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Rajasthan Congress : ना गहलोत – ना पायलट, 16 नामों की ‘मेनिफेस्टो कमेटी’ में राजस्थान का एक भी नेता नहीं, क्या चुनाव हारने का है ‘साइड इफेक्ट’?


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Rajasthan Congress : ना गहलोत – ना पायलट, 16 नामों की ‘मेनिफेस्टो कमेटी’ में राजस्थान का एक भी नेता नहीं, क्या चुनाव हारने का है ‘साइड इफेक्ट’?

Rajasthan Top Leaders not in Manifesto Committee : राजस्थान समेत 4 विधानसभा हारे, अब लोकसभा की तैयारी, कांग्रेस ने बनाई 16 सदस्यीय मेनिफेस्टो कमेटी, कमेटी में राजस्थान नदारद, एक भी नेता शामिल नहीं, क्या चुनाव हारने का है 'साइड इफेक्ट'?

Rajasthan Top Leaders not in Manifesto Committee : ‘मिशन लोकसभा’ में जुटी कांग्रेस पार्टी के मेनिफेस्टो में राजस्थान के नेताओं की कोई भूमिका नहीं होगी। वजह साफ़ है, कि शुक्रवार को जारी हुए 16 सदस्यीय मेनिफेस्टो कमेटी में प्रदेश के एक भी नेता को शामिल नहीं किया गया है। यहां तक कि अमूमन हर बड़ी कमेटियों में शामिल किए जाते रहे पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जीतेन्द्र सिंह सरीखे वरिष्ठ नेताओं को भी इस महत्वपूर्ण कमेटी में एन्ट्री नहीं मिली है।

ये हैं मेनिफेस्टो कमेटी के सदस्य
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी 16 सदस्यीय मेनिफेस्टो कमेटी का चेयरमैन पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम को जबकि संयोजक का ज़िम्मा वरिष्ठ नेता टीएस सिंह देव को दिया गया है। इनके अलावा वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया, प्रियंका गांधी वाड्रा, आनंद शर्मा, जयराम रमेश, डॉ शशि थरूर, गायखंगम, गौरव गोगोई, प्रवीण चक्रवर्ती, इमरान प्रतापगढ़ी, के राजू, ओमकार सिंह मारकम, रंजीत रंजन, जिग्नेश मेवाणी और गुरदीप सप्पल को शामिल किया गया है।

राजस्थान हार का ‘साइड इफेक्ट’ तो नहीं?
राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के ठीक बाद लोकसभा चुनाव को जीतने के लिए मेनिफेस्टो कमेटी का गठन हुआ है। यही वजह है कि इस कमेटी में राजस्थान के नेताओं को शामिल नहीं करना चर्चा का विषय बना हुआ है। मेनिफेस्टो कमेटी में राजस्थान के नेताओं की भूमिका नहीं होने को लेकर कांग्रेस गलियारों और सोशल मीडिया तक में कई मायने निकाले जा रहे हैं।

2019 में भी नहीं था राजस्थान का रोल!
पिछले लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान भी कांग्रेस की मेनिफेस्टो कमेटी में राजस्थान के नेताओं को एन्ट्री नहीं मिली थी। तब राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष थे और उन्होंने इस महत्वपूर्ण टास्क के लिए 19 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। दिलचस्प बात ये भी है कि तब अशोक गहलोत कांग्रेस महासचिव पद पर थे और उन्हीं के हस्ताक्षर से कांग्रेस मेनिफेस्टो कमेटी का आधिकारिक आदेश जारी हुआ था।

अन्य कमेटी में ज़रूर गहलोत का नाम
लोकसभा चुनाव के लिए गठित मेनिफेस्टो कमेटी में भले ही राजस्थान के नेताओं को तवज्जो नहीं मिली हो, लेकिन कांग्रेस की ही हालिया गठित नेशनल अलायंस कमेटी में पूर्व सीएम अशोक गहलोत को शामिल किया गया है। पांच सदस्यीय इस कमेटी में गहलोत के साथ छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल, वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक, सलमान खुर्शीद और मोहन प्रकाश भी हैं।

इंडिया गठबंधन के लिहाज़ से कांग्रेस की ये वो सबसे महत्वपूर्ण कमेटी है, जो अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर सीट शेयरिंग और अन्य मामलों पर चर्चा करेगी।

विधानसभा चुनाव में थे स्टार प्रचारक

पूर्व सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट अमूमन कांग्रेस की महत्वपूर्ण कमेटियां में शामिल रहे हैं। हालिया हुए पांच राज्यों के चुनावों के दौरान भी पार्टी ने गहलोत-पायलट को स्टार प्रचारक का ज़िम्मा दिया था। हालांकि चुनाव परिणाम में कांग्रेस को तेलंगाना छोड़कर और राजस्थान समेत अन्य चार राज्यों में हार का सामना करना पड़ा।

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