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कंपनी ने टर्मिनेट किया तो कर्मचारी फंदे से झूला:हार्ट पेशेंट मां, दो बेटियां बिलख पड़ीं; सुसाइड नोट में भाई और बेटे से कहा-बदला लेना


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कंपनी ने टर्मिनेट किया तो कर्मचारी फंदे से झूला:हार्ट पेशेंट मां, दो बेटियां बिलख पड़ीं; सुसाइड नोट में भाई और बेटे से कहा-बदला लेना

कंपनी ने टर्मिनेट किया तो कर्मचारी फंदे से झूला:हार्ट पेशेंट मां, दो बेटियां बिलख पड़ीं; सुसाइड नोट में भाई और बेटे से कहा-बदला लेना

भरतपुर : भरतपुर में एक निजी कंपनी ने जरा सी बात पर अपने एक कर्मचारी को नौकरी से टर्मिर्नेट कर दिया। इससे युवक तनाव में आ गया, क्योंकि उस पर अपने परिवार के सात सदस्यों की जिम्मेदारी थी। घटना के बाद महज 16 हजार रुपए की मासिक तनख्वाह पाने वाले कर्मचारी ने पेड़ से फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। मामले का खुलासा दो दिन बाद हुआ, जब परिजनों को युवक के कपड़ों में सुसाइड नोट मिला।

कुम्हेर थाना इंचार्ज महेंद्र सिंह राठी ने बताया- बरताई गांव निवासी देवेंद्र कुमार उर्फ पायलट (46) ने 20-21 जनवरी की रात पेड़ पर फंदा लगाकर सुसाइड किया था, तब आत्महत्या का कारण स्पष्ट नहीं हुआ था। परिवार ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया। जब 22 जनवरी को परिजनों को देवेंद्र के कपड़ों में सुसाइड नोट मिला तो उन्हें मौत की वजह का पता लगा। देवेंद्र कुमार के भाई नरेश की ओर से मंगलवार दोपहर मामला दर्ज कराया है। मामला की जांच शुरू कर दी है।

सोमवार को परिवार को सुसाइड नोट मिला तो सभी लोग फूट-फूटकर रोए। देवेंद्र घर में अकेला कमाने वाला था।
सोमवार को परिवार को सुसाइड नोट मिला तो सभी लोग फूट-फूटकर रोए। देवेंद्र घर में अकेला कमाने वाला था।

पढ़िए… सुसाइड नोट में क्या लिखा

मैं देवेंद्र कुमार उर्फ पायलट। मैं खुदकुशी कर रहा हूं। क्योंकि कंपनी की तरफ से लगातार मुझे बाहर निकालने की धमकी दी जा रही है। डंपर (हाईवा) उठाते समय गलती से एक बिजली का तार टूट गया था। इसमें मेरी कोई गलती नहीं थी। तभी से मेरे ऊपर दबाव बनाया जा रहा है। मुझे इतना मजबूर कर दिया है कि, मैं आत्महत्या कर रहा हूं।

मेरा परिवार मेरे बिना कुछ नहीं है। एक यही नौकरी मेरा घर चला रही थी। मैंने अपने घरवालों से कहा, लेकिन वे समझे नहीं। मेरी मौत की पूरी कंपनी जिम्मेदार है। मैं यहीं कहना चाहता हूं मेरे सभी घरवालों से, मेरी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करना। दो बेटियां और एक बेटा है, तीनों कुंवारे हैं। पढ़ रहे हैं। कृपया सबका ध्यान रखाना। मेरे सभी भाईयों और बेटा दीपक सबका बदला लेना कंपनी से। मुझे माफ करना।

सोमवार को यह सुसाइड नोट देवेंद्र की पेंट की जेब से निकला। इसे लेकर परिवार कुम्हेर थाने पहुंचा।
सोमवार को यह सुसाइड नोट देवेंद्र की पेंट की जेब से निकला। इसे लेकर परिवार कुम्हेर थाने पहुंचा।

दोस्त बोला- कंपनी ने टर्मिनेट किया

देवेंद्र के गांव के ही दोस्त हरेंद्र ने बताया- देवेंद्र बरताई गांव में रहता था। दस बीघा की खेती है और डेढ़ साल से ड्राइवरी करने गांव से रोजाना 15 किलोमीटर दूर कुम्हेर जाता था। आगरा-जयपुर नेशनल हाईवे पर चंद्रावती कॉलेज के पीछे GA इंफ्राट्रक्चर पारुल कंस्ट्रक्शन कंपनी में नौकरी थी। कंपनी निर्माण के बड़े ठेके लेती है।

19 जनवरी को देवेंद्र हाईवा लेकर कुम्हेर गेट इलाके में नाला निर्माण कार्य के लिए मिट्टी डालने गया। मिट्‌टी डालने के लिए हाईवा का पिछला हिस्सा उठाते वक्त वह बिजली के पोल से टकरा गया और तार टूट गया। इस पर कंपनी के प्रतिनिधियों से उसकी तू-तू मैं-मैं हुई और उसे टर्मिनेट करने की बात कहकर घर भेज दिया गया।

20 जनवरी को देवेंद्र बरताई से फिर अपनी नौकरी पर कंपनी पहुंचा तो उसे काम करने से रोक दिया गया और धमकी दी गई कि उसके खिलाफ FIR दर्ज कराई जाएगी और टर्मिनेट कर दिया जाएगा। घर लौटकर उसने मां और पत्नी से सारी घटना बताई। उसने खाना भी नहीं खाया और सो गया।

21 जनवरी की सुबह देवेंद्र अपने बिस्तर पर नहीं मिला। सुबह कुछ महिलाओं ने श्मशान के पास एक पेड़ से देवेंद्र को फंदे पर लटके देखा। परिजन उसे कुम्हेर हॉस्पिटल ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। परिजनों ने उसी दिन अंतिम संस्कार भी कर दिया।

22 जनवरी को देवेंद्र के कपड़ों से सुसाइड नोट मिला। जिसमें मौत की वजह लिखी थी।

देवेंद्र कुमार भारी वाहन चलाता था। एक गलती के कारण उसे टर्मिनेट कर दिया गया।
देवेंद्र कुमार भारी वाहन चलाता था। एक गलती के कारण उसे टर्मिनेट कर दिया गया।

सैलरी से ही चलता था पूरा परिवार

देंवेंद्र को कंपनी में 16 हजार रुपए सैलरी मिलती थी। थोड़ी बहुत खेती करता था। पत्नी बाला देवी (45) ने बताया कि पति की सैलरी से की घर चल रहा था। दो बेटियों में बड़ी बेटी रश्मि (21) बीए थर्ड में पढ़ रही है। दूसरी बेटी प्रिया (18) बीए फर्स्ट में है और बेटा दीपक (17) 12वीं क्लास में है। घर में पिता राजपाल सिंह (65) और माता वकीला देवी (63) की भी जिम्मेदारी देवेंद्र पर ही थी। मां वकीला देवी हार्ट पेशेंट हैं। देवेंद्र का भाई नरेश विशाखापत्तनम रहता है, वह नेवी से रिटायर्ड कर्मचारी है।

कंपनी टाल रही सवालों के जवाब

मामले की जानकारी के लिए GA इंफ्राट्रक्चर पारुल कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर अशोक शर्मा से बात की। उन्होंने जानकारी न होने की बात करते हुए मैकेनिकल हेड मनीष से बात करने को कहा। मनीष से बात की तो उन्होंने कहा कि घर में किसी की डेथ हो गई है, छुट्‌टी पर हूं, आप ऑफिस में ही बात कीजिए।

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