बाल विवाह की सूचना देने पर फोटोग्राफर से मारपीट:पूरी रात कमरे में बंद रखा, सुनसान जंगल में अधमरा कर छोड़ा
बाल विवाह की सूचना देने पर फोटोग्राफर से मारपीट:पूरी रात कमरे में बंद रखा, सुनसान जंगल में अधमरा कर छोड़ा

आसीन्द (भीलवाड़ा) : 7 साल की बच्ची का बाल विवाह रुकवाना एक फोटोग्राफर को उस समय भारी पड़ गया, जब बच्ची के घरवालों ने फोटोग्राफर को पूरी रात कमरे में बंद रखा। साथ ही जंगल में ले जाकर मारपीट की। इसके साथ ही फोटोग्राफर का कैमरा और अन्य सामान छीन लिए। थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाने पर फोटोग्राफर को पॉक्सो में मामला दर्ज करवाने की धमकी दी गई। मामला भीलवाड़ा के आसींद का है।
दौलतगढ़ निवासी महिपाल (18) पुत्र अंबालाल ने रिपोर्ट में बताया कि वह 18 फरवरी को शादी की फोटोग्राफी के लिए दातड़ा पंचायत के एक गांव में गया था। यहां मुझे पता चला की 7 साल की बच्ची की शादी हो रही है। इस पर मैंने शाम 6 बजे आसींद थाने में सूचना दी। पुलिस नहीं आई तो दो बार और कॉल किया। एक घंटे बाद शाम 7 बजे पुलिस पहुंची। उस समय फेरे नहीं हो हुए थे, विवाह की रस्में चल रही थी। पुलिस यहां 10 मिनट रुकी, उनको समझाया, इसके बाद मेरा नंबर बच्ची के घरवालों को बता दिया। घरवालों को नंबर सुनते ही पता चल गया कि वो मेरे नंबर थे।

पुलिस के जाते ही बच्ची के घरवालों ने मेरा कैमरा और अन्य सामान छीन लिया। पुलिस के जाने के बाद उन्होंने बच्ची की शादी करवा दी। रात 9 बजे उन्होंने मुझे कमरे में बंद कर दिया। वहां सुबह भी मेहमान थे तो उन्होंने सुबह 7 बजे मुझे निकाला और चाय पिलाई। चाय पिलाकर उन्होंने मुझे वापस कमरे में बंद कर दिया। शाम 4 बजे सभी मेहमानों के जाने के बाद मुझे कमरे से बाहर निकाला। 7-8 लोग मुझे काली स्कॉर्पियों में डालकर एक किलोमीटर दूर एक जंगल में लेकर चले गए। दो-तीन लोग पीछे-पीछे बाइक पर आए थे।
इन सभी ने जंगल में प्लास्टिक के पाइप और लाठी, डंडों से मुझे आधे घंटे तक पीटा। पिटाई में मेरा हाथ फ्रैक्चर हो गया। मुझे अधमरा छोड़कर वापस चले गए। शादी में मेरा एक दोस्त आया था। उनके जाने के बाद वह बाइक पर आया मुझे बिठाकर घर छोड़ दिया। अगले दिन सुबह मेरे घरवाले मुझे भीलवाड़ा महात्मा गांधी अस्पताल ले गए। जहां मेरे हाथ में प्लास्टर बांधा गया।
20 फरवरी को आसींद थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद 21 फरवरी को मुझे आसींद थाने में बुलाया गया। जहां पर मुझे समझाया गया कि रिपोर्ट वापस उठा लो नहीं तो तुम्हारें खिलाफ पॉक्सो में मामला दर्ज कर देंगे। इस पर मैनें रिपोर्ट वापस उठा ली। रिपोर्ट उठाने के बाद उन्होंने मेरे सामान, कैमरा और मेरे इलाज के लिए 5 हजार रुपए दिए। रिपोर्ट उठाने के बाद एक परिचित ने बताया कि वहां के लोग ये कह रहे है कि इस बार तो बच गया। अगली बार मिलेगा तो नहीं छोड़ेंगे। जिसके बाद 23 फरवरी को भीलवाड़ा एसपी ऑफिस पहुंचा और रिपोर्ट दर्ज कराई।
मामले में आसींद थाना प्रभारी फूलचंद बालोटिया ने बताया कि महिपाल द्वारा पहले भी रिपोर्ट दी गई थी। वहीं दूसरे पक्ष ने भी रिपोर्ट दी थी। रिपोर्ट के बाद 21 फरवरी को दोनों पक्षों में समझाइश की गई। जिसके बाद दोनों ने रिपोर्ट उठा ली थी। इसके बाद वापस महिपाल की रिपोर्ट ले ली गई और मामला दर्ज कर दिया है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है