जयपुर में मुंह-आंख पर हाथ मारने पर भड़की ‘गौरी’:हथिनी ने रूसी पयर्टक को सूंड से पकड़कर दूर फेंका, पहले भी कर चुकी है हमला
जयपुर में मुंह-आंख पर हाथ मारने पर भड़की 'गौरी':हथिनी ने रूसी पयर्टक को सूंड से पकड़कर दूर फेंका, पहले भी कर चुकी है हमला

जयपुर : जयपुर के आमेर महल में हाथी सवारी के दौरान एक रूसी पर्यटक को हथिनी ने सूंड से उठाकर पटक दिया। हथिनी ने पहले पर्यटक को सूंड से पकड़कर चारों तरफ घुमाया और फिर नीचे फेंक दिया। उठाकर पटकने से पर्यटक घायल हो गई। आमेर महल प्रशासन ने घायल पर्यटक को सवाई मानसिंह अस्पताल पहुंचाया।
एनिमल वेलफेयर के लिए काम कर रही संस्था पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) ने इस हथिनी को हाथी सवारी से बैन करने और इसे सेंचुरी भेजने की भी मांग की है। इसके लिए पेटा ने राजस्थान सरकार में उप मुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री दीया कुमारी को पत्र भी लिखा है।
आमेर महल प्रशासन के अनुसार, यह घटना 13 फरवरी की है, जब हाथी आमेर महल के जलेब चौक में पर्यटकों को लेकर पहुंचे थे। उनमें से हथिनी गौरी ने रूसी पर्यटक मारिया को सूंड से उठाकर पटक दिया। मारिया के पैर में फ्रैक्चर हो गया था।

हथिनी गौरी को हाथी सवारी के लिए कर दिया बैन
आमेर महल अधीक्षक राकेश छोलक ने बताया- प्रशासन की ओर से ही पर्यटक मारिया को सरकारी गाड़ी से तत्काल एसएमएस हॉस्पिटल पहुंचाया गया था। पेटा की तरफ से लेटर भी मिला है। हम उस पर संज्ञान ले रहे हैं। सेंचुरी भेजने का निर्णय हमारे यहां से नहीं हो सकता है। हमने उसे सवारी के लिए अनफिट घोषित कर बैन लगा दिया है।
डिप्टी सीएम दीया कुमारी को लिखा लेटर
पेटा इंडिया ने राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी को लेटर लिखकर गौरी के पुनर्वास और हाथी की सभी सवारी को पर्यावरण-अनुकूल मोटर चालित वाहनों (इलेक्ट्रिकल व्हीकल) से बदलने की मांग की है। पेटा ने एक रिपोर्ट भी दी है, जिसकी उन्होंने सिफारिश भी है।
सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई घटना
आमेर किले के सीसीटीवी कैमरे में यह घटना रिकॉर्ड हो गई। वीडियो में गौरी पर्यटक को सूंड में पकड़कर जोर से घुमाते हुए और फिर जमीन पर पटकती नजर आ रही है। हथिनी की पीठ से महावत भी गिर जाता है।
पर्यटक ने मुंह और आंख पर लगा दिया था हाथ
हाथी मालिक इशाक मंसूरी ने बताया कि जब पर्यटक आमेर महल में हथिनी गौरी से उतरा तो उसने उसके मुंह पर और आंख पर हाथ लगा दिया। इससे गौरी भड़क गई और पर्यटक को सूंड में उठाकर पटक दिया। महावत ने पर्यटक को बचाने का प्रयास किया था। इससे पहले दुकानदार भी हमला किया था, उस समय उसने गौरी को गर्म कचौरी खिला दी थी, जिसके कारण वह भड़क गई। फरवरी की घटना के बाद से इस हथिनी की सवारी बैन कई हुई है।
अक्टूबर 2022 में दुकानदार पर भी कर चुकी है हमला
पेटा ने बताया कि हथिनी गौरी (सवारी नंबर 86) ने अक्टूबर 2022 में आमेर में दुकानदार को गंभीर रूप से घायल कर दिया था। दुकानदार की पसलियां और अन्य हड्डियां टूट गई थीं। 16 महीने से पेटा इंडिया राजस्थान के पुरातत्व और संग्रहालय विभाग से अपील कर रही है कि गौरी को सवारी के लिए इस्तेमाल करना बंद किया जाए। उसे एक अभयारण्य में भेजा जाए, जहां वह जीवन भर गुलामी के मानसिक आघात से उबर सके। भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (AWBI) की 2018 की रिपोर्ट के अनुसार, गौरी को स्वामित्व प्रमाण पत्र के बिना अवैध रूप से राजस्थान में रखा गया है। उससे पहले कोरोना टाइम में इस हथिनी ने भीलवाड़ा में एक खेत मालिक पर चारा खिलाते वक्त हमला कर दिया था। इसके बाद हाथी गांव में भी एक विदेशी पर्यटक पर हमला कर चुकी है।
मालती पर भी पेटा के प्रयास के बाद लगाया बैन
जानकारी के मुताबिक, मालती नाम की एक अन्य हथिनी (नंबर 44), जिसे आमेर किले में सवारी के लिए इस्तेमाल किया जाता था। वह भी पर्यटकों के लिए खतरा बन गई थी। उसे भी पेटा इंडिया के प्रयासों से अस्थायी रूप से बैन कर दिया गया है। वेटरनरी डॉक्टर्स की एक टीम और सुप्रीम कोर्ट की पावर कमेटी ने अभयारण्य में उसके पुनर्वास की सिफारिश की।
भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआई) ने पहले एक रिपोर्ट में उल्लेख किया था कि राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य प्रमाण पत्र में उसे अस्वस्थ बताया गया था। हाथी के संचालकों ने जून 2017 में आमेर किले में उसे लाठियों से पीटा और मार्च 2019 में सार्वजनिक रूप से फिर से उसके साथ हिंसा की। पेटा इंडिया सालों से अपील कर रहा है कि उसे विशेष देखभाल के लिए अभयारण्य में भेजा जाए।
पर्यटकों की सुरक्षा पर गंभीरता से काम होना चाहिए
टूरिज्म एक्सपर्ट संजय कौशिक ने कहा- जयपुर की हाथी सवारी दुनियाभर में फेमस है। देश-विदेश से पर्यटक हाथी सवारी करना पसंद करते हैं, लेकिन इस तरह की घटनाएं अमानवीय हैं। हाथियों की सुरक्षा, फिटनेस, स्वास्थ्य और उनके रख-रखाव पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। ऐसी घटनाएं टूरिज्म सेक्टर के लिए सही नहीं हैं। सरकार को ध्यान देने की जरूरत है कि पर्यटकों की सुरक्षा पर गंभीरता से काम हो। यदि कोई हाथी सवारी के लिए उचित नहीं है तो उसे बैन कर दिया जाए।