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झुंझुनूं : पांच देशों की करेंगा यात्रा, जैरी जाएगा साइकिल से सिंगापुर, पर्यावरण बचाने का दिया जाएगा संदेश


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झुंझुनूं : पांच देशों की करेंगा यात्रा, जैरी जाएगा साइकिल से सिंगापुर, पर्यावरण बचाने का दिया जाएगा संदेश

जैरी जाएगा साइकिल से सिंगापुर:पांच देशों की करेंगा यात्रा, पर्यावरण बचाने का दिया जाएगा संदेश, झुंझुनूं का जैरी चौधरी की नई पहल

झुंझुनूं : झुंझुनूं के बुडानिया गांव के रहने वाले जैरी चौधरी अब नया रिकॉर्ड अपने नाम करने जा रहे हैं। जैरी चौधरी अब साइकिल से सिंगापुर जाएगा। इस दौरान वह पांच देशों की यात्रा साइकिल से करेगा। आठ हजार किलोमीटर की दूरी तय करने में करीब तीन माह का समय लगेगा। जैरी चौधरी द्वारका के द्वारकाधीश मंदिर में दर्शन के बाद 15 अक्टूबर को यात्रा की शुरुआत कर चुका है। जैरी ने दावा किया कि वे जिले के पहले युवा हैं। जो साइकिल से पांच देशों की यात्रा पर निकला है। इससे पहले कश्मीर से कन्याकुमारी का सफर साइकिल से पूरा किया है।

माता-पिता का सहयोग

इस सफर में परिजनों का साथ रहा। दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए ऑनर्स अंग्रेजी की पढ़ाई कर चुके जैरी ने बताया कि फौजी पिता राजेन्द्र सिंह झाझडिय़ा, मां किरण व रिटायर्ड फौजी दादा सांवलराम का पूरा सहयोग रहता है।

यह है मुख्य मकसद

कश्मीर से कन्याकुमारी व राजस्थान में साइकिल यात्रा निकाल चुके जैरी ने बताया कि साइकिल यात्रा का उसका मुख्य उद्देश्य आमजन को फिट रखने व पर्यावरण बचाने का संदेश देना है। यदि लोग बीमार कम पड़ेंगे तो दवा पर होना वाला खर्च बचेगा। यह पैसा देश के विकास में लगेगा।

देश में बने साइकिल ट्रेक

जैरी ने बताया, देश में अनेक लोग साइकिल चलाना चाहते हैं, लेकिन भारत में कहीं भी साइकिल ट्रेक नहीं है। राजमार्गों के बराबर अलग से साइकिल ट्रैक बनाने चाहिए। जिस पर केवल साइकिल चलाने की ही अनुमति हो। नीदरलैंड की राजधानी एम्सटर्डम की तर्ज पर केन्द्र व राज्य सरकारों को इस तरफ सोचना चाहिए।

कश्मीर से कन्याकुमारी तक की साइकिल यात्रा

जैरी चौधरी ने कश्मीर से कन्याकुमारी तक की साइकिल यात्रा कर चुके है। जैरी ने 3 नवम्बर 2021 को कश्मीर के लाल चौक से साइकिल यात्रा शुरू की थी। इसके बाद पांच जनवरी 2022 को करीब चार हजार किलोमीटर का सफर कन्याकुमारी पहुंचकर पूरा किया। इस दौरान जैरी ने गांवों व कस्बों के स्कूलों में व रास्ते में लोगों को साइकिल चलाने के प्रति जागरूक था।

भाषा और भोजन की रही समस्या

जैरी ने बताया कि सफर के दौरान सबसे ज्यादा समस्या भाषा और बोली की रहती है। हर प्रदेश की भाषा अलग होती है। ऐसे में लोगों से बात करने में दिक्कत आती है। कई राज्य ऐसे आए जहां मेरी भाषा वे नहीं समझ सके और मैं उनकी नहीं समझ सका। कई जगह भोजन की समस्या भी आई।

साइकिल पर ही अपना सामान रखते है साथ

साइकिल में अपने साथ एक्सट्रा टायर , ट्यूब , पंचर का सामान , पोर्टेबल टेंट , हेल्थकिटी , कपड़े व अन्य सामान साथ रखते हैं।

यह रहेगा मार्ग

-द्वारका

-म्यांमार

-थाईलैंड

-मलेशिया

-सिंगापुर

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