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राजस्थान के युवकों को जबरन रूसी सेना में भर्ती कराया:यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने भेजा, एक युवक के गोली लगी; अस्पताल में एडमिट


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राजस्थान के युवकों को जबरन रूसी सेना में भर्ती कराया:यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने भेजा, एक युवक के गोली लगी; अस्पताल में एडमिट

राजस्थान के युवकों को जबरन रूसी सेना में भर्ती कराया:यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने भेजा, एक युवक के गोली लगी; अस्पताल में एडमिट

डीडवाना (नागौर) : डीडवाना-कुचामन के 4 युवकों को जबरन रूसी सेना में भर्ती करने का मामला सामने आया है। एक युवक के यूक्रेन से युद्ध लड़ते समय हाथ-पैर में गोली लगी। रूस से युवक का कॉल आया तो घरवालों की नींद उड़ गई। युवक की पत्नी का दावा है कि उसका पति सेना के अस्पताल में भर्ती है।

गुरुवार को रिक्शा का बास गांव निवासी युवक नेमाराम (28) की पत्नी सुनीता (27) ने एजेंट महेंद्र कुमार बिरजाणिया के खिलाफ धोखे से पति को युद्ध क्षेत्र में भेजने का मामला दर्ज कराया है। मौलासर पुलिस ने युवक की पासपोर्ट डिटेल, टिकट और वीजा की कॉपी मंगवाकर मामला दर्ज कर लिया है।

अपने हाथ और पैर की चोट दिखाता नेमाराम।
अपने हाथ और पैर की चोट दिखाता नेमाराम।

पत्नी बोली- कंप्यूटर ऑपरेटर की ट्रेनिंग के लिए रूस भेजा
यूक्रेन में फंसे युवक की पत्नी सुनीता ने बताया- डीडवाना के ही एजेंट ने विदेश में कंप्यूटर ऑपरेटर की ट्रेनिंग के लिए मेरे पति को रूस भेजा था। 26 जनवरी को पति रूस गए थे।

इसके लिए एजेंट महेंद्र कुमार ने 5 लाख रुपए लिए थे। दावा किया था कि हर महीने पति को 2 लाख रुपए सैलरी मिलेगी। रूस पहुंचने के बाद 15-20 दिन तक तो सुनीता की पति से बातचीत होती रही। लेकिन इसके बाद पति का फोन जब्त कर लिया गया।

21 फरवरी को पिता रामेश्वर (50) के पास नेमाराम का कॉल आया। उसने बताया कि उसे रूस में भाषा की ट्रेनिंग दी जा रही है। ट्रेनिंग के लिए दूसरी साइट पर भेजा जा रहा है। इसलिए एक दो दिन बात नहीं हो पाएगी। लेकिन 21 फरवरी के बाद नेमाराम का टेलीग्राम कॉल 11 मार्च को ही आया।

नेमाराम की पत्नी सुनीता और बेटा मौलासर थाने में।
नेमाराम की पत्नी सुनीता और बेटा मौलासर थाने में।

11 मार्च को हुई पत्नी से बात, बोला- धोखा हुआ
नेमाराम ने पत्नी को बताया- जैसा एजेंट महेंद्र ने वादा किया था, वैसा कुछ नहीं है। मेरे साथ धोखा हुआ है। इसी कारण से मैं बातचीत नहीं कर सका। मुझे रूस की सेना में भर्ती कर यूक्रेन भेज दिया गया। लड़ाई में मेरे पैर और हाथ में गोली लगी है। गोली लगने के बाद मैं बेहोश हो गया था। मैं अभी अस्पताल में हूं। मेरे साथ धाबड़ा गांव (डीडवाना) का एक युवक रणजीत पुत्र चेनाराम भी है।

रणजीत भी मेरे साथ ही रूस आया था। मुझे तो अस्पताल में भर्ती करवा दिया, लेकिन रणजीत अभी वहीं लड़ रहा है। अभी रणजीत कहां है, ये मैं नहीं बता सकता। नेमाराम के पिता रामेश्वर अपने भाई, भतीजे और गांव के कुछ लोगों के साथ दिल्ली में हैं। वे विदेश मंत्रालय में जाकर बेटे की घर वापसी की गुहार लगाएंगे। रामेश्वर ने बताया- विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मिलकर बेटे को सकुशल वापस भारत लाने की मांग करेंगे।

नेमाराम के पिता तो दिल्ली गए हैं। वहीं मौलासर थाने के बाहर बैठे उसके परिजन।
नेमाराम के पिता तो दिल्ली गए हैं। वहीं मौलासर थाने के बाहर बैठे उसके परिजन।

परिजनों ने हॉस्पिटल का वीडियो शेयर किया
नेमाराम के परिजनों ने एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें नेमाराम किसी हॉस्पिटल में भर्ती है। वीडियो में वह कहा रहा है- हम यहां बैठे हैं हॉस्पिटल में, थोड़ी बहुत लगी है। ट्रेनिंग में रणजीत है। बाहर जाएं तभी परेशानी है। हम अंदर हैं। हाथ में थोड़ी सी लगी है। टेंशन वाली कोई बात नहीं है। आगे जाने पर दिक्कत है, हम आगे नहीं जा रहे हैं। नेमाराम की शादी 2011 में हुई थी। उसके एक 5 साल का बेटा है। पिता रामेश्वर किसान हैं।

मौलासर थाना इंचार्ज वीरेंद्र सिंह का कहना है- बुधवार (13 मार्च) को नेमाराम की पत्नी सुनीता की ओर से मामला दर्ज कराया है। महिला ने आरोप लगाया है कि एजेंट ने उसके पति को कनाडा भेजने का वादा किया था। कहा कि पहले रशिया में 3 महीने की ट्रेनिंग होगी। ट्रेनिंग के बाद कनाडा भेजा जाना था।

तीन अन्य युवक भी गए थे रूस
मौलासर थाने में इलाके के तीन अन्य युवकों सुनील कड़वा, जितेंद्र कुमार और रणजीत के परिजनों ने भी एजेंट के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। परिवार के सदस्यों का दावा है कि उनके सदस्य को रूसी सेना में भर्ती कर लिया गया है। उन्हें युद्ध में झोंका जा रहा है। परिजनों ने इन युवकों की सकुशल घर वापसी के लिए केंद्र सरकार से भी गुहार लगाई है।

गांव लादड़िया निवासी युवक सुनील कड़वा की मां भंवरी देवी का कहना है कि धनकोली गांव (डीडवाना) निवासी एजेंट 6 फरवरी को गांव आया था। उसने बेटे सुनील को रूस में अच्छी नौकरी का झांसा दिया। बेटा रूस चला गया। कुछ दिन सुनील का फोन आया। अब काफी दिनों से उसका कोई फोन नहीं आया है। युवकों के जबरन सेना में भर्ती करने की सूचनाएं मिल रही हैं।

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