आयुर्वेद दिवस के उपलक्ष्य में कार्यशाला का आयोजन:जीवन में आयुर्वेद का महत्व एवं उपयोगिता विषय पर दिया व्याख्यान, योग और प्राणायाम नियमित करने की दी सलाह
आयुर्वेद दिवस के उपलक्ष्य में कार्यशाला का आयोजन:जीवन में आयुर्वेद का महत्व एवं उपयोगिता विषय पर दिया व्याख्यान, योग और प्राणायाम नियमित करने की दी सलाह
पिलानी : आयुष मंत्रालय, भारत सरकार तथा सीएसआईआर मुख्यालय के निर्देशानुसार 8वें राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस पर आज सीएसआईआर-सीरी में आयुर्वेद पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में प्रसिद्ध आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. रमेश जाजू, वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सक ने ‘जीवन में आयुर्वेद का महत्व एवं उपयोगिता’ विषय पर व्याख्यान दिया।
कार्यशाला की अध्यक्षता चीफ साइंटिस्ट डॉ. अभिजीत कर्माकर ने की। डॉ. अभिजीत कर्माकर ने बताया कि भारत सरकार द्वारा स्वदेशी चिकित्सा पद्धति के प्रचार-प्रसार के महत्वाकांक्षी अभियान के अंतर्गत देशभर में 11 अक्टूबर से 10 नवंबर की अवधि को आयुर्वेद महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने स्वदेशी चिकित्सा पद्धति में आयुर्वेद की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए अन्य स्वदेशी पद्धतियों की भूमिका को भी रेखांकित किया।
मुख्य अतिथि डॉ. रमेश जाजू ने कहा कि आयुर्वेद स्वस्थ व्यक्ति को स्वस्थ रखने और अस्वस्थ व्यक्ति को स्वस्थ करने की चिकित्सा पद्धति का नाम है। अपने व्याख्यान में उन्होंने शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए आदर्श आहार के साथ-साथ नियमित दिनचर्या, योग तथा प्राणायाम के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
व्याख्यान के उपरांत डॉ कर्माकर ने मुख्य अतिथि डॉ जाजू को शॉल एवं स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। सीरी के प्रशासन नियंत्रक जय शंकर शरण ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए मीडिया एवं जनसंपर्क यूनिट के प्रमुख रमेश बौरा ने अतिथियों का परिचय देते हुए बताया कि आयुष मंत्रालय द्वारा इस वर्ष आयुर्वेद अभियान के लिए ‘आयुर्वेद – प्रत्येक व्यक्ति के लिए प्रतिदिन’ नारा दिया है।
आमंत्रित व्याख्यान के उपरांत संस्थान की डिस्पेन्सरी में चिकित्सा शिविर का भी आयोजन किया गया। चिकित्सा शिविर में संस्थान के कार्मिकों और उनके परिजनों को चिकित्सकीय परामर्श और दवाएं दी गईं। डॉ. जाजू ने संस्थान में सुविधाओं एवं व्यवस्थाओं के लिए निदेशक डॉ. पीसी पंचारिया एवं प्रशासन नियंत्रक के प्रति आभार व्यक्त किया।