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ख्वाजा साहब के मजार से उतारा संदल:जायरीनों में बांटा, रस्म के दौरान दरगाह परिसर में गूंजती रहीं कव्वालियां


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ख्वाजा साहब के मजार से उतारा संदल:जायरीनों में बांटा, रस्म के दौरान दरगाह परिसर में गूंजती रहीं कव्वालियां

ख्वाजा साहब के मजार से उतारा संदल:जायरीनों में बांटा, रस्म के दौरान दरगाह परिसर में गूंजती रहीं कव्वालियां

अजमेर : ख्वाजा साहब के 812वें उर्स के लिए गुरुवार देर शाम खादिमों ने उनके मजार पर साल भर पेश हुआ संदल उतारा और नए सिरे से संदल पेश कर दुआ मांगी। करीब 2 घंटे तक चली रसम में शामिल खादिमों ने आस्ताना से निकलकर संदल का तबर्रुक वितरित किया।

रसम के समय दरगाह के आहाता नूर एवं पायंती दरवाजा सहित कई खादिमों की गद्दियों पर कव्वाल अपनी-अपनी टीम के साथ सूफियाना कलाम पेश करते रहे। संदल का तबर्रुक लेने के लिए दरगाह परिसर में जायरीनों की खांसी भीड़ जम रही।

उर्स का झंडा चढ़ने के साथ ही आस्ताना में ख्वाजा साहब के मजार की दोपहर की जगह शाम 7 बजे रसम होने लगी है। चांद की 28 तारीख होने से ख्वाजा साहब के मजार पर साल भर पेश होने वाला संदल उतारने की रस्म अदा करने के लिए काफी अधिक संख्या में खादिम शाम 7 बजे की रसम के समय आस्ताना में प्रवेश करने लगे। सभी ने मजार पर पेस संदल उतारने की रस्म में शिरकत की और गुलाब व केवड़जल के साथ संदल उतारा और अपने-अपने बर्तन में एकत्र कर लिया।

संदल उतारने की रस्म के कारण अकीदतमंद दरगाह के आहाता नूर वह पायंती दरवाजे के सामने जमा होकर दुआ करने लगे। वही दरगाह परिसर में कव्वाली की गूंज भी तेज हो गई।

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