झुंझुनूं : गैस जलाने के लिए जैसे ही अर्चना ने लाइटर जलाया, तेज धमाका हुआ और आग का गोला छत से जा टकराया। अर्चना के कपड़ों में आग लग गई। वह चिल्लाते हुए भागी। धमाका इतना जोरदार था कि दीवार में दरार आ गई, दरवाजा टूटकर दूर जा गिरा और खिड़कियों के कांच बेड तक आकर गिरे। यह हादसा झुंझुनूं जिले के गुढ़ागौड़जी थाना इलाके नटास गांव में शनिवार अलसुबह 3 बजे हुआ।
हादसे में घायल हुए महिला अर्चना (27) का इलाज झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल में चल रहा है। अर्चना के पति ने बताया- मेरा 5 महीने का बेटा सुबह 3 बजे के करीब रोया तो अर्चना दूध गर्म करने के लिए उठी और कमरे से निकलकर रसोई में चली गई।
वहां उसे गैस की स्मैल आई। उसने गैस ऑन नहीं की। सिलेंडर चेक किया। गैस को बंद किया और रेगुलेटर ऑफ करके फिर ऑन कर दिया। उसने दरवाजा भी खोल दिया। अर्चना ने पंद्रह-बीस मिनट इंतजार किया फिर दोबारा रसोई में गई। उसने गैस ऑन कर जैसे ही लाइटर जलाया और तेज धमाका हो गया।
आग का गोला गैस से निकल सीधा छत से टकराया। यह ब्लास्ट के साथ हुआ। ऐसा धमाका हुआ कि दीवार में दरार आ गई और छत की पटि्टयां हिल गईं। अर्चना की साड़ी में आग लग गई थी। घर में माता पिता, मैं, बड़ा भाई और 5 माह का बच्चा थे।
धमाका और अर्चना के चिल्लाने की आवाज सुनकर हम भागे। अर्चना को जलता देख उनके जलते कपड़े फाड़कर अलग किए और कंबल डालकर आग बुझाई। इसके बाद कार से उसे सीधे बीडीके अस्पताल ले आए।
हॉस्पिटल में घायल अर्चना ने बताया कि उसे पता ही नहीं चला कि क्या हुआ। बस तेज धमाका हुआ और वह आग से घिर गई। धमाके से कान सुन्न हो गए। बच्चे के लिए दूध गर्म करने उठी थी और यह हादसा हो गया। अर्चना के दोनों पैर, हाथ और चेहरा जल गया।
घर की हालत से लगा, बड़ा धमाका
घर की रसोई में सिलेंडर सेफ है। सिलेंडर में धमाका नहीं हुआ। न ही रेगुलेटर जला है। बस गैस लीक होती रही और रसोई में भर गई। लाइटर जलाते ही हादसा हुआ। सिलेंडर फटता तो बड़ा हादसा हो सकता था। तेज ब्लास्ट के कारण रसोई का दरवाजा टूटकर छह हिस्सों में बंट गया।
वहीं खिड़कियों में रखा सामान उछलकर दूर जाकर गिरा है। खिड़कियों की शीशे भी टूटकर छह-सात फीट दूर तक जाकर गिरे। परिवार के दूसरे सदस्य इसकी चपेट में नहीं आए। ऐसे में उनका बचाव हो गया।