ताहिर हुसैन को कोर्ट से राहत, पत्नी के पक्ष में पावर ऑफ अटॉर्नी सत्यापित करने की मिली अनुमति
अदालत ने हुसैन के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दर्ज एक मामले की सुनवाई करते हुए आदेश पारित किया। ईडी ने संपत्ति के संबंध में कोई कुर्की आदेश जारी नहीं किया है। अदालत ने मुख्य मामले की सुनवाई 14 दिसंबर तय की है।
नई दिल्ली : अदालत ने आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के उस आवेदन को स्वीकार कर लिया है, जिसमें उन्होंने एक संपत्ति के संबंध में पत्नी के पक्ष में जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी को अदालत में प्रमाणित करने की अनुमति मांगी थी। अदालत ने हुसैन के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दर्ज एक मामले की सुनवाई करते हुए आदेश पारित किया।
उन पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और 2020 के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को बढ़ावा देने के लिए शेल या डमी कंपनियों का उपयोग करके कई करोड़ रुपये की हेराफेरी करने का आरोप लगाया गया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने कहा कि वर्तमान आवेदन के माध्यम से एकमात्र प्रार्थना यह की गई है कि आरोपी को (हरियाणा में एक भूखंड के संबंध में) अदालत में जीपीए सत्यापित कराने की अनुमति दी जाए।
उक्त संपत्ति के संबंध में आज तक कोई कुर्की आदेश नहीं है और भूखंड पर अभी तक अभियुक्त का कब्जा या स्वामित्व नहीं है। उन्होंने कहा ऐसे में आवेदन को अनुमति देने में कोई बाधा नहीं है। ईडी ने आवेदन को खारिज करने की मांग करते हुए कहा था कि अपराध की आय को अनुसूचित अपराधों को अंजाम देने में आरोपी द्वारा खर्च कर दिया गया है और एजेंसी द्वारा उसके बराबर मूल्य की संपत्ति को कुर्क करने की आवश्यकता है।
हुसैन के वकील ने कहा कि मुवक्किल चाहते हैं कि पत्नी उस भूखंड की देखभाल करे, जिसे हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) द्वारा आवंटित किया गया था। ईडी ने संपत्ति के संबंध में कोई कुर्की आदेश जारी नहीं किया है। अदालत ने मुख्य मामले की सुनवाई 14 दिसंबर तय की है।