बालमुकुंद आचार्य बोले- कांग्रेस ने मुसलमानों से केवल पंक्चर निकलवाए:यहां रहने वाले सनातनी, बाहरी लोग तो इन्हें मुसलमान भी नहीं मानते, पलायन रोकना लक्ष्य
बालमुकुंद आचार्य बोले- कांग्रेस ने मुसलमानों से केवल पंक्चर निकलवाए:यहां रहने वाले सनातनी, बाहरी लोग तो इन्हें मुसलमान भी नहीं मानते, पलायन रोकना लक्ष्य

Rajasthan Election 2023: विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने हवामहल से हाथोज धाम के महंत बालमुकुंद आचार्य को प्रत्याशी बनाकर हिंदुत्व कार्ड खेला है। हवामहल के जरिए बीजेपी किशनपोल और आदर्शनगर सीट को भी साधना चाहती है।
आंकड़ों के लिहाज़ से इन तीनों सीटों में मुस्लिम वोटर बड़ी संख्या में हैं। ऐसे में बीजेपी ने हवामहल से हिंदूवादी चेहरा उतारकर वोटों के धुव्रीकरण करने की कोशिश की है। जिससे उसे एकतरफा बहुसंख्यकों (हिंदू वोटर) के वोट मिल सके।
गुरुवार को जब मीडिया ने तीसरी लिस्ट में हवामहल सीट से प्रत्याशी की घोषणा की तो महंत बालमुकुंद आचार्य के नाम ने हर किसी को चौंकाया।
आखिर क्यों बीजेपी ने बालमुकुंद आचार्य को अपना प्रत्याशी बनाया?
धर्म से राजनीति की राह चलने को लेकर क्या है बालमुकुंद आचार्य की सोच?
राजनीति में आगे के उनके लक्ष्य क्या हैं?
मुस्लिम वोटर्स को लेकर क्या सोचते हैं बालमुकुंद आचार्य?
ऐसे ही तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए मीडिया ने बालमुकुंदाचार्य से बात की। पढ़िए पूरा इंटरव्यू…
मीडिया : क्या आपको पहले से पता था कि टिकट मिल रही है? क्या आपने टिकट की मांग की थी?
बालमुकुंद आचार्य : देखिए धर्म में राजनीति नहीं होती है, लेकिन राजनीति में धर्म होता है। पुराने समय से हमारे राजा-महाराजाओं और देवताओं के दरबार में एक सिंहासन लगता था, जिस पर ऋषि बैठते थे। कहीं-कहीं तो दो सिंहासन लगते थे। न्याय हो, किसी भी प्रकार का अनुचित न्याय नहीं हो। दंड देने का अधिकार संत का होता था। राजा भी कहीं गलती करें तो राजा को भी दंड देने काम भी महात्मा करते थे, संत करते थे।
इसी प्रकार से हम लोग हैं। आज चर्चा हो रही है कि सनातनी लोग या भगवाधारी साधु संत राजनीति में आ रहे हैं। हम तो चाणक्य के समय से राजनीति में है। आज लोकतंत्र है, सबको मत देने का अधिकार हैं और मत मांगने का भी अधिकार हैं। इसलिए हमने भी सेवा का काम लिया है। हमने राष्ट्र धर्म को सोचकर यह काम लिया हैं। हमें राष्ट्र धर्म को निभाना है। उसी के मद्देनज़र काम करना है।

मीडिया : हवामहल विधानसभा को लेकर कौन सा काम है, जो आप सबसे पहले करना चाहेंगे? किसी चीज को सुधारना, बेहतर बनाना चाहते हैं?
बालमुकुंद आचार्य : हमारा जो परकोटा है, वो केवल हवामहल से ही नहीं, बल्कि आदर्श नगर और किशनपोल के साथ हवामहल विधानसभा क्षेत्र से मिलकर बना है। इन तीनों सीटों पर कमल का फूल खिलाना है। भारी मतों से तीनों सीटें जीतनी हैं। संपूर्ण परकोटे का विकास तीनों विधायकों को मिलकर करना है। परकोटा हमारी प्राचीन धरोहर है। इसे अपरा काशी कहा जाता हैं। अपरा काशी का तात्पर्य है कि एक काशी वहां पर है और एक उपकाशी जयपुर है। जहां घर औऱ दुकान कम मंदिर ज्यादा हैं।
परकोटा हमारी प्राचीन धरोहर है। उसे सजाना है, उसका रखरखाव करना है। सुनिश्चित करना है कि पर्यटन ज्यादा से ज्यादा आएं। ट्रैफिक जाम की स्थिति होती रहती है, उसे दूर करना हैं। परकोटे में जो व्यापार चौपट हो गया है, उसे गति मिले। ऐसे बहुत सारे ऐसे काम है जो पिछले 5 साल में नहीं हुए। उन सभी कामों को 5 महीने में करने का संकल्प लिया है। परकोटा जिसे पेरिस भी कहा जाता है। परकोटे में जो समस्याओं से दुखी होकर लोग पलायन कर रहे हैं, उन्हें रोकना औऱ विकास हमारा मुख्य संकल्प है।
मीडिया : जिन तीन विधानसभा सीटों की आप बात कर रहे हैं, वो तीनों मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है। यहां मुस्लिम वोटर जीत-हार तय करेगा। क्या आप मुस्लिम वोटर्स को साथ लेकर चलेंगे?
बालमुकुंद आचार्य : देखिए मुसलमानों का विकास कोई भी सरकार नहीं करना चाहती है। केवल एक भाजपा सरकार है जो मुसलमानों का वास्तव में विकास करना चाहती है। तीन तलाक एक बड़ा विषय था, जिसका निराकरण प्रधानमंत्री मोदी ने किया। तीन तलाक से माता और बहनों को परेशानी हो रही थी। उनका घर बिखर जाता था और वे दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर होती थीं। उस समस्या का निराकरण बीजेपी सरकार ने किया।
आपको मुस्लिम समाज का वास्तविक विकास करना था तो आप शिक्षा के बात करते, आप इनके रोजगार के बात करते, लेकिन स्थिति क्या है। अब तक सरकारों ने केवल माहौल बनाया हैं। सही मायने में भाजपा में ही मुसलमान का विकास है। कड़वी बात कह रहा हूं… कांग्रेस सरकार ने मुसलमानों से केवल पंचर निकलवाने का काम किया है, उससे ज्यादा उनके लिए कुछ नहीं किया। उनको वास्तव में विकास करना था तो उन्हें मुख्यधारा से जोड़ते। उनके यहां भी समृद्धि आती। उनके यहां भी लक्ष्मी की कृपा होती।
लेकिन लक्ष्मी की कृपा तब होगी, जब कमल खिलेगा और कमल पर लक्ष्मी बैठेगी। कमल खिलाने का काम हम भाजपा के कार्यकर्ता करेंगे। हमें बिना भेदभाव के विकास करना है। सनातन की बात सबसे पहले करनी है। सनातन धर्म के संरक्षण व विकास के लिए निरंतर काम करना मुख्य लक्ष्य होगा।
क्योंकि हमारा सनातन पूरी दुनिया में है और जो मुसलमान हैं, वह सभी सनातनी हैं। इनका गोत्र औऱ इतिहास उठाकर देख लो। बाहर के लोग तो इन्हें मुसलमान मानते भी नहीं है। यह बात सबको समझनी होगी। राष्ट्र के साथ चलना होगा। राजधर्म और राष्ट्र धर्म की बात करनी होगी। सबको सामूहिक रूप से भाजपा को जिताना होगा।

मीडिया : लेकिन चर्चा तो यह है कि आपको जो टिकट दिया गया है वो वोटों के ध्रुवीकरण को लेकर दिया गया है। ताकि बीजेपी को हवामहल के साथ बाकी दो अन्य सीटों पर भी फायदा मिले।
बालमुकुंद आचार्य : आपको आश्चर्य होगा कि सभी सनातनी संगठित हैं। साथ में तय किया है कि इस बार सनातन का पक्ष रखने वाली सरकार बनेगी। सनातन का तात्पर्य है प्राचीन, जो न कभी जन्मा न कभी मरा, वह है सनातन धर्म। जिसके अधीन सब आते हैं। हम वसुधैव कुटुंबकम की बात करते हैं। उसमें कोई भेद नहीं होता, उसमें दोनों आंख से सबको बराबर देखते हैं।
इस बार मुसलमान मतदाता भी भाजपा में विश्वास रख रहे हैं और वह 100% भाजपा के साथ खड़े होकर कमल को खिलाने में लगे हैं।
मीडिया : आपने करीब आधा दर्जन उम्मीदवारों की उम्मीदों को तोड़ा है। सुरेंद्र पारीक जिनका टिकट कटा है या जो अन्य दावेदार है, उनको आप साथ कैसे लेकर आएंगे।
बालमुकुंद आचार्य : देखिए टिकट मांगने वाले 10 लोग होते हैं। लेकिन 10 में से किसी एक को मिलना होता है। बीजेपी परिवार में बहुत अच्छी बात है कि यहां 10 लोग भी टिकट मांगे और एक को मिले तो 9 लोग साथ में लग जाते हैं। कोई इधर-उधर नहीं होता है। हमारे यहां वसुधैव कुटुंबकम की बात है तो यह परिवार सामूहिक और संगठित है। भाजपा परिवार में कोई मतभेद नहीं है। यहां कमल का फूल हमारा फेस है और उसकी जो पंखुड़ी है। वह हमारा भाजपा परिवार है। यह विधायकी सुरेन्द्र पारीक की हैं। यह विधायकी मनीष पारीक की हैं। यह विधायकी अग्रवाल साहब, मंजू बहिन और निधि शेखर की भी है। यह सारे मिलकर विधायक हैं और सारे विधायक मिलकर काम करेंगे।

मीडिया : लेकिन जब से आपको टिकट मिला है आपके बाहरी होने की चर्चा चल पड़ी हैं।
बालमुकुंद आचार्य : मेरा जन्म और मेरा घर हवामहल में है। मैं हवामहल में चांदी की टकसाल का निवासी हूं। वहां आज भी मेरा घर है। मेरा परिवार वहां रहता हैं। मैं रोज सुबह से शाम और रात तक परकोटे में रहता हूं। हमारे कई जगह पूजा के स्थान हैं। जयपुर औऱ जयपुर के बाहर भी। पूजा मेरा कर्म हैं। जहां हम सेवा पूजा के लिए जाते हैं। हम पूर्णतया परकोटे से हैं। आप पुराने लोगो से पूछ सकते है कि महाराज़ प्रतिदिन कहां रहते हैं। जो एक-दो व्यक्ति हमें बाहरी कह रहे हैं। वो शायद बाहर से आए हैं। उन्हें मेरे बारे में पता नहीं है।