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पुलवामा शहीदों की याद में गुदवा लिए टैटू:बोले- कोई पूछे तो गर्व से कहता हूं, थे हुए थे शहीद, इन्हें नमन


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पुलवामा शहीदों की याद में गुदवा लिए टैटू:बोले- कोई पूछे तो गर्व से कहता हूं, थे हुए थे शहीद, इन्हें नमन

पुलवामा शहीदों की याद में गुदवा लिए टैटू:बोले- कोई पूछे तो गर्व से कहता हूं, थे हुए थे शहीद, इन्हें नमन

भीलवाड़ा : पुलवामा हमले को 5 साल हो चुके हैं और उसकी यादें आज भी लोगों के ज़हन में बसी हुई है । भीलवाड़ा का एक युवा नारायण भदाला जो भीलवाड़ा से करीब 18 किलोमीटर दूर एक छोटे से गांव अगरपुरा से है और पिछले 20 सालों से भीलवाड़ा में ही रहकर नशा मुक्ति अभियान से जुड़ा है और लोगों को नशे से दूर रहने की प्रेरणा दे रहा है ।

शहीदों के प्रति सम्मान की भावना ,देश के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना रखने वाले नारायण ने बताया की पुलवामा हमले की जो घटना है आजीवन उसकी यादें मेरे जहन में रहेगी । मैं खाना रहा था मोबाइल में मैसेज आया तो दूसरा निवाला मेरे गले में था वह उतरा नहीं । फिर मैंने सोचा की कम से कम एक शहीद के अंतिम संस्कार में जरूर जाऊंगा । मैं इस घटना को आजीवन अपने शरीर पर खुदवा लूंगा और जो नारायण जी गुर्जर बिनौल राजसमंद में है उनके अंतिम संस्कार में गया और आते ही मैंने दूसरे दिन सब शहीद जो पुलवामा में शहीद हुए थे उन सभी के नाम को गुदवाया है । एक स्मारक ,एक तिरंगा और टोपी मैंने गुदवाई ।

मुझे कोई देखेगा तो पूछेगा यह क्या तब मैं बड़े गर्व से उनका नाम ले सकूंगा , यह पुलवामा हमले में अपने देश के लिए शहीद हुए थे । कई घंटे लगे थे इन नामों को बनवाने में और काफी दर्द भी हुआ लेकिन उन शहीदों की शहादत के सामने यह दर्द कुछ भी नहीं है , एक धूल का कण भी नहीं है । मैं शहीदों से बहुत प्रेम करता हूं , मैं भगत सिंह से प्रेरित हूं मैंने भगत सिंह का टैटू भी बनवा रखा है । शहीदों का स्मरण दिमाग में हमेशा बना रहे इसलिए टैटू अपने शरीर पर बनवा रखे हैं ।

यह हुए थे पुलवामा हमले में शहीद

हेमराज मीणा, कोटा , भागीरथ सिंह, राजाखेड़ा , जीतराम गुर्जर , भरतपुर , रोहिताश लांबा, जयपुर , नारायण गुर्जर, राजसमंद अजीत कुमार आजाद, प्रदीप सिंह यादव, कौशल कुमार रावत, महेश कुमार, प्रदीप कुमार, रमेश यादव, श्याम बाबू, अमित कुमार, विजय मौर्य, पंकज त्रिपाठी, अवधेश यादव, राम वकील (उत्तर प्रदेश), रतन कुमार ठाकुर, संजय कुमार सिन्हा (बिहार), विजय सोरेंग (झारखंड), वसंत कुमार वीवी (केरल), सुब्रमण्यम जी (तमिलनाडू), मनोज कुमार बेहरा, पीके साहू (ओडिशा), जीडी गुरु एच (कर्नाटक), संजय राजपुत (महाराष्ट्र), मनिंदर सिंह अत्री, कुलविंदर सिंह, जयमाल सिंह, सुखजिंदर सिंह (पंजाब), तिलक राज (हिमाचल प्रदेश), बबलू संत्रा (बंगाल), वीरेंद्र सिंह, मोहन लाल (उत्तराखंड), मानेसर बसुमत्री (असम)

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