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जयपुर जेल में कैदी निगल गया मोबाइल फोन:SMS हॉस्पिटल में बिना ऑपरेशन मुंह में पाइप डालकर बाहर निकाला, बैरक में किया गया शिफ्ट


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जयपुर जेल में कैदी निगल गया मोबाइल फोन:SMS हॉस्पिटल में बिना ऑपरेशन मुंह में पाइप डालकर बाहर निकाला, बैरक में किया गया शिफ्ट

जयपुर जेल में कैदी निगल गया मोबाइल फोन:SMS हॉस्पिटल में बिना ऑपरेशन मुंह में पाइप डालकर बाहर निकाला, बैरक में किया गया शिफ्ट

जयपुर : जयपुर सेंट्रल जेल में बंद एक कैदी ने प्रहरी को देखकर मोबाइल निगल लिया। इसके बाद कैदी को जेल हॉस्पिटल पहुंचाया गया। यहां प्राथमिक उपचार के बाद SMS हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया। जांच में मोबाइल पेट में होने की जानकारी मिली। बिना ऑपरेशन किए मोबाइल को मुंह के रास्ते एंडोस्कोपी कर बाहर निकाल लिया गया। उधर, जेल अधीक्षक ओमप्रकाश ने बताया कि आरोपी को मोबाइल जेल में ही मिला था। जेल में मोबाइल कहां से आया, इसकी जांच की जा रही है।

5 जनवरी को हुई इस घटना की जानकारी 8 जनवरी को सामने आई। 8 जनवरी को जेल प्रशासन की ओर से कैदी के खिलाफ मोबाइल निगलने की शिकायत दर्ज कराई गई। लाल कोठी पुलिस ने मोबाइल निगलने की एफआईआर दर्ज की है।

लालकोठी थाने के हेड कॉन्स्टेबल जुगल किशोर ने बताया- जेल प्रशासन की ओर से 8 जनवरी को रात 8 बजे शिकायत दी गई थी। जेल में विचाराधीन बंदी फज्जू पुत्र शहीद खान निवासी अशरफ काली का भट्‌टा नाग तलाई घाटगेट (जयपुर) का रहने वाला है। इसके खिलाफ एफआरआई दर्ज कर जांच कर रहे हैं।

जयपुर के SMS हॉस्पिटल में कैदी का एक्स-रे किया गया। इसमें मोबाइल साफ-साफ दिख रहा है।
जयपुर के SMS हॉस्पिटल में कैदी का एक्स-रे किया गया। इसमें मोबाइल साफ-साफ दिख रहा है।

कैदी फज्जू को रामगंज थाना पुलिस ने आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार किया था। इसके बाद पुलिस ने उसे 8 अगस्त 23 को जेल भेज दिया था। इसके बाद से वह जेल में है।

SMS हॉस्पिटल की डॉक्टर शालू गुप्ता ने बताया- पेशेंट मेरे पास आया था। इसकी जांच की गई तो मोबाइल पेट में होना पाया गया। इस पर एंडोस्कोपी कर मुंह के रास्ते से ही मोबाइल को बाहर निकाल लिया गया। इसमें सर्जरी नहीं होती है। मुंह के रास्ते एक पाइप डाला जाता है। यह अंदर जाकर मोबाइल को पकड़ लेता है। इसके बाद मोबाइल को बाहर निकाल लिया जाता है। मोबाइल और नीचे चला जाता तो सर्जरी करनी पड़ती।

प्रहरी के टोकने पर निगल गया मोबाइल

5 जनवरी को जयपुर सेंट्रल जेल के वार्ड नंबर-6 पर तैनात ड्यूटी प्रहरी राम नरेश और मुख्य प्रहरी सुरेश कुमार हल्का ने अपने ऑफिस में रिपोर्ट दी। रिपोर्ट में बताया कि जेल में वार्ड नंबर 6 के बैरक नंबर 1 में बंदी को संदिग्ध काम करते हुए देखा। उसे टोका गया तो कुछ देर के लिए चुपचाप खड़ा रहा। इसके बाद जल्दबाजी में वह कुछ निगल गया।

इसके बंदी का जेल अस्पताल में प्राथमिक उपचार कराया गया। जेल डॉक्टर कैलाश विजय ने बंदी को प्राथमिक जांच के बाद एसएमएस हॉस्पिटल रेफर कर दिया। कैदी को एसएमएस लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने पेट से मोबाइल निकाला। इसे एक जार में डाल कर जेल प्रहरियों को दे दिया।

7 जनवरी को जेल प्रहरी कैदी को लेकर जयपुर सेन्ट्रल जेल पहुंचे। उसे बैरक में शिफ्ट करवा दिया। सीनियर अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद 8 जनवरी की रात 8 बजे जेल प्रशासन की ओर से लालकोठी थाने में कैदी के खिलाफ एफआईआर दी गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

कैदी के पेट में से यही मोबाइल फोन डॉक्टरों ने निकाला है। इसे जेल प्रशासन को सौंप दिया गया है।
कैदी के पेट में से यही मोबाइल फोन डॉक्टरों ने निकाला है। इसे जेल प्रशासन को सौंप दिया गया है।

लॉरेंस को भी रखा गया था इसी सेन्ट्रल जेल में

जी क्लब पर फायरिंग मामले में पुलिस लॉरेंस को जयपुर लेकर आई थी। उसे जयपुर सेंट्रल जेल में रखा गया था। इसके बाद लॉरेंस का एक इंटरव्यू सामने आया था। पंजाब पुलिस की एसआईटी ने दावा किया था कि ये इंटरव्यू लॉरेंस ने राजस्थान में दिया था। अब जयपुर जेल में मोबाइल निगलने की घटना सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रही है।

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