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जिला उपभोक्ता आयोग का किसान के हक में फैसला:प्राकृति आपदा से खराब हुई थी फसल, 30 दिन में जवाब मांगा


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जिला उपभोक्ता आयोग का किसान के हक में फैसला:प्राकृति आपदा से खराब हुई थी फसल, 30 दिन में जवाब मांगा

जिला उपभोक्ता आयोग का किसान के हक में फैसला:प्राकृति आपदा से खराब हुई थी फसल, 30 दिन में जवाब मांगा

झुंझुनूं : उपभोक्ता आयोग ने किसान के हित में बड़ा फैसला दिया है। बीमा कंपनी को 30 दिवस में किसान को फसल बीमा क्लेम नहीं मिलने के उचित कारण एवं सरकारी योजना के तहत लिए गए उपज के आंकड़ों की वास्तविकता से अवगत करवाते हुए किसान को फसल क्लैम क्यों नहीं मिला, इसकी वास्तविकता से अवगत करवाने के आदेश दिए है। साथ ही फ़सल बीमा की प्रीमियम राशि किसान से लेकर बीमा कम्पनियों को भेजने वाले बैंक किसान को बीमा कम्पनी एवं योजना की जानकारी लिखित रूप में देने के आदेश दिए है। प्रकरण के अनुसार नवलगढ़ उपखंड के किसान ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में परिवाद दर्ज करवाया था कि उसकी रबी फसल 2022-23 में प्राकृतिक आपदाओं से खराब हो गई थी।

उसने बैंक, विभागीय अधिकारियों, प्रशासनिक अधिकारियों, मुख्यमंत्री के समक्ष भी फसल बीमा क्लैम का भुगतान करवाने का निवेदन किया। आयोग ने अपने फैसले में लिखा है कि परिवादी ने फसल खराब होने व फसल पर लगे खर्चे के पक्ष में कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए हैं।

परिवादी की गंभीरतम परिस्थिति को देखते हुए बीमा कंपनी व बैंक द्वारा परिवादी को समय सीमा में फसल बीमा क्लेम नहीं मिलने की वास्तविकता से भलीभांति अवगत करवाने का दायित्व था। जिसे निभाने में बैंक, कृषि विभाग व बीमा कंपनी ने लापरवाही बरती है।

फैसले में आदेश दिया गया है कि बीमा कंपनी 30 दिवस में किसान को फसल बीमा क्लेम नहीं मिलने के उचित कारण एवं सरकारी योजना के तहत लिए गए उपज के आंकड़ों की वास्तविकता से अवगत करवाते हुए किसान को फसल क्लैम क्यों नहीं मिला, इसकी वास्तविकता से अवगत करवाए।

काऊंसलिंग करवाने के आदेश

आयोग ने परिवादी को सुनवाई के दौरान फसल बीमा क्लैम को लेकर काफी तनाव में महसूस किया। इसलिए नवलगढ़ उपखंड अधिकारी को परिवादी के निवास स्थान पर जाकर विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम से परिवादी की मेडिकल काऊंसलिंग करवाने और आदेश की पालना रिपोर्ट भिजवाने के लिए भी आदेशित किया गया है।

जिला उपभोक्ता मंच के अध्यक्ष मनोज मील ने बताया कि सामान्यतया खाताधारकों को पता नहीं होता कि उनका बीमा किस कंपनी के जरिए हुआ है। ऐसे में बैंक को यह आदेश दिया गया है कि वे खाताधारकों (उपभोक्ताओं) को इसकी स्पष्ट सूचना दे। इसका व्यापक असर होगा।

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