उदयपुर : विधानसभा चुनाव 2023 में प्रदेश के 3 लाख 73 हजार 257 अधिकारी-कर्मचारियों ने पोस्टल बैलेट के जरिये वोट डाले। इनमें सर्वाधिक 2 लाख 9 हजार 902 यानी 56.24% वोट कांग्रेस को पड़े, जबकि भाजपा को एक लाख 63 हजार 355 यानी 43.46% वोट मिले। प्रदेश की 199 सीटों में से 144 पर कर्मचारियों ने कांग्रेस को सर्वाधिक वोट दिए। उदयपुर जिले की आठ सीटों में से 6 पर कांग्रेस व 2 पर भाजपा को ज्यादा वोट मिले।
कांग्रेस को सबसे ज्यादा 1164 वोट खेरवाड़ा तथा भाजपा को 1093 वोट उदयपुर ग्रामीण सीट पर मिले। इन आठ सीटों पर कांग्रेस को 52.37 प्रतिशत तथा भाजपा को 47.62 प्रतिशत मत मिले। प्रदेश की सीटों की बात करें तो पोस्टल बैलेट का सबसे ज्यादा इस्तेमाल सूरतगढ़ सीट पर हुआ और यहां 4415 वोट पड़े, जबकि सबसे कम डूंगरपुर में सबसे कम 599 वोट डाले गए।
पोस्टल बैलेट से वोटिंग का ट्रेंड बता रहा है कि तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत की योजनाओं का सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों पर सकारात्मक असर रहा, लेकिन यह काम नहीं आया। प्रदेश की जनता ने भाजपा को 115 सीटों की सौगात देकर एक बार कांग्रेस, एक बार भाजपा के ट्रेंड को ही बरकरार रखा है। कांग्रेस को 69 सीटें मिली, जबकि शेष सीटों में से 3 बीएपी, 2 बसपा, 1 आरएलडी और 8 निर्दलीयों के नाम दर्ज हुई।
प्रदेश में कांग्रेस-भाजपा के 6-6 की जब्त
मेवाड़ ने लगातार दूसरे चुनाव में जब्त करवाई भाजपा की जमानत
मेवाड़-वागड़ में किसी भाजपा प्रत्याशी की विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार जमानत जब्त हुई है। वर्ष 2021 में हुए उप चुनाव में वल्लभनगर से भाजपा प्रत्याशी हिम्मतसिंह झाला की जमानत जब्त हुई थी। अब 2023 के चुनाव में चित्तौड़गढ़ से भाजपा प्रत्याशी रहे नरपतसिंह राजवी जमानत नहीं बचा पाए। दूसरी ओर, कांग्रेस ने एक ही चुनाव में भाजपा की बराबरी कर ली।
उप चुनाव में तो कांग्रेस प्रत्याशी की जीत हुई, लेकिन इस चुनाव में मेवाड़-वागड़ से दो प्रत्याशियों चौरासी सीट से पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा और आसपुर सीट से राकेश रोत की जमानत जब्त हुई। पूरे प्रदेश की बात करें तो 2023 के चुनाव में 255 बड़े चेहरों की जमानत जब्त हुई। इनमें 6-6 भाजपा-कांग्रेस के रहे। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों में प्रदेशभर में कांग्रेस के 12 और भाजपा के 3 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई थी।