घर में बुलाकर मारी थी गोली:हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखा फैसला, निचली अदालत ने सुनाई थी उम्र कैद, आरोपियों की थी फैसले के खिलाफ अपील
घर में बुलाकर मारी थी गोली:हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखा फैसला, निचली अदालत ने सुनाई थी उम्र कैद, आरोपियों की थी फैसले के खिलाफ अपील

झुंझुनूं : राजस्थान उच्च न्यायालय ने घर बुलाकर बंदूक की गोली व तलवार से एक जने की हत्या करने के आरोपियों की आजीवन कारावास की सजा बरकरार रखी है। प्रकरण के अनुसार 15 जनवरी 2010 को परिवादी बनवारी निवासी चैनपुरा थाना मलसीसर ने एक लिखित रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में बताया कि 14 जनवरी 2010 को रात को दो बजे चुनाव की मीटिंग के बहाने उसके भाई जय सिंह को लियाकत व शौकत खुद के घर ले गए। दूसरे दिन लियाकत के घर में जयसिंह का शव मिला।
आरोपियों ने उसके भाई जय सिंह की हत्या कर दी। पुलिस ने अनुसंधान करने के बाद चैनपुरा गांव निवासी शौकत अली, शकीला बानो व आबिद अली को गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान पेश किया।
अपर सेशन न्यायाधीश संख्या दो झुंझुनूं ने 31 अक्टूबर 2015 को तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सजा के विरुद्ध आरोपियों ने राजस्थान उच्च न्यायालय में अपील कर दी।
लाइसेंसशुदा बंदूक से की थी हत्या
इस दौरान आबिद अली व शकीला बानो की जमानत हो गई थी। जबकि शौकत अली जेल में रहा। अब पीड़ित पक्ष की तरफ से पैरवी करते हुए अधिवक्ता धर्मवीर ठोलिया व हिमांशु ठोलिया ने तर्क दिया कि जय सिंह को पंचायत चुनाव की मीटिंग के बहाने अपने घर ले गए और लाइसेंस शुदा बंदूक से गोली मारकर जयसिंह की हत्या कर दी। शौकत खान की बंदूक से 48 कारतूस बरामद किए गए जबकि दो कारतूस मृतक के शरीर में मिले। वहीं खून लगी हुई तलवार आबिद अली से बरामद हुई थी। मकान की दीवारों व दरवाजों पर खून के छींटे लगे हुए थे। न्यायाधीश पंकज भंडारी व भुवन गोयल ने तर्कों से सहमत होते हुए सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा भुगतने के आदेश दिए।