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ख्वाजा साहब का 812वां उर्स शुरू:पाक जायरीन जत्था 13 जनवरी को अटारी बॉडर से आएगा अमृतसर, 14 को अजमेर पहुंचेगा


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ख्वाजा साहब का 812वां उर्स शुरू:पाक जायरीन जत्था 13 जनवरी को अटारी बॉडर से आएगा अमृतसर, 14 को अजमेर पहुंचेगा

ख्वाजा साहब का 812वां उर्स शुरू:पाक जायरीन जत्था 13 जनवरी को अटारी बॉडर से आएगा अमृतसर, 14 को अजमेर पहुंचेगा

अजमेर : ख्वाजा साहब के 812वें उर्स में शामिल होने के लिए पाक जायरीन का जत्था 13 जनवरी को अटारी बॉर्डर से भारत में प्रवेश करेगा। जत्था अमृतसर से विशेष ट्रेन से 14 जनवरी तक अजमेर पहुंचने की संभावना है। पाक जत्थे में करीब 400 लोग शामिल होंगे। सीआईडी जोन, आईबी और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी पाक जायरीन जत्थे की यात्रा को लेकर अलर्ट मोड पर हैं। यात्रा का अधिकृत कार्यक्रम एक-दो दिन में जारी होगा।

कलेक्टर भारती दीक्षित के निर्देश पर नगर निगम प्रशासन ने चूड़ी बाजार स्थित सेंट्रल गर्ल्स स्कूल परिसर में जायरीन जत्थे के ठहरने की व्यवस्था की है।

पाक जत्थे में 500 से ज्यादा जायरीन की अनुमति नहीं

जानकारी के अनुसार पाकिस्तान और भारत के बीच धार्मिक जत्थों के संधि में जत्थे में पांच सौ तक जायरीन शामिल किए जा सकते हैं। पिछले उर्स में पाक जत्थे में 242 जायरीन शामिल थे।

पिछले 50 साल से आ रहा पाक जत्था

पाक जायरीन जत्था पिछले 50 साल से ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स में शिरकत करने आ रहा है। सिंधु जल संधि को लेकर भले ही भारत और पाकिस्तान में आपसी खींचतान चल रही हो, लेकिन 14 सितंबर 1974 को भारत-पाक के बीच हुए धार्मिक वीजा समझौता दोनों मुल्क आज भी निभा रहे हैं।

पाक में लॉटरी सिस्टम से होता है चयन

पाकिस्तानी जायरीन जत्थे में शामिल होने वालों से समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित कर आवेदन मांगे जाते हैं। बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त होते हैं। जांच पड़ताल के बाद लॉटरी सिस्टम से अजमेर शरीफ आने वाले जायरीन का चयन किया जाता है। सूची भारत के विदेश मंत्रालय को भेजी जाती है। पेशावर, लाहौर, इस्लामावाद, कराची, बलूचिस्तान, सिंध आदि स्थानों के लोग शामिल होते हैं।

50 साल में 4 बार नहीं आया पाक जत्थाः

पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले के समय, जवान का सिर काटकर ले जाने की घटना और सीमा पर तनाव व कोरोना काल के कारण अब तक चार बार ऐसी स्थितियां आई जब पाक जत्था अजमेर नहीं आया।

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