बाड़मेर : केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने स्कीम की जानकारी ना होने के चलते कृषि उपनिदेशक गोपाल कुमावत को जमकर लताड़ लगाई। मंत्री ने कहा- जब आपको ही स्कीम के बारे में मालूम नहीं है तो जनता को क्या बताओगे। बिना लेटर पढ़े यहां आकर खड़े हो जाते हो। उन्होंने मंच से फटकार लगाते हुए कहा- अब ऐसे नहीं चलेगा, पिछली सरकार में बहुत भाग लिए काम से। अब काम करना पड़ेगा। इसका वीडियो गुरुवार को सोशल मीडिया पर आया। वीडियो बाड़मेर जिले के चौहटन मुख्यालय पर आयोजित विकसित भारत संकल्प यात्रा का शाम 4 बजे का है।
ड्रोन की स्कीम पर गलत जानकारी दी तो भड़के
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी अपने लोकसभा क्षेत्र के दौरे पर हैं। इसी दौरान वे विकसित भारत संकल्प यात्रा के चलते चौहटन आए थे। यहां वे जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार की कृषि स्कीमों के बारे में बता रहे थे। यहां चौहटन के कृषि उपनिदेशक गोपाल कुमावत भी मौजूद थे। इसी दौरान केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने उन्हें ड्रोन खरीद के लिए सब्सिडी के बारे में मंच से खड़े होकर पूछा। कुमावत सब्सिडी का सही जवाब नहीं दे पाए। इसके बाद मंत्री चौधरी भड़क गए।
उन्होंने मंच से पूछा-
केंद्रीय कृषि मंत्री- ड्रोन की सब्सिडी क्या है?
कुमावत- ड्रोन की सब्सिडी सर, 2 लाख तक सब्सिडी है।
केंद्रीय कृषि मंत्री- कितनी!
कुमावत- सर 2 लाख तक
केंद्रीय कृषि मंत्री- कितने का है ये ड्रोन?
कुमावत- ड्रोन सर, 8 लाख तक का आता है, 2 लाख की सब्सिडी है।
केंद्रीय कृषि मंत्री- अरे यार… तुम्हे खुद को ही मालूम नहीं है तो तुम जनता को क्या बताओगे?
इसके बाद केंद्रीय कृषि मंत्री भड़क गए- उन्होंने कहा- कैसे 25% है सब्सिडी…
कहां है जानकारी, लेटर कहां है! लेटर बताओ मुझे 25% वाला…
इस पर कुमावत कहते हैं- सर हमारे पास लेटर आया नहीं है।
‘क्या बैठे हो यहां पर, बिना लेटर पढ़े आकर बैठ जाते हो’
वीडियो में नजर आ रहा है कि इसके बाद केंद्रीय कृषि मंत्री चौधरी उन्हें हाथ के इशारे से रोक देते हैं। और कहते हैं- को अधिकारी अपनी फील्ड की जानकारी नहीं रखता, मैं नहीं समझता कि वो अधिकारी अपना काम ठीक ढंग से कर रहा है। जनरल आदमी ड्रोन लेना चाहता है तो सब्सिडी 40 प्रतिशत तक है। अगर एससी-एसटी या महिलाएं अपने नाम से ड्रोन लेना चाहती है तो उसकी सब्सिडी 50 फीसदी है। कृषि उत्पादक संगठनों (FPO) को खरीदी पर 75 फीसदी तक छूट है। जब आपको स्कीम के बारे में भी ध्यान नहीं है तो यू ही बैठे हो यहां पर।
मंत्री ने अधिकारी को कहा कि बिना पढ़े यहां पर आकर खड़े हो जाते और कहां है पत्र लाकर बताओ। ऐसे नहीं चलेगा। आप अपनी जिम्मेदारी से इतने दिन भाग गए कोई बात नहीं सरकार दूसरों को थी। उस सरकार का किसानों के कल्याण करने का उद्देश्य ही नहीं था। लेकिन अब नहीं चलेगा। स्कीम नीचे जनता तक पहुंचनी चाहिए। खुद को ही पता नहीं है और यहां पर आकर बैठे गए।