स्कूल की दीवारों पर बिखेरे नवाचार के रंग:स्कूल में तैयार किया कीचन गार्डन, भामाशाहों की मदद से साढ़े तीन लाख हुए विकास कार्य
स्कूल की दीवारों पर बिखेरे नवाचार के रंग:स्कूल में तैयार किया कीचन गार्डन, भामाशाहों की मदद से साढ़े तीन लाख हुए विकास कार्य

झुंझुनूं : छुट्टियों का सदुपयोग किस तरह किया जाए। इसे निकटवर्ती गांव दुलचास की राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक संदीप कुमार चाहर के कार्य को देखकर समझा जा सकता है। चाहर इन दिनों शीतकालीन अवकाश के दौरान स्कूल परिसर को हरा भरा करने और दीवारों पर रंग रोगन करने में लगे हुए हैं।

इस कार्य में उन्हें गांव के भामाशाह और स्टाफ के सदस्यों का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। यही कारण है कि आज यह सरकारी स्कूल एक निजी की तरह दिखने लगा है।

प्रधानाध्यापक चाहर ने बताया कि वह छुट्टियों से पहले ही यह योजना बना लेते हैं कि उन्हें स्कूल परिसर मेें क्या कार्य करना है।
इसलिए वह छुट्टियों के दौरान स्कूल परिसर में ही रहकर कुछ ना कुछ करते रहते हैं। इस बार स्कूल में किचन गार्डन तैयार किया है और दीवारों पर रंग-रोगन का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल के विकास के लिए गांव के भामाशाह कभी मना नहीं करते। भामाशाह व स्कूूल स्टाफ के सहयोग से करीब 3 लाख रुपए अब तक स्कूल के विकास में खर्च कर चुके हैं।

पहले दिया ट्रेन जैसा लुक
चाहर पहले स्कूल को ट्रेन जैसा लुक भी दे चुके हैं। इसकी पूरे जिले में सराहना हुई है। अब स्कूल परिसर में भामाशाह सुबेदार प्रेमसिंह द्धारा सरस्वती का मन्दिर बनवाया जा रहा है। वहीं स्कूल परिसर में करीब सौ से ज्यादा पौधे लगाए गए हैं।