बृजभूषण बोले- मेरा रेसलिंग फेडरेशन से कोई लेना-देना नहीं:नड्डा से मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की; कहा- पहलवानों का नुकसान नहीं होना चाहिए
बृजभूषण बोले- मेरा रेसलिंग फेडरेशन से कोई लेना-देना नहीं:नड्डा से मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की; कहा- पहलवानों का नुकसान नहीं होना चाहिए

नई दिल्ली : रेसलिंग फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने फेडरेशन को सस्पेंड किए जाने पर एतराज जताया है। उन्होंने रविवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि खेल वातावरण फिर से शुरू हो सके इसलिए गोंडा में नेशनल चैंपियनशिप फिर करवाई जा रही थी। सरकार फेडरेशन पर रोक लगाने की बजाय चैंपियनशिप को अपनी निगरानी में कराए ताकि खिलाड़ियों का नुकसान न हो।
खेल एवं युवा मंत्रालय ने 21 दिसंबर को गठित नई रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया को सस्पेंड कर दिया है। इस फैसले के बाद बृजभूषण ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। मुलाकात के बाद उन्होंने नई दिल्ली में ही मीडिया के सामने अपनी बातें रखीं।
मेरा नई फेडरेशन से कोई लेना-देना नहीं
बृजभूषण ने कहा, ‘मैं कुश्ती संघ से संन्यास ले चुका हूं। अब सरकार के फैसले पर जो भी बात करनी होगी, वो नई फेडरेशन करेगी। मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है। मैं सांसद हूं और अपने काम पर फोकस करूंगा।
खिलाड़ियों के हित को देखते हुए मेरा सरकार से अनुरोध है कि नेशनल चैंपियनशिप पर लगी रोक हटाई जाए ताकि पहलवानों का नुकसान न हो।’
बृजभूषण सिंह ने ‘दबदबा तो है दबदबा तो रहेगा’ के पोस्टर लगाए जाने के सवाल पर कहा कि इससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है।

बजरंग पूनिया वापस लेंगे पद्मश्री सम्मान
नई फेडरेशन के गठन के बाद 22 दिसंबर को पहलवान बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री सरकार को वापस कर दिया था। वे प्रधानमंत्री आवास के बाहर पद्मश्री सम्मान रखने चले गए।
पूनिया ने अब सरकार के फेडरेशन भंग करने के फैसले को सही करार दिया है। वे बोले, ‘बहन-बेटियों के साथ अत्याचार हुआ है। जब हम मेडल जीतते हैं तो देश के होते हैं। कोई जात-पात नहीं देखते। एकसाथ एक थाली में खाते हैं। फेडरेशन खिलाड़ियों की मदद के लिए होती है, न कि उन्हें परेशान करने के लिए।
बृजभूषण ने हर राज्य में अपने लोग रखे हुए हैं। हमारी सच्चाई उनके सामने नहीं दिखाई गई। पहलवान तिरंगे के लिए खून-पसीना बहाते हैं। सैनिकों और खिलाड़ियों से ज्यादा मेहनत कोई नहीं करता। हमें देशद्रोही कहा गया। हम देशद्रोही जैसे नहीं हैं। हमें जीतने पर पुरस्कार मिला था। हम उसे वापस ले सकते हैं। हम सम्मान वापस भी ग्रहण करेंगे।’

साक्षी बोलीं- सरकार ने खिलाड़ियों के हित में फैसला लिया
साक्षी मलिक ने सरकार के फैसले पर कहा कि यह खिलाड़ियों के हित में है। हम चाहते थे कि नई कार्यकारिणी बैन हो। हम चाहते हैं कि महिला प्रेसिडेंट बने। हम महिला खिलाड़ियों के हित में लड़ रहे थे। यह पहला कदम है। वहीं नए अध्यक्ष संजय सिंह की ओर से सरकार के फैसले को चुनौती दिए जाने पर कहा कि हम टीम के साथ बैठकर इस पर फैसला करेंगे। हम सोचेंगे कि हमें आगे क्या करना है। साक्षी ने संन्यास वापस लिए जाने पर कहा कि यह एक प्रकिया है, बाद में इस पर फैसला करेंगे।
साक्षी की मां बोलीं- साक्षी कुश्ती छोड़ने के फैसले पर विचार करेगी
साक्षी मलिक की मां सुदेश मलिक ने सरकार के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि फेडरेशन में अब चरित्रहीन नहीं चरित्रवान लोग लाए जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि साक्षी अब कुश्ती छोड़ने के फैसले पर दोबारा विचार कर सकती हैं।

संजय सिंह बोले- मंत्रालय के फैसले से आश्चर्यचकित हूं
मंत्रालय के फैसले के बाद हमारी मीडिया टीम से बातचीत में संजय सिंह ने कहा, ‘खेल मंत्रालय ने जो भी निर्णय लिया है। मैं इसका स्वागत करता हूं। मगर इस फैसले से आश्चर्यचकित हूं। खेल मंत्रालय से इस बारे में पूछूंगा। लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव हुआ था। चुनाव में मुझे 40 वोट मिले।
मैं चुनाव जीत के ही भारतीय कुश्ती संघ का अध्यक्ष बना हूं। मुझे अध्यक्ष पद विरासत में नहीं मिला, लेकिन मेरे लिए खेल मंत्रालय सर्वोपरि है। अभी इस मामले को लेकर मेरी खेल मंत्रालय से कोई बात नहीं हुई। मैंने पहलवानों को लेकर कोई विवादित बयान भी नहीं दिया है।’
सिंह ने कहा, ‘मैंने कहीं भी पहलवानों का कोई अपमान नहीं किया। मैं सभी पहलवानों को एक साथ लेकर चलने का प्रयास कर रहा था। गोंडा के नंदनी नगर स्पोर्ट्स स्टेडियम में 3 दिवसीय नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप का आयोजन होना था। ताकि अंडर-15 और अंडर- 20 के बच्चों का साल बर्बाद न हो और वह कुश्ती चैंपियनशिप में भाग ले सकें।’
