कर दिया। डिलीट की गई चैट को रिकवर कराने के लिए जब्त मोबाइलों को FSL भेजा गया है। एसीबी मामले में आरोपी गिरिराज शर्मा, अनिल जोशी, विनोद और गौरव सिंह को अरेस्ट कर चुकी है।

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