Good News : राजस्थान के इन तीन जिलों को भरपूर पानी देगा हरियाणा, दोनों के बीच पानी को लेकर हुआ समझौता
एमओयू के बाद, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रोजेक्ट में भूमिगत पाइपलाइनों के माध्यम से यमुना नदी का पानी राज्य के तीन जिलों सीकर, चूरू और झुंझुनूं को उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह परियोजना दोनों राज्यों के लिए हितकारी साबित होगी। इस समझौते पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा ध्यान न दिए जाने के कारण यह योजना काफी समय से लंबित थी।
MOU Between Rajasthan And Haryana For Water Sharing : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की उपस्थिति में शनिवार को नई दिल्ली में एक त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। केन्द्र सरकार, हरियाणा सरकार और राजस्थान सरकार के बीच हुए इस एमओयू के तहत ताजेवाला से प्रवाह प्रणाली के क्रम में डीपीआर बनाने पर सहमति बनी। इस योजना के मूर्त रूप लेने के बाद राजस्थान को ताजेवाला हेड-वक्र्स से यमुना नदी का पानी मिल सकेगा और बारिश में व्यर्थ बह जाने वाले जल का भी समुचित उपयोग हो सकेगा।
एमओयू के बाद, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रोजेक्ट में भूमिगत पाइपलाइनों के माध्यम से यमुना नदी का पानी राज्य के तीन जिलों सीकर, चूरू और झुंझुनूं को उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह परियोजना दोनों राज्यों के लिए हितकारी साबित होगी। इस समझौते पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा ध्यान न दिए जाने के कारण यह योजना काफी समय से लंबित थी। इसके धरातल पर उतरने के बाद राजस्थान को उसके हिस्से का पूरा पानी मिलेगा और शेखावाटी क्षेत्र के तीन जिलों सीकर, चूरू और झुंझुनूं की पेयजल समस्या का समाधान हो सकेगा।
उन्होंने राजस्थान के हित में इस एमओयू के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री एवं जलशक्ति मंत्री का आभार प्रकट किया। उल्लेखनीय है कि यमुना जल पर मई 1994 में संपादित समझौते के अनुसरण में राजस्थान को हरियाणा स्थित ताजेवाला हेड पर मॉनसून के दौरान 1917 क्यूसेक जल आवंटित है। वर्तमान में ताजेवाला हेड से राजस्थान को जल लाने हेतु कैरियर सिस्टम उपलब्ध नहीं है।
राज्य द्वारा वर्ष 2003 में हरियाणा की नहरों को रिमॉडलिंग कर राजस्थान में उक्त जल लाए जाने हेतु व पुन: वर्ष 2017 में भूमिगत प्रवाह प्रणाली के माध्यम से जल लाने हेतु हरियाणा सरकार को एमओयू भेजा गया जिस पर हरियाणा राज्य की सहमति प्राप्त नहीं हो सकी थी। पिछले 30 वर्षों के दौरान राजस्थान द्वारा लगातार इस मुद्दे को अपर यमुना रिव्यू कमिटी व अन्य अंतराज्यीय बैठकों में निरंतर रखा गया।
अब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री शेखावत के सम्मिलित प्रयासों से शनिवार को ताजेवाला हेड पर आवंटित जल के राजस्थान में पेयजल उपयोग हेतु प्रथम चरण की संयुक्त रूप से डीपीआर बनाने हेतु एम ओयू हुआ है। केन्द्रीय जलशक्ति मंत्रालय की सचिव देबाश्री मुखर्जी, राजस्थान के अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन अभय कुमार तथा कमिश्नर एवं शासन सचिव जल संसाधन हरियाणा पंकज अग्रवाल द्वारा एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर राजस्थान सरकार, हरियाणा सरकार तथा केन्द्रीय जलशक्ति मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।