सावित्री बाई फुले की 193 वीं जयंती समारोह पूर्वक मनाई गई
सावित्री बाई फुले की 193 वीं जयंती समारोह पूर्वक मनाई गई

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : अंसार मुज़्तर
जयपहाडी : भिक्खु संघ राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष पूज्य भंते कश्यप आनन्द व पूज्य भंते विनयपाल के सानिध्य में बुद्धविहार जयपहाडी में सावित्री बाई फुले की 193 वीं जयंती समारोह पूर्वक मनाई गई जिसकी अध्यक्षता बौद्ध प्रबोधन विहार के ट्रस्टी मालीराम पूर्व चीफ इंजीनियर ने की व मुख्य अतिथि छगनलाल धूपिया एवं विशिष्ट अतिथि छीतरमल बौद्ध नीमकाथाना, अशोक कुमार अजीतगढ़, रमेश कुमार बौद्ध नवलगढ़, मनोहर लाल सीकर थे।
इस अवसर पर बी एल बौद्ध ने सावित्री बाई फुले के जीवन प्रकाश डालते हुए बताया कि जिन पर फूल बरसाने चाहिए थे उस महान शख्सियत पर गोबर फैंकते थे फिर भी वह उनके बच्चों को पढ़ाने से नहीं रुकी आज उनका नाम भारत की प्रथम अध्यापिका के रूप में दर्ज है।
माँ सावित्री बाई फुले के जीवन संघर्ष को पढ़ते हैं तो आँखों से आँसू टपकने लगते हैं कि जिन बच्चों को वह पढ़ाने का काम करती थी उन्हीं के घर परिवार व मोहल्ले के लोग उन पर कीचड़ फैंकते थे लेकिन माँ सावित्री बाई फुले भी हार मानने वाली नहीं थी वह अपने साथ एक एक्सट्रा साड़ी थैली में डालकर ले जाने लगी, पढ़ाने के समय गोबर से भरी साड़ी उतारकर रख देती थी और साफ वाली साड़ी पहनकर पढ़ाती थी शाम को पुनः कीचड़ लगी साड़ी पहनकर अपने घर जाती थी उनका ये जुनून बिलकुल भी कम नहीं हुआ। इनके अलावा धर्मपाल शिल्ला, नरेन्द्र बोयल ने भी सम्बोधित किया।
महावीर प्रसाद बौद्ध, दुर्गाप्रसाद बौद्ध, पंकज बौद्ध, मनोज भूरिया, विकास आल्हा, मनोज बोयल, रोहिताश्व कुमार बोयल, प्रवीण भूपेश सहित काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। मंच का सफल संचालन कुमारी गुंजन बोयल ने किया।