शेखावाटी विश्वविद्यालय में “अमृतकाल में युवाओं की भूमिका” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन
युवा 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लें – कुलपति प्रोफेसर राय

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : अंसार मुज़्तर
सीकर : मंगलवार को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती के अवसर पर अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (एबीआरएसएम) राजस्थान (उच्च शिक्षा) एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय, सीकर के संयुक्त तत्वावधान में “कर्तव्य बोध दिवस” पर प्रशासनिक भवन सभागार में “अमृतकाल में युवाओं की भूमिका” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता डॉ ग्यारसी लाल जाट (विभाग संघचालक सीकर विभाग, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) रहे एवं अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य (डॉ) अनिल कुमार राय ने की।
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता डॉ ग्यारसी लाल जाट ने युवाओं से कहा कि भारत विश्व का सबसे पुराना लेकिन युवा राष्ट्र है। इस देश के हर क्षेत्र के महापुरुषों सूरदास, तुलसी, मीरा, रसखान सहित स्वामी विवेकानंद और नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने स्वत्व को जगाने का काम किया। अमृत काल में युवाओं को संकल्प लेना होगा कि वे आगामी 25 वर्षों में स्व आधारित भारत का संपूर्ण तंत्र खड़ा करेंगे। उन्होंने कहा कि युवा अवस्था नहीं मानसिकता है, महात्मा गांधी किसी युवा से कम नहीं थे। उन्होंने युवाओं से जाति पाती, छुआछूत, ऊंचनीच, भेदभाव को छोड़कर सामाजिक सद्भाव और समरसता के लिए काम करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि हमें स्वामी विवेकानंद और सुभाष चंद्र बोस से प्रेरणा लेकर 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प इस अमृतकाल में लेना है। संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे शेखावाटी विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य (डॉ) अनिल कुमार राय ने कहा कि देश अब अंधकार युग से निकल कर स्वर्ण काल में प्रवेश कर चुका है। अब युवाओं को सामाजिक बुराइयों से आगे बढ़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने ICS की परीक्षा पास की और अपने लक्ष्य को केंद्र में रखकर कार्य किया। इससे प्रेरणा लेकर युवाओं को आज ही अपने लक्ष्य को निर्धारित कर लेना चाहिए और किसी भी काम को कल पर नहीं टालना चाहिए।
उन्होंने सभागार में उपस्थित शिक्षकों से कहा कि धनार्जन करना शिक्षक का काम नहीं है, उनका काम समाज और राष्ट्र का निर्माण करना है। आज का युवा सतर्क है लापरवाह नहीं है, शिक्षकों की ज़िम्मेदारी है कि वो उनका उचित मार्गदर्शन करे और अपने से बेहतर अपने शिष्यों को बनाने की कोशिश करें।
एबीआरएसएम के प्रदेश सचिव डॉ अशोक कुमार महला ने संगठन का परिचय करवाते हुए कहा कि हमारा संगठन अधिकारों के साथ साथ कर्तव्यों की बात करता है और हर साल स्वामी विवेकानंद जयंती से लेकर सुभाष चंद्र बोस की जयंती तक कर्तव्य बोध पखवाड़ा मनाता है।
पत्रकारिता विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर रहीम खान ने बताया कि कार्यक्रम में सभी अतिथियों का स्वागत और मंच संचालन डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ रविंद्र कुमार कटेवा ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापित सहायक कुलसचिव डॉ संजीव कुमार ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारियों, कार्मिकों तथा समस्त विभागों के सह आचार्य, सहायक आचार्य, छात्र छात्राओं की उपस्थिति रही।