1.55 करोड़ रु. जब्ती सही, लेकिन अपराधियों सा बर्ताव क्यों? ….पुलिस ने गलती सुधारी और तीनों व्यापारियों को छोड़ा, कहा-गिरफ्तार नहीं, दस्तयाब किया था
दिल्ली से आ रही बस में 3 युवकों से 1.55 करोड़ रु. जब्त किए, इनमें दो सीकर के

झुंझुनूं : जिला स्पेशल टीम व एफएस टीम ने मंगलवार सुबह दिल्ली से झुंझुनूं आ रही एक निजी बस में तीन युवकों के कब्जे से डेढ़ करोड़ रुपए जब्त किए हैं। तीनों युवक यह रकम दिल्ली बकरा मंडी से लेकर शेखावाटी आ रहे थे। इनमें से दो युवक सीकर के व एक झुंझुनूं का रहने वाला है।
एसपी राजर्षि राज वर्मा ने बताया कि मुखबिर की रिपोर्ट पर चिड़ावा में पिलानी सर्किल पर नाकाबंदी की गई। डीएसटी व एफएस टीम ने दिल्ली से आ रही यूपी नंबरों की निजी बस को रुकवाकर तलाशी ली। बस में सवार युवकों के पास चार बैग में 1 करोड़ 54 लाख 90 हजार 600 रुपए मिले। तीनों युवकों से पूछताछ की गई। इन्होंने बकरामंडी दिल्ली से बकरों की बिक्री की रकम लाना बताया।
लेकिन कोई सबूत नहीं होने पर पुलिस ने इस रकम को जब्त कर लिया। बाद में पुलिस ने रकम आयकर विभाग को सुपुर्द कर युवकों को छोड़ दिया। चार बैग में भरे 500-500 के नोटों को गिनने के लिए दो मशीन मंगवानी पड़ी। एसपी वर्मा व डीएसपी धींधवाल की मौजूदगी में गिनती की गई। करीब तीन घंटे का समय लगा। बाद में यह राशि आयकर विभाग को सौंप दी।
पुलिस ने तीनों व्यापारियों को अपराधियों की तरह नीचे बैठाकर फोटोशूट कराया
आचार संहिता के दौरान पुलिस की ओर से पकड़ी गई डेढ़ करोड़ की राशि के मामले में व्यापारियों से अपराधियों जैसा बर्ताव किया गया। आम अपराधियों की तरह इन व्यापारियों को जमीन पर बैठाकर पुलिस ने फोटोशूट कराया। इतना ही नहीं पुलिस ने प्रेस नोट जारी कर यह फोटो भी शेयर कर दिया। प्रेस नोट में इन तीनों को गिरफ्तार भी दिखाया गया। जबकि आचार संहिता के दौरान नकदी पकड़ने के मामले में न किसी को गिरफ्तार किया जा सकता और न ही नीचे बैठाकर फोटोशूट किया जा सकता। लेकिन झुंझुनूं पुलिस आचार संहिता में अपने ही नियमों की आचार संहिता भूल गई। जबकि पुलिस के ही अधिकारियों का कहना है कि ऐसा करना गलत है। झुंझुनूं में ऐसा हुआ है तो सरासर गलत है।
यह अपराधी नहीं हैं… इसलिए जनमानस शेखावती न्यूज़ इनके चेहरों को नहीं दिखा रहा है, क्योंकि पुलिस ने फोटोशूट करा जो गलती की उसको दोहराना नहीं चाहते। तस्वीर चिड़ावा पुलिस थाने की।
कानूनविदों ने उठाए सवाल
Q. किस धारा के तहत गिरफ्तार किया?
Q. अपराधियों जैसा बर्ताव क्यों?
Q. किस नियम में ऐसा प्रावधान है?
हमारे मीडिया कर्मी ने जब इस संबंध में एसपी राजर्षि राज व चिड़ावा डीसएपी से कानूनविदों के सवाल पूछे तब पुलिस को अपनी गलती का अहसास हुआ। एसपी ने रात को बाकायदा प्रेस बयान जारी कर कहा कि प्रेस नोट में गलती से गिरफ्तार लिखा गया है। इन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया। दस्तयाब किया था। आयकर विभाग को राशि सौंपने के बाद इन्हें छोड़ दिया गया। हमारा मीडिया हाउस किसी भी अपराधी के पक्ष में नहीं है, लेकिन आमजन से आचार संहिता की आड़ में अपराधियों जैसे बर्ताव के पक्ष में भी नहीं है।
रकम जब्त होती है, गिरफ्तारी व अपराधियों सा बर्ताव नहीं किया जा सकता : अधिवक्ता
एक्सपर्ट : राजस्थान हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता संजय महला का कहना है कि आचार संहिता के दौरान अगर किसी के पास संदिग्ध राशि पाई जाती है तो उसको जब्त किया जाता है। ऐसे मामलों में जब तक व्यक्ति किसी अपराध में पूर्व से वांछित नहीं हो या उसकी भूमिका पूछताछ के दौरान संदिग्ध नहीं पाई जाए तो गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। ना ही अपराधियों की तरह बर्ताव किया जा सकता है।
प्रेस नोट में गलती से गिरफ्तार लिखा गया, दस्तयाब किया था: राजर्षि राज वर्मा, एसपी
Q. आचार संहिता के दौरान नकदी रखने वालों को क्या गिरफ्तार किया जा सकता है?
A. इनको गिरफ्तार नहीं किया है। दस्तयाब किया था।
Q. पुलिस प्रेस नोट में इन्हें गिरफ्तार दिखाया है?
A. गलती से लिखा गया, हमने इसको दुरुस्त कर दिया है। गिरफ्तार नहीं किया। प्रारंभिक जांच में सस्पेक्टेड लगने पर दस्तयाब किया था।
Q. इन्हें अपराधियों की तरह बैठाकर फोटोशूट करवाने का क्या मकसद है?
A. इससे आपका मतलब क्या है।
हवाला की राशि हुई तो ईडी को सूचना
करीब तीन घंटे चली कार्यवाही के बाद पुलिस ने मामले से इनकम टैक्स को अवगत करवाया। दोपहर में आयकर विभाग टीम भी चिड़ावा पहुंची। डीएसटी टीम की ओर से पकड़ी गई राशि के मामले की आयकर विभाग जांच करेगा। एसपी का कहना है कि प्रारंभिक पूछताछ में पकड़े गए युवकों ने बकरामंडी दिल्ली से यह राशि लाना बताया है। यदि यह राशि हवाला की हुई तो ईडी को सूचना दी जाएगी।
नियम: 3 दस्तावेज साथ हों तो ले जा सकते हैं 50 हजार से अधिक
भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) का स्पष्ट प्रावधान है कि 50000 रुपए से अधिक नकदी साथ लेकर चलने पर किसी तरह की पाबंदी नहीं है, लेकिन इसके लिए 3 दस्तावेज साथ में होने जरूरी हैं।
- कैश लेकर जा रहे व्यक्ति का पहचान पत्र और धन के लेनदेन से संबंधित प्रमाण।
- नकद निकासी का सबूत – जैसे बैंक निकासी की पर्ची या मैसेज, ताकि ये साबित हो सके कि कैश कहां से आ रहा है।
- पैसा जहां भेजा जा रहा है, उसका प्रमाण, ताकि ये साबित हो सके कि ये कैश किसे दिया जाएगा। हालांकि, यदि जब्त की गई नकद राशि 10 लाख रुपए से अधिक है, तो इसे जांच के लिए आयकर विभाग को सुपुर्द कर दिया जाएगा।